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प्रदूषण घटाने के लिए पेट्रोल कारों में भी खास फिल्टर लगाएगी फॉक्सवेगन

प्रकाशित: जुलाई 01, 2016 02:12 pm । tushar

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पिछले साल सामने आए डीज़ल स्कैंडल से जूझ रही जर्मन कंपनी फॉक्सवेगन ने नई घोषणा की है। इसके तहत नए टीएसआई और टीएफएसआई पेट्रोल इंजन में भी पार्टिक्यूलेट फिल्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा। ये फिल्टर कारों से निकलने वाले धुएं में शामिल बेहद महीन कणों (पार्टिक्यूलेट मैटर) को हवा में घुलने से रोकेंगे। पेट्रोल इंजन में यह फिल्टर देने की प्रक्रिया जून 2017 से शुरू होगी। कंपनी द्वारा अब तक केवल डीज़ल इंजन में ही फिल्टर का इस्तेमाल किया जाता रहा है।

कंपनी द्वारा की घोषणा के अनुसार इसकी पहल नई फॉक्सवेगन टिग्वॉन और ऑडी ए-5 में आने वाले 1.4 लीटर टीएसआई इंजन से होगी। कंपनी का दावा है कि इससे उत्सर्जन 90 प्रतिशत तक कम होगा। साल 2022 तक फॉक्सवेगन इस टेक्नोलॉजी को 70 लाख वाहनों में इस्तेमाल करेगी।

अब तक इन फिल्टरो का इस्तेमाल केवल डीज़ल इंजन वाली कारों में होता आया है। इसकी वजह है कि ये पेट्रोल वर्जन की तुलना में ज्यादा कार्बन उत्सर्जन पैदा करती है। पेट्रोल कारों में इन फिल्टरों को लगाने से कीमतों में इजाफा तो जरूर होगा लेकिन पर्यावरण और आम आदमी के लिहाज़ से अच्छा कदम कहा जा सकता है।

पार्टिक्यूलेट मैटर या धुएं में शामिल बारीक कण प्रदूषण और जानलेवा बीमारी के लिए गंभीर तौर पर जिम्मेदार होते हैं। इन की वजह से सांस, फेफड़ों और दिल संबंधी गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है।

साल की शुरूआत में ऐसी ही घोषणा मर्सिडीज़-बेंज ने भी की थी। मर्सिडीज़-बेंज जल्द ही एस-क्लास का अपडेट वर्जन उतारने वाली है। इसके पेट्रोल वर्जन में भी पार्टिक्यूलेट फिल्टर का इस्तेमाल किया जाएगा। कार साल 2017 के शुरूआत में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी।

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