मारूति पेश करेगी सात नई कारें, अगले तीन साल में आएंगी
मारूति सुज़ुकी, भारतीय ग्राहकों की सबसे पंसदीदा और भरोसेमंद कार कंपनी है, फिलहाल भारतीय बाज़ार में कंपनी की हिस्सेदारी 47 फीसदी की है। आने वाले वक्त के लिए कंपनी ने नई रणनीति और लक्ष्य तय किए हैं… इन में नई इंजन रेंज़, नए प्लेटफॉर्म, नए मॉडल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के नए विकल्प लाना है, इन के अलावा बिक्री के मामले में भी कंपनी ने सालाना 20 लाख कारों की बिक्री का लक्ष्य रखा है।
भारत में मारूति की सबसे महंगी पेशकश एस-क्रॉस है, इसके टॉप वेरिएंट की कीमत 12.04 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। कंपनी ने इस वित्तीय वर्ष में ऑटो गियरशिफ्ट (एजीएस), सीवीटी और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स से लैस 1.5 लाख कारें बेचने का लक्ष्य रखा है, जबकि साल 2020 तक इस आंकड़े को 3 लाख यूनिट तक पहुंचाने का लक्ष्य है, मौजूदा बिक्री का आंकड़ा 94,000 के करीब है।
मारूति सुज़ुकी इंडिया लि. के कार्यकारी निदेशक (आर एंड डी) सीवी रमन ने कहा है कि कंपनी डिजायर सेडान के नीचे वाले सभी मॉडलों को एजीएस टेक्नोलॉजी से लैस करने की योजना पर काम कर रही है, जबकि बलेनो के बाद वाले मॉडलों में सीवीटी और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स देने की योजना बना रही है। एजीएस टेक्नोलॉजी का सेलेरियो मॉडल की बिक्री में 40 फीसदी, वैगन-आर की बिक्री में 13 फीसदी, ऑल्टो के-10 की बिक्री में 15 फीसदी और इग्निस की बिक्री में 26 फीसदी का योगदान है।
सीवी रमन ने कहा है कि मारूति अपनी प्रोडक्शन क्षमता का भी विस्तार कर रही है, कारों की लागतों को कम करने के लिए कंपनी स्थानीय स्तर पर ही पार्ट्स और कंपोनेंट तैयार कर रही है। अप्रैल 2020 तक कंपनी सभी मॉडलों को बीएस-6 मानकों के अनुरूप ढाल देगी, बीएस-6 मानकों वाली कारें ज्यादा माइलेज देंगी और ये ज्यादा सुरक्षित भी होंगी।
सीवी रमन ने कहा है कि कंपनी साल 2020 तक कुल 15 मॉडलों को भारत में उतारेगी, जिन में आठ को पहले ही लॉन्च किया जा चुका है।