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मारुति के डीजल इंजन वाले मॉडल्स का मार्केट में फिर से लौटना अब नामुमकिन, कंपनी के अधिकारियों ने किया कंफर्म

प्रकाशित: नवंबर 30, 2021 10:57 am । भानु

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हाल ही में मारुति सुजुकी इंडिया के चीफ टेक्निकल ऑफिसर सीवी रमन पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कंफर्म कर दिया कि अब बाजार में मारुति की कोई डीजल कार आने के चांस बिल्कुल खत्म हो चुके हैं।

रमन ने कहा कि “हम डीजल सेगमेंट में अब वापसी नहीं करेंगे। हालांकि हमनें कुछ दिनों पहले इसपर गहराई से मंथन करने के संकेत दिए थे और कहा था कि यदि डिमांड मिलती है तो फिर हम डीजल इंजन के साथ  वापसी कर सकते हैं मगर अब हमारा ऐसा कोई विचार नही है।”

BS6 Emission Norms Are Now In Effect

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के चीफ टेक्निकल ऑफिसर ने इस फैसले के पीछे की सबसे बड़ी वजह 2023 से लागू होने जा रहे सख्त एमिशन नॉर्म्स हैं जिसे लेकर कंपनी का मानना है कि इसके बाद एक डीजल इंजन तैयार करना और ज्यादा महंगा साबित होगा। इसके अलावा कंपनी का मानना है कि डीजल पावर वाली कारों का मार्केट शेयर और कम हो जाएगा। मारुति ने 2019 में डीजल इंजन वाली कारों कों बंद करने का ऐलान करते वक्त भी यहीं कारण गिनाए थे।

डीजल इंजन के बजाए अब कंपनी अपना पूरा ध्यान ज्यादा फ्यूल एफिशिएंट पेट्रोल कारों पर रखेगी। मारुति ने हाल ही में न्यू जनरेशन सिलेरियो को लॉन्च किया है। इसमें दिया गया के10सी 1 लीटर इंजन दिया गया है और इसकी फ्यूल इकोनॉमी 26.68 किलोमीटर प्रति लीटर बताई गई है।

अप्रैल 2020 से पहले तक मारुति की कोई भी डीजल कार इतना शानदार माइलेज देने में सक्षम नहीं थी।

मारुति के लाइनअप में 1.2 लीटर और 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन भी शामिल है। 1.2 लीटर इंजन के साथ कुछ मॉडल्स और वेरिएंट्स में माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी का फीचर भी दिया जा रहा है। वहीं 1.5 लीटर पेट्रोल वाले सभी मॉडल्स में माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी दी गई है। इसके अलावा मारुति 2025 से पहले इलेक्ट्रिक व्हीकल लॉन्च नहीं करने की बात कह चुकी है। मगर कंपनी माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से ही कम कार्बन उत्सर्जन की दिशा में काम करेगी।

Maruti Vitara Brezza Mild Hybrid

इसके अलावा मारुति अपनी कई कारों में सीएनजी का ऑप्शन भी देना शुरू करेगी। अभी कंपनी के लाइनअप में केवल ऑल्टो,एस प्रेसो,वैगन आर,इको और अर्टिगा में ही फैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट दिया जा रहा है। सीएनजी ऑप्शन का अपना एक ड्रॉबैक ये भी है कि इसमें प्रति टैंक फिलिंग के बाद कम रेंज  मिलती है जिससे आपको बार बार रीफ्यूलिंग के लिए जाना पड़ता है।

इसके अलावा मारुति फ्लेक्स फ्यूल इंजन भी तैयार करने पर विचार कर रही है। बता दें कि डीजल इंजन बंद करने का फैसला करने वाली मारुति एकमात्र कंपनी नहीं है। फोक्सवैगन और स्कोडा ने भी भारत में अब डीजल इंजन वाली कार ना तैयार करने का फैसला कर लिया है। वहीं दूसरी कंपनियां भी जल्द ही ये प्रक्रिया शुरू कर देगी।

हालांकि अभी हुंडई,टाटा,किआ,महिंद्रा का डीजल मॉडल्स को बंद करने का कोई विचार नहीं लग रहा है। इसका कारण ये भी हो सकता है कि इन सभी ब्रांड्स के पोर्टफोलियो में मारुति कारों से कुछ ज्यादा बड़ी और प्रीमियम कारे मौजूद है।

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