रेनो ट्राइबर : ये हैं इस 7 सीटर कार से जुड़ी पांच बातें जो हमने रिव्यू से जानीं
संशोधित: जून 07, 2021 06:16 pm | स्तुति
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रेनो ट्राइबर (Renault Triber) इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में है। हाल ही में ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में इस गाड़ी को 4-स्टार रेटिंग मिली है जिसका वीडियो आप नीचे देख सकते हैं। इस कार को अपनी प्रैक्टिकेलिटी के लिए जाना जाता है।
हमने हाल ही में ट्राइबर का लॉन्ग टर्म रिव्यू करने के लिए इसके मैनुअल और एएमटी दोनों वेरिएंट्स को चलाकर देखा है। इस कार के साथ करीब 5000 किलोमीटर का सफर बिताने के बाद हमें इससे जुड़ी 5 बातें पता चली जिसके बारे में आप जानेंगे यहां:-
स्पेशियस कार
ट्राइबर एक 7-सीटर कार है। यह एक एवरेज साइज़ फैमिली के हिसाब से बेहद अच्छी कार है। हम सात लोगों ने ट्राइबर के अंदर बैठ कर कॉफी शॉप पर जाने का निर्णय लिया। इस गाड़ी ने हमें काफी आश्चर्यचित किया और यह हमें बिलकुल भी असुविधाजनक नहीं लगी। हमारा मानना है कि यह शॉर्ट सिटी ट्रिप्स पर ले जाने के हिसाब से बेहद अच्छी कार है। इसमें स्लाइडिंग मिडल रो सीट दी गई है साथ ही इस गाड़ी में थर्ड रो पैसेंजर्स को अच्छा खासा लेगरूम स्पेस भी मिलता है। हालांकि, इसमें सात लोगों के बैठने के बाद सबसे बड़ी कमी बूट स्पेस ना मिलने की महसूस होती है।
इस गाड़ी की थर्ड रो सीटें रिमूवेबल हैं। इनको हटाकर इसमें हैचबैक कारों से ज्यादा स्पेस तैयार किया जा सकता है। ऐसे में इसमें जरूरी सामान को आसानी से रखा जा सकता है। जयपुर से पुणे आते समय मैंने मेरे एक महीने के लगेज और बीन बैग को गाड़ी के बूट में रख दिया था। यदि आप भी कई सारे लगेज के साथ कार में घूमने जाने का सोच रहे हैं तो ऐसे में ट्राइबर आपके लिए एक अच्छी कार साबित होगी। इसकी स्टोरेज कैपेसिटी के बारे में जानने के लिए यहां देखें ट्राइबर और मारुति अर्टिगा का कंपेरिजन वीडियो।
दमदार राइड क्वॉलिटी
रेनॉल्ट की कारों की राइड क्वॉलिटी हमेशा से दमदार रही है। डस्टर की तरह ही ट्राइबर भी कॉम्पेक्ट कार सेगमेंट में बेंचमार्क सेट करने में सक्षम रही है। इसके सस्पेंशन थोड़े आवाज़ करते हैं, इसके अलावा इससे आपको कोई और शिकायत नहीं आएगी। यह गाड़ी स्पीड ब्रेकर्स को आसानी से पार कर लेती है और सरफेस की हार्शनैस को पैसेंजर्स को बिलकुल भी महसूस नहीं होने देती है। इसका ग्राउंड क्लियरेंस भी बेहद अच्छा है। ट्राइबर ख़राब व उबड़ खाबड़ सड़कों पर चलाने के हिसाब से बेहद अच्छी है। यह गाड़ी एकदम बैलेंस्ड राइड देती है। हालांकि, इसका केबिन सात पैसेंजर्स के बैठे होने के बाद थोड़ा बाउंसी लगता है। राइड क्वॉलिटी के बारे में जानने के लिए यहां देखें रेनो ट्राइबर का फर्स्ट ड्राइव रिव्यू।
प्रीमियम टच
