डैटसन रेडी-गो, गो और गो प्लस हुई बंद
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डैटसन ने गो और रेडी-गो हैचबैक व गो प्लस एमपीवी को बंद कर दिया है। हमारे सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है जबकि कंपनी की तरफ से इस बारे में कोई ऑफिशियल बयान अभी नहीं आया है। हालांकि कुछ समय पहले निसान ने डैटसन ब्रांड को बंद करने की बात जरूर कही थी।
डैटसन निसान का ही एक ब्रांड है जो मार्केट में चला नहीं है। इस ब्रांड को 2013 में फिर से शुरू किया गया था और इंडोनेशिया, इंडिया और साउथ अफ्रिका जैसे देशों में इसकी कारों को उतारा गया। डैटसन ने इंडिया में 2014 में गो हैचबैक के साथ अपनी शुरूआत की थी।
डैटसन को देश में कभी भी अच्छी सेल्स नहीं मिली। डैटसन की कारों को काफी अग्रेसिव प्राइस पर जरूर उतारा गया है लेकिन ये काफी आउटेड लगती थी। इसकी कारों की इंटीरियर क्वालिटी भी ज्यादा अच्छी नहीं थी और इनमें ज्यादा फीचर्स भी नहीं मिलते। गो प्लस सबसे अफोर्डेबल एमपीवी कार थी जिसे 2015 में 4 लाख रुपये से कम बजट में पेश किया गया था, लेकिन इसके बावजूद इसकी सेल्स अच्छी नहीं रही।
डैटसन गो में 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन, 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ दिया गया था। बाद में 2019 में इसके फेसलिफ्ट वर्जन में सीवीटी गियरबॉक्स का ऑप्शन भी शामिल किया गया। इसमें टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, ड्यूल फ्रंट एयरबैग और पार्किंग कैमरा जैसे फीचर दिए गए थे। डैटसन गो का कंपेरिजन हुंडई सेंट्रो, मारुति सुजुकी वैगनआर, सेलेरियो और टाटा टियागो से था। गो प्लस के कंपेरिजन में रेनो ट्राइबर के आने तक कोई कार मौजूद नहीं थी। ट्राइबर इससे ज्यादा महंगी होने के बावजूद भी कंपनी के लिए हिट प्रोडक्ट साबित हुई है।
रेडी-गो 0.8 लीटर और 1.0 लीटर इंजन में उपलब्ध थी। यह कंपनी की देश में एंट्री लेवल कार थी। इसका कंपेरिजन रेनो क्विड, मारुति ऑल्टो, एस-प्रेसो और बंद हो चुकी हुंडई इयॉन से था।
डैटसन के पुराने ग्राहकों को उनकी कार के स्पेयर पार्ट्स और सर्विस निसान और इसके सर्विस सेंटर से मिलती रहेगी।