अब तक कितनी अपडेट हो चुकी है सीएनजी कार टेक्नालॉजी और कैसा है इसको लेकर लोगों का नजरिया, जानिए यहां
प्रकाशित: जून 01, 2023 07:45 pm । स्तुति
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सीएनजी को पेट्रोल के मुकाबले एक ज्यादा सस्ते ऑप्शन के तौर पर देखा जाता था और यह फ्यूल ऑप्शन पहले कैब ड्राइवर्स के बीच काफी पॉपुलर था। सीएनजी को लेकर अब लोगों का कितना बदल गया है नज़रिया, जानेंगे आगे
जब सीएनजी कारों की बात आती है तो दिमाग में सबसे पहला ख्याल 'सस्ता' होने का आता है। भारत में सीएनजी मॉडल्स 2000 की शुरुआत से पसंद किए जाने लगे और सीएनजी किट को पहले कारों में रेट्रो फिटेड ऑप्शन के तौर पर दिया जाता था। लेकिन, अब सीएनजी टेक्नोलॉजी को लेकर चीज़ें काफी बदल गई हैं और यह पहले से ज्यादा बेहतर हो गई हैं। चलिए जानते हैं पिछले कुछ सालों में सीएनजी ऑप्शन मार्केट कितना बदल गया है:
पेट्रोल के मुकाबले ज्यादा सस्ता ऑप्शन
जैसा कि हमनें ऊपर भी बताया है, सीएनजी का ऑप्शन कार खरीदारों के बीच वर्ष 2000 से ही काफी पॉपुलर हो गया था जब इसे रेट्रो-फिटेड फ्यूल के तौर दिया जाता था। यह पेट्रोल के मुकाबले एक लो-कॉस्ट ऑप्शन था और इसे मेंटेन करना भी काफी आसान था।
मारुति अपनी कारों में फैक्ट्री-फिटेड सीएनजी किट देने वाली सबसे पहले कार कंपनी थी। कंपनी ने कई सारी सीएनजी कारें पेश की थी जिसकी शुरुआत सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल ऑल्टो से हुई थी।
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नज़रिए में बदलाव
जब सरकार ने गाड़ियों में नए फ्यूल ऑप्शन के रूप में सीएनजी पावरट्रेन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था तब पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर सबसे ज्यादा फोकस रखा गया था और यह पेट्रोल-डीजल की तुलना में कम पॉल्यूशन फैलाने वाला ऑप्शन था। परिणाम स्वरुप, यह बाजार में कैब चलाने वालों के बीच एक पॉपुलर चॉइस बन गया था जिससे प्राइवेट कार ओनर्स सीएनजी ऑप्शन को चुनने से कतराने लगे थे।
हालांकि, बदलते समय के साथ कार खरीदारों की धारणा भी सीएनजी को लेकर बदलने लगी और कंपनियों ने अपने मॉडल्स को फ़ैक्ट्री फिटेड सीएनजी किट से लैस करना शुरू कर दिया था। अब मारुति, हुंडई, टाटा और टोयोटा जैसी कंपनियां अपनी कारों में सीएनजी का ऑप्शन देने लगी हैं। वर्तमान में मारुति इकलौता ऐसा ब्रांड है जिसकी बाजार में सबसे ज्यादा सीएनजी कारें मौजूद हैं।
ज्यादा वेरिएंट्स, ज्यादा फीचर्स
सीएनजी का ऑप्शन पहले केवल एंट्री-लेवल से लेकर मिड वेरिएंट के साथ ही मिलता था, लेकिन अब कंपनियां निजी खरीदारों की आवश्यकताओं को समझ गई है और अब गाड़ियों के टॉप वेरिएंट्स में भी इस किट की पेशकश करने लगी है।
टॉप वेरिएंट्स में सीएनजी किट मिलने से कारें ज्यादा फीचर लोडेड भी हो गई हैं। वर्तमान में मारुति बलेनो/ टोयोटा ग्लैंजा और टोयोटा हाइराइडर जैसी कारों में पुराने सीएनजी मॉडल्स के मुकाबले कई प्रीमियम फीचर्स मिलते हैं जिनमें टचस्क्रीन सिस्टम, ऑटो एसी और सनरूफ शामिल है। सीएनजी कारों में दी जाने वाली सेफ्टी टेक्नोलॉजी को भी दिनों दिन नया अपडेट मिल रहा है जिसके चलते यह कारें अब रिवर्स कैमरा, छह एयरबैग्स और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल जैसे फीचर्स के साथ आने लगी हैं।
सीएनजी कारों में सबसे बड़ा सुधार बूट स्पेस का किया गया है जैसा कि टाटा अल्ट्रोज़ और मारुति ग्रैंड विटारा/टोयोटा राइडर के सीएनजी वर्जन में भी देखा जा सकता है। यह इन कारों के अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए बूट के अर्गोनॉमिक्स के कारण ही संभव हुआ है, जिसमें सीएनजी टैंक को मल्टी-सिलेंडर लेआउट (अल्ट्रोज़ सीएनजी) में बूट फ्लोर के नीचे की तरफ पोज़िशन किया जाने लगा है। ग्रैंड विटारा-हाइराइडर भारत की पहली प्रीमियम कारें हैं जिनमें सीएनजी किट दी गई, वहीं इससे पहले सीएनजी किट केवल ऑप्शनल तौर पर छोटी हैचबैक कारों के साथ ही दी जाती थी।
पावरट्रेन में अपग्रेड
सीएनजी कारों की पावरट्रेन में भी पिछले कुछ सालों में कई बदलाव किए गए हैं। पेट्रोल मॉडल्स की बराबरी के लिए ना केवल इसकी परफॉर्मेंस में सुधार लाया गया है, बल्कि इन कारों के सस्पेंशन, चेसिस, बॉडी फ्रेमवक्र और ब्रेकिंग सिस्टम को भी मॉडिफाई किया गया है, जिससे वह टैंक का एडिशनल भार सहन कर सकें। नए अपडेट्स ने इन कारों की परफॉर्मेंस और सेफ्टी के साथ कोई समझौता नहीं करने में हमारी मदद की है।
सीएनजी टेक्नोलॉजी में नए-नए सुधार होने से कारों का माइलेज़ भी पहले से सुधर गया है। वर्तमान में ग्रैंड विटारा/ हाइराइडर जैसी सीएनजी एसयूवी कारों का माइलेज फिगर बढ़कर 25 किलोमीटर प्रति किलोग्राम पहुंच गया है। सीएनजी कारों ने ओनर्स को गाड़ी को सीधे सीएनजी मोड (टाटा अल्ट्रोज़ में एक्सक्लूसिव) पर स्टार्ट करने की भी सुविधा दे दी है, ऐसे में सीएनजी कारों में इस मामले में भी अच्छा-ख़ासा विकास देखने को मिला है।
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लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े
प्राइवेट कार खरीदारों को सीएनजी कार खरीदते समय सबसे बड़ी चिंता फ्यूल स्टेशन पर लंबी कतार में लगने की रहती थी, क्योंकि सीएनजी कारों का नेटवर्क सीमित था। हालांकि, अब देशभर में सीएनजी भरने वाले फ्यूल स्टेशन की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिल रही है।
सरकार के डाटा के अनुसार, पूरे भारत में जुलाई 2022 तक 4,500 से ज्यादा सीएनजी पंप मौजूद थे। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय 2024 तक 8,000 से ज्यादा फ्यूल स्टेशंस खोलने की घोषणा कर चुका है जिससे सीएनजी कारों की बिक्री में भी तेजी आएगी।