निसान के चेन्नई प्लांट में पूरी हिस्सेदारी लेगी रेनो
संशोधित: अप्रैल 01, 2025 11:40 am | भानु
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ये तो हम सब जानते हैं कि इस समय निसान काफी मुश्किलों का सामना कर रही है और इससे बाहर निकलने का पूरा प्रयास भी कर रही है। इससे यह सवाल उठता है कि तमिलनाडु के चेन्नई में रेनो-निसान पार्टनरशिप के मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट का क्या होगा। रेनो ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वह निसान के साथ शेयर परचेज डील करेगी, जिसके तहत निसान के इस प्लांट में रेनो 51 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेगी। इस ट्रांजेक्शन के बाद, चेन्नई प्लांट में रेनो की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी और 2025 की पहली छमाही तक ट्रांजेक्शन पूरा होने की उम्मीद है।
रेनो के लिए इसके मायने क्या?
इस कदम से रेनो को इस प्लांट में 100 प्रतिशत की ओनरशिप मिल जाएगी जिससे कंपनी अपने घरेलू और एक्सपोर्ट बिजनेस को बढ़ाएगी। इस प्लांट में हर साल 4 लाख यूनिट्स तैयार की जा सकती है।
भारत में निसान कहां तैयार करेगी कारें?
निसान की नई कारें भी इसी प्लांट से तैयार होकर निकलती रहेंगी और इस मोर्चे पर कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही, निसान के टेक्नोलॉजी और बिजनेस सेंटर दोनों की ओनरशिप और ऑपरेशन अप्रभावित रहेगी, जहां रेनो के पास 51 प्रतिशत और निसान के पास 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
दोनों कारमेकर्स के आगे का प्लान क्या?
दोनों कंपनियों की ओर से नए प्रोडक्ट्स जल्द लॉन्च किए जाएंगे। रेनो इस साल के आखिर तक काइगर और ट्राइबर के अपडेटेड वर्जन को लॉन्च कर सकती है। निसा भी एक एंट्री लेवल एमपीवी पर काम कर रही है जो कि रेनो ट्राइबर पर बेस्ड होगी। इसे भी इस साल के आखिर तक लॉन्च किया जा सकता है।
सबसे बड़ी खबर ये भी है कि 2026 तक दो नई एसयूवी कारें भी मार्केट में लॉन्च की जाएंगी। दोनों कारमेकर्स एक कॉम्पैक्ट और एक मिड साइज एसयूवी के साथ कमबैक करेगी जिनमें से एक रेनो डस्टर और शायद एक निसान टेरानो हो सकती है। इसके अलावा इन्ही कारों के 7 सीटर वर्जन भी पेश किए जाएंगे।