30 लाख से सस्ती इन बीएस6 कारों पर डालिए एक नज़र
संशोधित: जनवरी 13, 2020 01:57 pm | भानु | किया सेल्टोस 2019-2023
- 2K Views
- Write a कमेंट
भारत में अगले साल अप्रेल तक बीएस6 नॉर्म्स लागू होने जा रहे हैं। ऐसे में कार निर्माताओं को 31 मार्च 2020 से पहले अपनी नई कारों में अनिवार्य रूप से बीएस6 इंजन देना होगा। यदि आप बीएस4 और बीएस6 में अंतर को नहीं समझते हैं तो आपके इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए हमने नीचे एक वीडियो भी दिया है। बहरहाल,बीएस6 नॉर्म्स लागू किए जाने की घड़ी जैसे जैसे नज़दीक आ रही है वैसे वैसे काफी कंपनियों ने ने या तो इन नॉर्म्स के अनुसार इंजन अपग्रेड कर दिए हैं या फिर अपनी नई कारों को बीएस6 इंजन में पेश कर दिया है। हालांकि, ये कारें फिलहाल बीएस4 फ्यूल पर चल रही है मगर, अप्रेल 2020 के बाद देशभर में बीएस6 फ्यूल उपलब्ध हो जाएगा। किया मोटर्स द्वारा हाल ही में सेल्टोस एसयूवी को लॉन्च किया गया है। इसमें कंपनी ने बीएस6 इंजन दिया है। कंपनी का कहना है कि इसके बीएस6 इंजन को बीएस4 फ्यूल पर चलाकर 1 लाख किलोमीटर तक टेस्ट किया जा चुका है। इस दौरान कार के इंजन में कोई खराबी नहीं आई।
यदि आप भी बीएस6 इंजन वाली कार खरीदने की योजना बना रहे हैं तो बाज़ार में आपके पास ये निम्न ऑप्शन मौजूद हैं।
मारुति सुज़ुकी
मारुति ने अपनी लगभग सभी पेट्रोल इंजन वाली कारों को बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार अपडेट कर दिया है। हालांकि, बीएस6 मानक लागू होने के बाद कंपनी की डीज़ल इंजन वाली कारें उपलब्ध नहीं रहेगी।
मारुति ऑल्टो (2.94 लाख रुपये और 4.15 लाख रुपये)
कुछ महीनों पहले ही मारुति ने ऑल्टो के 800 सीसी 3 सिलेंडर इंजन को बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार अपग्रेड किया है। इसके बाद ऑल्टो का माइलेज फिगर 24.7 किमी/लीटर से गिरकर 22.05 किमी/लीटर हो गया है।
मारुति एस-प्रेसो (3.69 लाख रुपये से लेकर 4.91 लाख रुपये)
हाल ही में लॉन्च हुई मारुति एस-प्रेसो में ऑल्टो के10 वाला 1.0 लीटर,3 सिलेंडर के सीरीज़ इंजन दिया गया है। एसप्रेसो के लिए इस इंजन को बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार अपडेट किया गया है। एस-प्रेसो को लेकर कंपनी ने 21.7 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज दावा किया है। वहीं, इसके निचले वेरिएंट एसटीडी, एलएक्सआई थोड़ा कम 21.4 किमी/ली. माइलेज देते हैं।
मारुति स्विफ्ट , (5.14 लाख रुपये से लेकर 8.89 लाख रुपये तक), डिज़ायर (5.83 लाख रुपये से लेकर 9.58 लाख रुपये)
ये दोनों हैचबैक और सब-4 मीटर सेडान 1.2 लीटर, 4-सिलेंडर पेट्रोल इंजन में उपलब्ध है। यह इंजन 83 पीएस की पावर और 113 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। बीएस6 इंजन के कारण दोनों कारों का माइलेज फिगर 22 किमी/लीटर से 21.21 किमी प्रति लीटर हो गया है।
मारुति वैगन-आर 1.2 (5.10 लाख रुपये से लेकर 5.91 लाख रुपये)
मारुति वैगन-आर बीएस4 1.0 लीटर,3 सिलेंडर पेट्रोल और स्विफ्ट एवं इग्निस वाले 1.2 लीटर,4 सिलेंडर इंजन में उपलब्ध है। एक जैसा इंजन होने के बावजूद ये स्विफ्ट से कम 20.52 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देती है।
मारुति बलेनो (5.58 लाख रुपये से लेकर 8.90 लाख रुपये)
मारुति ने बलेनो के 1.2 लीटर के12बी पेट्रोल और 1.2 लीटर ड्यूल जेट माइल्ड हायब्रिड इंजन को बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार अपग्रेड कर दिया है। इसका नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन मारुति की अन्य कारों से लिया गया है जिसका पावर और टॉर्क फिगर उनके समान ही है। हालांकि, इसके मैनुअल ट्रांसमिशन वर्जन का माइलेज फिगर 21.01 किमी प्रति लीटर है और सीवीटी वर्जन का माइलेज फिगर 19.56 किलोमीटर प्रति लीटर है।
बलेनो के माइल्ड हायब्रिड पेट्रोल इंजन के साथ केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स ही दिया गया है। यह इंजन 90 पीएस की पावर और 113 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। 1.2 लीटर के12बी पेट्रोल के मुकाबले इसका माइल्ड हायब्रिड वेरिएंट ज्यादा अच्छा 23.87 किमी प्रति लीटर माइलेज देता है।
