टेस्ला को इंपोर्ट ड्यूटी में राहत नहीं, भारत में फिलहाल लॉन्च नहीं होंगी कंपनी की कारें
संशोधित: मई 18, 2022 04:28 pm | स्तुति | टेस्ला मॉडल 3
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टेस्ला ने केंद्र से फुली इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क को 100 प्रतिशत से घटाकर 40 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है।
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भारत सरकार ने इन्सेंटिव मांगने से पहले टेस्ला को अपनी कारों का प्रोडक्शन भारत में ही करने की सलाह दी है।
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि टेस्ला का चीन से इलेक्ट्रिक वाहनों का आयात करना अच्छा प्रस्ताव नहीं होगा।
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मौजूदा टैरिफ लगने पर टेस्ला मॉडल 3 की कीमत लगभग 60 लाख रुपये तक पहुंच जाएगी।
भारत में टेस्ला की अपकमिंग ईवी कारों की लॉन्चिंग एक बार फिर टल गई है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने अपनी स्थानीय योजनाओं पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी है। ऐसा लगता है कि कंपनी ने केंद्र के साथ फुली इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कारों पर लगने वाले शुल्क को कम करने के बारे में बहुत विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है। अब तक इसे लेकर कोई अनुकूल परिणाम भी नहीं मिला है।
2020 के अंत में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कन्फर्म किया था कि टेस्ला 2021 तक भारत में अपने ऑपरेशन शुरू करने की योजना बना रही है। कंपनी बेंगलुरु में अपना ऑफिस रजिस्टर कर चुकी है और यहां तक की सात मॉडल के आने की पुष्टि भी कर चुकी है।
जब टेस्ला ने भारत सरकार से फुली इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगाए जाने वाले आयात शुल्क में कमी की मांग को लेकर संपर्क किया इसके कुछ समय बाद मॉडल 3 और मॉडल वाय को कई बार टेस्टिंग के दौरान भी देखा गया। कंपनी इंपोर्ट ड्यूटी कम करवा के कारों की कीमतों को कम रखने की कोशिश कर रही है।
इंपोर्ट होने वाली कारों पर लगने वाला आयात शुल्क 100 प्रतिशत (कार का मूल्य) है जो टेस्ला लगभग 40 प्रतिशत चाहती थी। कंपनी भारतीय ऑपरेशंस में निवेश करने से पहले अपनी इलेक्ट्रिक कारों पर मिलने वाले रिस्पांस को भी टेस्ट करना चाहती थी। हालांकि, सरकार ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया और कंपनी को सलाह दी कि वह अपनी कारों को भारत में ही तैयार करे।
अनुमान लगाए जा रहे थे कि भारत में टेस्ला की पहली कार मॉडल 3 हो सकती है जिसे इंपोर्ट करके बेचा जाएगा। बता दें कि टेस्ला मॉडल 3 यूएसए वर्जन की प्राइस लगभग 36.4 लाख रुपए के आसपास है। भारत सरकार द्वारा लगाए जाने वाले आयात शुल्क का मतलब होगा कि यहां इसकी कीमत 60 लाख रुपये से ज्यादा होगी।
वहीं, नितिन गडकरी ने यह भी दावा किया था कि टेस्ला कारों की कीमत भारत में 35 लाख रुपये से शुरू होगी, लेकिन इसके बारे में कंपनी ने कोई पुष्टि नहीं की थी। अप्रैल 2022 में गडकरी ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि टेस्ला के लिए चीन में बने वाहनों को आयात करना एक अच्छा प्रस्ताव नहीं होगा।
अब ऐसा नहीं लगता है कि टेस्ला जल्द ही भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री शुरू करेगी। सरकार की इम्पोर्ट ड्यूटी पर लगने वाले टैरिफ को कम करने को लेकर रुख बदलने की संभावनाएं भी कम ही लगती है, ऐसे में इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदना एक महंगा सौदा साबित हो सकता है।
वहीं, मर्सिडीज़ बेंज पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वह अपनी ईवी कारों (खासकर इक्यूएस लग्ज़री सेडान) को भारत में ही तैयार करेगी। जबकि, टाटा का ईवी सेगमेंट में मास मार्केट कारों के साथ अच्छा-ख़ासा दबदबा है। हुंडई और एमजी भी ईवी कारों को उतारने में लगी हुई है, लेकिन इन कंपनियों की अपकमिंग ईवी कारें थोड़ी महंगी जरूर होंगी।
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