ट्राइबर की प्रेक्टिकेलिटी सिर्फ स्पेस और राइड तक ही सीमित नहीं है। इसके केबिन की डिज़ाइन पर भी काफी ध्यान दिया गया है, यह बेहद प्रेक्टिकल लगता है। इसमें कई सारे स्टोरेज ऑप्शंस दिए गए हैं जैसे मोबाइल फोन ट्रे, कप होल्डर्स, दो ग्लव बॉक्स और कूल्ड स्टोरेज। इसके डोर पॉकेट को भी अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया है।
यह गाड़ी कई काम के फीचर्स के साथ आती है। इसमें स्मार्ट की दी गई है जिससे कार को ऑटोमेटिकली लॉक व अनलॉक किया जा सकता है। इसके अलावा इसमें पुश बटन स्टार्ट, रियर एसी वेंट्स, अच्छा साउंड सिस्टम और अच्छी ऑल राउंड विज़िबिलिटी भी मिलती है। यहां देखें रेनो ट्राइबर का लॉन्ग टर्म रिव्यू।
इंजन से हैं कुछ शिकायतें
ट्राइबर में 1.0-लीटर थ्री सिलेंडर इंजन दिया गया है जिसका रिफाइनमेंट लेवल और पावर इतनी अच्छी नहीं है। हालांकि, शॉर्ट गियर लगाने पर आपको सिटी में पावर की कमी बिलकुल महसूस नहीं होगी। वहीं, जंगल में ड्राइविंग के दौरान क्रूजिंग और ओवरटेकिंग करते समय इसमें पावर की कमी बिलकुल भी महसूस नहीं हुई।
हालांकि, हाइवे पर ट्राइबर अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर लगती है। 120 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर इसके इंजन की आवाज़ ऐसी लगती है कि जैसे इसके साथ टॉर्चर किया जा रहा हो। मेरे 1260 किलोमीटर के रोड ट्रिप में मैं हर 30 से 40 किलोमीटर में 110 किलोमीटर/घंटे की रफ्तार से क्रूज़ करने के बाद कार को 90 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर ले आया। इसका केबिन इन्स्युलेशन लेवल इतना ज्यादा दमदार नहीं है, ऐसे में मुझे तेज़ एसी कम्प्रेसर की आवाज़ भी सुनने को मिली। एएमटी गियरबॉक्स के बावजूद भी सही तरह से एसेलेरेट करने पर भी गाड़ी से अच्छी स्पीड नहीं मिलती है। यहां देखें रेनो ट्राइबर एएमटी का रोड टेस्ट रिव्यू।
एएमटी ऑप्शन अच्छा है, लेकिन स्लो है
ट्राइबर एएमटी एक अच्छी अर्बन और प्रैक्टिकल फैमिली कार हो सकती थी। इसका केबिन और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स ज्यादा बेहतर हो सकता था जिसके चलते यह कार हर फैमिली की विशलिस्ट में टॉप पर रहती। इसका एएमटी गियरबॉक्स गियर काफी स्लो है। इसमें ओवरटेकिंग के दौरान पहले से ही प्लानिंग करने की जरूरत पड़ती है और एसेलेरेशन से पहले ड्राइवर को कई बार सोचना पड़ता है। यह गाड़ी 100 किलोमीटर/घंटे की स्पीड पर पहुंचने में मैनुअल वेरिएंट के मुकाबले चार सेकंड धीमी है।
यदि आप सिटी में छोटे गैप्स से आगे निकलने में इच्छुक नहीं है और ना ही ओवरटेकिंग पसंद करते हैं तो ऐसे में आपको ट्राइबर एएमटी से कोई शिकायत नहीं होगी। मैनुअल ट्रांसमिशन के मुकाबले एएमटी गियरबॉक्स छोटे थर्ड गियर का इस्तेमाल करता है जिसके चलते इसमें कम गियर शिफ्ट होते हैं। इसमें शिफ्ट के दौरान झटका भी महसूस नहीं होता है। हमने ट्राइबर मैनुअल और एएमटी के माइलेज का भी टेस्ट किया था, इसका रिव्यू आप यहां पढ़ सकते हैं।
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