ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में रेनो ट्राइबर ने मारुति स्विफ्ट और हुंडई ग्रैंड आई10 को पछाड़ा, बनी सबसे सेफ कार
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ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में ट्राइबर को मारुति स्विफ्ट और हुंडई ग्रैंड आई10 निओस (2-स्टार) के मुकाबले 4-स्टार रेटिंग मिली है।
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रेनॉल्ट की सब-4 मीटर एमपीवी ने एक जैसी प्राइस में आने वाली हैचबैक कारों के मुकाबले एडल्ट और चाइल्ड प्रोटेक्शन के मामले में अच्छा स्कोर किया है।
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हुंडई ग्रैंड आई10 निओस का सेगमेंट में ग्लोबल एनकैप स्कोर सबसे खराब रहा है।
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सभी टेस्टेड मॉडल्स में केवल ड्यूल एयरबैग्स दिए गए थे। वहीं, ट्राइबर के टॉप वेरिएंट में चार एयरबैग्स दिए गए थे।
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ट्राइबर और उसकी प्रतिद्व्न्दी कारों की बॉडीशैल इंटीग्रिटी को अस्थिर करार दिया गया है। यह ज्यादा लोड सहने में भी असमर्थ हैं।
सब-4 मीटर एमपीवी क्रॉसओवर रेनॉल्ट ट्राइबर का सीधा मुकाबला भारत में किसी भी कार से नहीं है। वहीं, कीमत के मोर्चे पर इसकी टक्कर मिड-साइज़ हैचबैक कारों से है। ग्लोबल एनकैप की ओर से इस कार का हाल ही में क्रैश टेस्ट किया गया था जिसमें इसे 4-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। यहां देखें ट्राइबर और उसकी प्रतिद्व्न्दी हैचबैक कारों का ग्लोबल एनकैप स्कोर :-
मॉडल |
एडल्ट पैसेंजर प्रोटेक्शन स्कोर (17 में से) |
चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कोर (49 में से) |
रेटिंग |
रेनॉल्ट ट्राइबर |
11.62 |
27.00 |
4 स्टार |
मारुति सुजुकी स्विफ्ट |
7.08 |
16.23 |
2 स्टार |
हुंडई ग्रैंड10 निओस |
7.05 |
15.00 |
2 स्टार |
फोर्ड फिगो# |
10.49 |
14.22 |
3 स्टार |
# - ग्लोबल एनकैप ने एस्पायर का भी टेस्ट किया था। यह सब-4 मीटर सेडान फिगो पर बेस्ड है।
सभी हैचबैक कारों के मुकाबले ट्राइबर ने 64 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर क्रैश टेस्ट में सबसे अच्छा परफॉर्म किया है। वहीं, ग्रैंड आई10 निओस फ्रंट पैसेंजर प्रोटेक्शन और चाइल्ड प्रोटेक्शन के मामले में सबसे खराब रही है। इन सभी कारों की बॉडीशैल रेटिंग को अस्थिर करार दिया गया है। यह सभी कारें 64 किलोमीटर/घंटे की क्रैश टेस्ट स्पीड पर ज्यादा लोड सहने में भी असमर्थ रही हैं। सभी टेस्ट किए गए मॉडल्स में ड्यूल फ्रंट एयरबैग्स लगे हुए थे, लेकिन प्री-फेसलिफ्ट फोर्ड एकमात्र कार थी जिसके बेस वेरिएंट में एबीएस और फ्रंट सीटबेल्ट प्रीटेन्शनर नहीं दिया गया था।
जैसा की क्रैश टेस्ट डमी द्वारा रिकॉर्ड किए गए डाटा से देखा जा सकता है, ट्राइबर में ड्राइवर की छाती की प्रोटेक्शन को मार्जिनल करार दिया गया है, लेकिन फिर भी इसमें अच्छा प्रोटेक्शन मिल पाता है। मारुति स्विफ्ट की तरह ही रेनॉल्ट की इस एमपीवी में फ्रंट पैसेंजर के प्रोटेक्शन को अच्छा बताया गया है। हालांकि, स्विफ्ट में ड्राइवर की फ़ीट पर इतना अच्छा प्रोटेक्शन नहीं मिल पाता है, वहीं हुंडई ग्रैंड आई10 निओस सभी मामलों में सबसे खराब रही है। ट्राइबर का चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कोर काफी अच्छा रहा है। इसमें आईएसओफिक्स एनकरेज फीचर नहीं दिया है, वहीं यह फीचर स्विफ्ट में स्टैंडर्ड मिलता है। ग्लोबल एनकैप रिपोर्ट के अनुसार, इस कार में 3-साल के बच्चे के सिर और छाती के प्रोटेक्शन को ठीकठाक बताया गया है, वहीं 18 महीने के बच्चे के प्रोटेक्शन को अच्छी रेटिंग मिली है। वहीं, स्विफ्ट कार को छोटी चाइल्ड डमी के लिए ख़राब रेटिंग मिली है और बड़ी चाइल्ड डमी के लिए वीक रेटिंग मिली है। इसमें इम्पेक्ट होने पर बच्चा सुरक्षित नहीं रह सकता है।
इन सभी मॉडल्स के अच्छे-खासे फीचर्स से लैस वेरिएंट्स सेफ्टी के मामले में अच्छा स्कोर कर सकते थे यदि इन कारों में अच्छा प्रोटेक्शन स्टैंडर्ड दिया जाता। मगर, इस मामले में रेनॉल्ट ट्राइबर दूसरी कारों से कहीं ज्यादा बेहतर साबित हुई है। बता दें कि निसान मैग्नाइट पर बेस्ड काइगर को भी एशियन एनकैप क्रैश टेस्ट में 4-स्टार रेटिंग मिल चुकी है।
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Renault India vehicles maintainance price is too high. Also their Duster variant 110 psi is haviing injector problems for many years.