ये हैं भारत की पुरानी टॉप 5 आईकॉनिक कारें जो फिर हो सकती हैं लॉन्च
प्रकाशित: जनवरी 27, 2021 05:18 pm । भानु । महिंद्रा थार
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कई कंपनियों ने अपनी कुछ पाॅपुलर कारों के नाम को भुनाने के इरादे से अपनी नई कारों को उन नामों से उतारने की कोशिश की है। हम यहां उन कारों की बात कर रहे हैं जिनकी सड़कों पर बादशाहत कई सालो तक रही। इनमें से कुछ कारों को दोबारा पेश किया गया तो कुछ को फिर से पेश किए जाने की योजनाएं बनाई जा रही है। ऐसे में हमने ऐसी पांच कारों की एक लिस्ट बनाई है जिन्हें हर कोई दोबारा लाॅन्च होते देखना चाहेगा।
महिंद्रा थार
महिंद्रा थार को सबसे पहले 1949 में लाॅन्च किया गया था। चूंकि अब इसका न्यू जनरेशन माॅडल लाॅन्च कर दिया गया है, ऐसे में ये आज भी ही उतनी ही पाॅपुलर है जितना की पहले थी। न्यू जनरेशन महिंद्रा थार पूरी तरह से एक माॅर्डन एसयूवी जैसी है। मगर हमने यहां इस लिस्ट में इसके 1949 वाले माॅडल को ध्यान में रखते हुए शामिल किया है। पुरानी थार की जीप जैसी डिजाइन और दमदार बिल्ड क्वालिटी के चलते इसे ग्राहकों का काफी प्यार मिला था। ये इतनी दमदार थी कि उस समय की खस्ताहाल सड़कों से लेकर इसे ऐसे रास्तों पर भी ले जाया जा सकता था जहां सड़क का कोई नामोनिशान नहीं था। उस समय भी इस कार में ऑल व्हील ड्राइव सिस्टम दिया जाता था जो किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम था।
हालांकि जैसे जैसे हमारा देश तरक्की करता गया तो यहां की सड़कों की सूरत भी बदलती गई। वहीं कारों को दमदार बनाए जाने से ज्यादा उन्हें प्रीमियम बनाए जाने के चलते महिंद्रा थार की मार्केट से पकड़ ढीली होती चली गई। लेकिन अब बाजार में आए महिंद्रा थार के न्यू जनरेशन माॅडल में वो सब बातें मौजूद है जो आज के ग्राहक उम्मीद करते हैं। ये कार दमदार होने के साथ साथ फीचर लोडेड भी है। इस तरह का बदलाव होने के चलते अब आलम ये है कि थार फिर से बहुत ज्यादा पाॅपुलर हो चली है और कंपनी इसकी मार्केट में डिमांड ही पूरी नहीं कर पा रही है। नई थार पर इस समय 6 से 9 महीने तक का वेटिंग पीरियड दिया जा रहा है।
टाटा सफारी
टाटा सफारी एक ऐसे दौर में लाॅन्च हुई जहां भारी भरकम और ऑल व्हील ड्राइव वाली कारों का बाजार में क्रेज था। सफारी काफी बड़ी कार थी जिसमें पैसेंजर्स आराम से बैठ सकते थे और ये लंबे समय तक साथ निभाने वाली एक दमदार एसयूवी थी। टाटा सफारी स्टाॅर्म नाम से दोबारा पेश की गई इस एसयूवी की 3000 यूनिट्स भारतीय सेना के बेड़े में शामिल की गई थी। इसके बाद टाटा ने 2019 में इसे बंद कर दिया और अब 2021 में ये एक बार फिर से नए अवतार में सामने आ चुकी है। हालांकि नई टाटा सफारी 2021 अपने पिछले जनरेशन माॅडल्स से बिल्कुल अलग होगी, मगर ऐसा माना जा रहा है कि ये अपने सफारी नाम के ब्रांड की इमेज ठीक वैसी ही बरकरार रखेगी जो कि पहले हुआ करती थी।
मारुति जिप्सी
