चेन्नई पोर्ट से हुंडई ने निर्यात की 20 लाख से ज्यादा कारें

प्रकाशित: जुलाई 28, 2016 08:23 pm । khan mohd.

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चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट (सीपीटी) के साथ मिलकर हुंडई ने चेन्नई पोर्ट से अब तक 20 लाख से ज्यादा कारें निर्यात कर दी है। हुंडई और सीपीटी के बीच कारें निर्यात के लिए 10 साल पहले साल 2006 में करार हुआ था। इस मौके पर सीपीटी के चेयरमैन सिरिल सी. जॉर्ज ने हुंडई के मैनेजिंग डायरेक्टर वाईके कू को 19.69 करोड़ रूपए का चेक सौंपा। यह राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 के वारफेज चार्ज रिफंड के तौर पर सौंपी गई। अभी तक वारफेज रिफंड को तौर पर हुंडई को 165 करोड़ रूपए का रिफंड मिल चुका है।

वाईके कू ने इस मौके पर खुशी जताते हुए कहा कि ‘हुंडई मोटर्स इंडिया के निए निर्यात एक अहम मामला है और चेन्नई पोर्ट के साथ हमारे लंबे और अच्छे रिश्तों ने इसमें काफी अहम भूमिका निभाई है।’ उन्होंने बताया कि चेन्नई पोर्ट ने हुंडई को नंबर वन निर्यातक कंपनी का दर्जा दिलाया है।

हुंडई इस पोर्ट का इस्तेमाल भारत में कदम रखने के साथ साल 1996 से करती आ रही है। कारों का निर्यात साल 2000 से शुरू हुआ था। साल 2006 से दोनों कंपनियों के बीच निर्यात को लेकर साझेदारी हुई। दिलचस्प बात यह है कि कंपनी आधिकारिक करार से पहले ही चेन्नई पोर्ट से तीन लाख से ज्यादा कारों का निर्यात कर चुकी थी।

चेन्नई पोर्ट से एक्सपोर्ट होने वाली कारों में इयॉन, आई-10, ग्रैंड आई-10, एक्सेंट, एलीट आई-20, आई-20 एक्टिव, वरना और क्रेटा शामिल हैं, जिन्हें 92 देशों में भेजा जाता है।

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