मारुति अर्टिगा (7.55 लाख रुपये से लेकर 10.06 लाख रुपये), एक्सएल6 (9.80 लाख रुपये से लेकर 11.46 लाख रुपये)
मारुति की यह एमपीवी 1.5 लीटर पेट्रोल और डीज़ल इंजन में उपलब्ध है। कंपनी ने केवल इसके पेट्रोल इंजन को ही बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार अपग्रेड किया है। यही इंजन हाल ही में लॉन्च हुई मारुति एक्सएल6 में भी दिया गया है।
अर्टिगा का माइल्ड हायब्रिड टेक्नोलॉजी से लैस 1.5 लीटर 4 सिलेंडर के15बी पेट्रोल इंजन, 5-स्पीड मैनुअल और 4 स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ उपलब्ध है। इसका एमटी वर्जन 19.01 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है वहीं, एटी वर्जन 17.99 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है।
जीप कंपास ट्रेलहॉक (26.80 लाख रुपये से लेकर 27.60 लाख रुपये)
जीप पहली ऐसी कंपनी है जिसने ट्रेलहॉक के रूप में सबसे पहले बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार तैयार किया गया डीज़ल इंजन दिया है। यह इंजन 9-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स में के साथ उपलब्ध है। इसका 2.0 लीटर मल्टीजेट,4 सिलेंडर 170 पीएस की पावर जनरेट करता है जो बीएस4 इंजन के मुकाबले 3 पीएस कम है। हालांकि, बीएस6 का टॉर्क आउटपुट बीएस4 के समान 350 एनएम ही है। कंपास ट्रेलहॉक को लेकर जीप ने 14.9 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज दावा किया है।
किया सेल्टोस (9.69 लाख रुपये से लेकर 16.99 लाख रुपये)
किया सेल्टोस में 3 इंजन 1.5 लीटर पेट्रोल और डीज़ल एवं 1.4 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन का विकल्प दिया गया है। यह भी इंजन बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार तैयार किए गए हैं। इन इंजन का स्पेसिफिकेशन कुछ इस प्रकार है।
इंजन |
1.4-लीटर टर्बो पेट्रोल |
1.5-लीटर पेट्रोल |
1.5-लीटर डीज़ल |
गियरबॉक्स विकल्प |
6-स्पीड एमटी/ 7-स्पीड डीसीटी (ड्यूल क्लच ट्रांसमिशन) |
6-स्पीड एमटी/ सीवीटी |
6-स्पीड एमटी/ 6-स्पीड एटी |
पावर |
140पीएस |
115पीएस |
115पीएस |
टॉर्क |
242एनएम |
144एनएम |
250एनएम |
माइलेज |
16.1किमी/ली./ 16.5किमी/ली. (डीसीटी) |
16.5किमी/ली./ 16.8किमी/ली. (सीवीटी) |
21किमी/ली./ 18किमी/ली. (एटी) |
टोयोटा ग्लैंज़ा (7.22 लाख रुपये से लेकर 8.90 लाख रुपये)
टोयोटा ग्लैंज़ा केवल पेट्रोल इंजन में ही उपलब्ध है। इसमें मारुति बलेनो वाला 1.2 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड और माइल्ड हायब्रिड टेक्नोलॉजी से लैस बीएस6 इंजन दिया गया है। दोनों कारों का माइलेज फिगर भी एक जैसा है। इसके माइल्ड हायब्रिड वर्जन से 23.87 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज प्राप्त होता है वहीं इसका 1.2 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड इंजन 21 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज देता है।
हुंडई ग्रैंड आई10 निओस (5 लाख रुपये से लेकर 7.14 लाख रुपये)
यह मिड-साइज़ हैचबैक पेट्रोल और डीज़ल इंजन में उपलब्ध है। इसके पेट्रोल इंजन को बीएस6 नॉर्म्स के अनुसार तैयार किया गया है मगर,इसका डीज़ल इंजन बीएस4 नॉर्म्स के अनुसार ही तैयार किया गया है। निओस का बीएस6 पेट्रोल इंजन 83 पीएस की पावर और 114 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इस इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल और ऑटोमैटिक मैनुअल गियरबॉक्स का विकल्प दिया गया है।
हुंडई एलांट्रा (15.89 लाख रुपये से लेकर 20.39 लाख रुपये)
हुंडई मोटर्स, एलांट्रा का फेसलिफ्ट मॉडल लॉन्च कर चुकी है। एलांट्रा फेसलिफ्ट में कंपनी ने डीज़ल इंजन नहीं दिया है। इसका बीएस6 पेट्रोल इंजन 152 पीएस की पावर और 192 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इसका माइलेज फिगर 14.6 किलोमीटर प्रति लीटर है। यदि भविष्य में एलांट्रा को डीज़ल इंजन में पेश करने की डिमांड आती है तो कंपनी इसमें ये विकल्प दे सकती है।
0 out ऑफ 0 found this helpful