मारुति ने मानेसर प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाई, अब हर साल 9 लाख कारें तैयार होंगी
प्रकाशित: अप्रैल 09, 2024 07:15 pm । सोनू
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नई असेंबली लाइन जोड़ने से प्लांट की प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ गई है और सबसे पहली यूनिट अर्टिगा की तैयार हुई है
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मानेसर प्लांट की नई असेंबली लाइन की क्षमता हर साल 1 लाख कारों को तैयार करने की है।
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मानेसर प्लांट में अर्टिगा के अलावा ब्रेज़ा, एक्सएल6, सियाज़ और वैगन आर जैसी कारों को भी मैन्युफैक्चर किया जाता है।
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मारुति टोयोटा के साथ शेयर्ड कारों के निर्माण के लिए भी इस एडिशनल असेंबली लाइन का उपयोग कर सकती है।
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कंपनी की योजना अगले 7 से 8 वर्षों में अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी को 40 लाख यूनिट प्रति वर्ष तक बढ़ाने की है।
मारुति के भारत में कई मैन्युफैक्चरिंग प्लांट मौजूद हैं जिनमें से तीन मानेसर में स्थित हैं। इन तीन प्लांट में से मारुति ने प्लांट-ए में 1 लाख यूनिट प्रति वर्ष की प्रोडक्शन केपेसिटी वाली एक नई असेंबली लाइन स्थापित की है।
इस फैसिलिटी में नई असेंबली लाइन स्थापित होने से मानेसर प्लांट की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़कर 9 लाख यूनिट प्रति वर्ष पहुंच गई है। हाल ही में मारुति ने 3 करोड़ कारें तैयार करने का भी रिकॉर्ड बनाया था जिनमें से 95 लाख कारों को मानेसर प्लांट में ही तैयार किया गया था। यह नई असेंबली लाइन फंक्शनल है और इस पर सबसे पहले मारुति अर्टिगा को तैयार किया गया है।
यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि इस नई असेंबली लाइन पर मारुति की कौनसी कारों को मैन्युफैक्चर किया जाएगा। मारुति अपने मानेसर प्लांट में सियाज़, एक्सएल6, सेलेरियो, ब्रेज़ा, वैगनआर, डिजायर और एस-प्रेसो जैसी कारों को तैयार कर रही है।
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इस नई असेंबली लाइन के जुड़ने से कंपनी को ना केवल एक साल में ज्यादा कारें बनाने में मदद मिलेगी, बल्कि मारुति की कारों पर चल रहा वेटिंग पीरियड भी कम हो जाएगा, खासकर अगर मारुति इसका उपयोग टोयोटा के साथ अपने शेयर्ड कारों के निर्माण के लिए करती है जिस पर वर्तमान में सबसे ज्यादा वेटिंग पीरियड चल रहा है। उदाहरण के लिए टोयोटा रुमियन पर वर्तमान में 15 महीने तक का वेटिंग पीरियड चल रहा है।
वर्तमान में मारुति सुजुकी की कुल उत्पादन क्षमता प्रति वर्ष 23.5 लाख कार को तैयार करने की है। अब कंपनी अगले 7 से 8 वर्षों में अपनी मैन्युफैक्चरिंग केपेसिटी को 40 लाख यूनिट प्रति वर्ष तक बढ़ाने की योजना बना रही है।
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