बीएस6 नॉर्म्स लागू होने के बाद स्कोडा और फोक्सवैगन की डीजल कारें होंगी बंद
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अप्रैल 2020 के बाद स्कोडा और फोक्सवैगन के बेड़े में केवल पेट्रोल कारें की उपलब्ध होगी।
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बीएस6 नॉर्म्स लागू होने के बाद कंपनी अपने 1.5-लीटर और 2.0-लीटर डीजल इंजन को बंद कर देगी।
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इन डीजल इंजनों की जगह नया 1.0-लीटर और 2.0-लीटर टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल यूनिट्स को उतारा जाएगा।
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कंपनी अपनी कारों के साथ सीएनजी ऑप्शन भी उपलब्ध करवाएगी।
देश में 1 अप्रैल 2020 से भारत स्टेज-6 उत्सर्जन मानक लागू होने है जिसके बाद मौजूदा बीएस4 वाहनों की बिक्री बंद हो जाएगी। इस डेडलाइन के बाद सभी ऑटोमोबाइल निर्माताओं को अपने वाहनों की बिक्री जारी रखने के लिए उनमे मिलने वाले इंजन को इन कड़े और कम प्रदुषणकारी इमिशन नॉर्म्स पर अपडेट करना अनिवार्य होगा। कई कंपनियां अपने इंजनों को बीएस6 मानदंडों पर अपग्रेड कर चुकी हैं और कई इस काम में जुटी हैं। इसी क्रम में, हाल ही में स्कोडा और फोक्सवैगन इंडिया ने बीएस6 स्टैंडर्ड्स लागू होने के बाद अपने डीजल मॉडल्स को बंद करने का फैसला लिया है। हालांकि, भविष्य में ग्राहकों की डिमांड पर कंपनी दोबारा डीजल कारें लॉन्च कर सकती है।
वर्तमान में, भारत में उपलब्ध स्कोडा और फोक्सवैगन की कारों में डीजल यूनिट के तौर पर 1.5-लीटर और 2.0-लीटर टीडीआई इंजन मिलता है। कंपनी इन दोनों इंजनों की बिक्री को बंद कर देगी।
फोक्सवैगन टिग्वान और स्कोडा कोडिएक केवल डीजल पावर्ड कारें है। इनमें 2.0-लीटर टीडीआई इंजन मिलता है। कंपनी इन दोनों गाड़ियों में नए पेट्रोल इंजन को पेश करेगी। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कोडिएक 1.5-लीटर (150पीएस/250एनएम) और 2.0-लीटर (190/320एनएम) टीएसआई पेट्रोल इंजन के साथ आती है। उम्मीद है कि भारत में इस 2.0-लीटर टीएसआई इंजन को इन दोनों कारों में दिया जा सकता है।
स्कोडा सुपर्ब और फोक्सवैगन पसाट जैसी प्रीमियम सेडान गाड़ियों में भी इस 2.0-लीटर डीजल इंजन को देना बंद कर दिया जाएगा। सुपर्ब के अपकमिंग फेसलिफ्ट वर्ज़न में भी टिग्वान और कोडिएक की तरह 2.0-लीटर टीएसआई पेट्रोल इंजन मिलेगा।
इनके अलावा, स्कोडा रैपिड और फोक्सवैगन वेंटो जैसी पॉपुलर मास-मार्केट कारों में डीजल इंजन की जगह 1.0-लीटर टीएसीआई टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन दिया जाएगा। इनके साथ सीएनजी पावरट्रेन का ऑप्शन भी उपलब्ध होगा। फोक्सवैगन ग्रुप इस इंजन का निर्माण भारत में ही करेगी। संभावना है कि अपकमिंग स्कोडा कामिक और फोक्सवैगन टी-क्रॉस कॉम्पैक्ट एसयूवी में भी ये टर्बो पेट्रोल इंजन दिया जाएगा।
मिड-साइज सेडान कारों के सेगमेंट में पिछले कुछ समय से डीजल मॉडल्स की डिमांड काफी कम हुई है। ये एक और वजह है कि स्कोडा अपनी ऑक्टाविया में भी केवल अब पेट्रोल इंजन को ही पेश करेगी। कुछ ऐसा ही कदम हाल ही में हुंडई ने एलांट्रा के लिए भी उठाया है।
डीजल कारों को बंद करने के अलावा, ग्रुप की इंडिया 2.0 योजना के तहत ब्रांड का ज्यादा से ज्यादा ध्यान अब एसयूवी सेगमेंट पर रहेगा। फरवरी में आयोजित होने वाले 2020-ऑटो एक्सपो में फोक्सवैगन और स्कोडा अपनी विभिन्न स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) को शोकेस करेगी, जो भारतीय बाजार में किया सेल्टोस, जीप कंपास और टोयोटा फॉर्च्यूनर जैसी कारों को टक्कर देगी।
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nikhil
- 1405 व्यूज़
स्कोडा ऑक्टाविया 2013-2021 पर अपना कमेंट लिखें
It would be good to see that VW and Skoda finally moving to the petrol option as it should have been done in late 2019 so that the lean period of this quarter could be used to leverage petrol stable