मारुति जिप्सी को 1985 में लाॅन्च किया गया था। उस समय जिप्सी को एक ऐसे ऑफ रोड व्हीकल के तौर पर पेश किया गया था जो कि कच्चे रास्तों पर ले जाई जा सके। इसमें ना तो कोई शानदार फीचर्स मौजूद थे और ना ही लाइव एक्सल एवं लीफ स्प्रिंग सस्पेंशंस दिए गए थे। इन सबके बावजूद जिप्सी को काफी पॉपुलैरिटी मिली। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों, पुलिसकर्मियों, सेनाधिकारियों द्वारा किया गया और साथ ही साथ ये कार रैली में भी इस्तेमाल की जाती थी।
2019 में इसे बंद करने का फैसला कर लिया गया। हालांकि इसके बाद ऑटो एक्सपो 2020 में मारुति ने एक चौंका देने वाला काम किया। मारुति सुजुकी ने यहां जिम्नी के चौथे जनरेशन माॅडल को शोकेस कर दिया और साथ ही में ये भी वादा किया कि आने वाले कुछ सालों में इसे भारत में लाॅन्च भी किया जाएगा। माना जा रहा है कि इसे यहां जिप्सी नाम से ही उतारा जाएगा। पिछली बार की तरह मारुति यहां जिम्नी एसयूवी का लाॅन्ग व्हीलबेस वर्जन उतार सकती है।
टाटा सिएरा
1991 में लाॅन्च हुई टाटा सिएरा में उस वक्त पावर स्टीयरिंग, पावर विंडोज़ और बड़ी सी कर्वी शेप की फिक्सड रियर विंडो जैसे फीचर्स मौजूद थे। उस समय इस कार की तुलना में ऐसी कोई कार मौजूद नहीं थी। मार्केट में ये कार एक दशक तक रही मगर इसके बाद बाजार में बढ़ते काॅम्पिटशन और नई कारों के आ जाने से इसकी पाॅपुलैरिटी कम होती चली गई। उस समय किसी के पास सिएरा होने का मतलब काफी शान की बात समझा जाता था।
टाटा यदि सिएरा का ईवी काॅन्सेप्ट 2020 ऑटो एक्सपो में शोकेस ना करती तो इस लिस्ट में इसे शामिल करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। ऑटो एक्सपो में जिसने भी इस काॅन्सेप्ट को देखा उनकी यादें फिर से ताजा हो गई। हालांकि टाटा, सिएरा के काॅन्सेप्ट को किस प्रोडक्शन फाॅर्म में लाएगी इसे लेकर तो कोई जानकारी नहीं दी है। मगर इतना जरूर कहा जा सकता है कि इसमें कुछ डिजाइन एलिमेंट्स सिएरा वाले ही देखने को मिल सकते हैं।
हिंदुस्तान एंबेस्डर
इस आर्टिकल में यदि एंबेस्डर को शामिल ना किया तो ये काफी अधूरा रह जाता। 50 सालों तक राज करने वाली इस कार को ज्यादा अपडेट्स नहीं दिए गए मगर इसकी अब जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है। 2014 में आखिरी बार एंबेस्डर का प्रोडक्शन किया गया था। इसे दशकों पहले तक एक ‘सरकारी कार’ के रूप में ही पहचाना जाता था। बाद में ये टैक्सी, सरकारी बेड़े की कार और सैन्य बेड़े आदि के रूप में भी इस्तेमाल की जाने लगी। ऐसे में एंबेस्डर लगभग हर जगह नजर आने लगी जो अब लोगों को काफी याद भी आती है।
2017 में फ्रांस के प्यूजो-सिट्राॅएन (पीएसए ग्रुप) ने सीके बिरला ग्रुप को 80 करोड़ रुपये देकर एंबेस्डर नाम के अधिकार उनसे ले लिए। इसके बाद ऐसा माना जाने लगा कि ये ग्रुप एंबेस्डर कार को फिर से तैयार कर सकता है। मगर, आज तीन साल होने को आए लेकिन सिट्राॅएन की ओर से इस बात की कोई पुष्टि नहीं की गई है। ऐसे में हम इतना ही कह सकते हैं कि ये कार वापसी कर सकती है क्योंकि इसके पीछे 60 सालों का एक ठोस इतिहास है और इस नाम में इतना दम है कि ये दशकों और यहां तक कि शताब्दियों तक लोगों के जहन में रहने वाला है।
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