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मारुति स्विफ्ट क्रैश टेस्ट रेटिंग कंपेरिजन: जानिए पुराने मॉडल के मुकाबले अब कितना सेफ है इसका नया मॉडल

संशोधित: दिसंबर 15, 2022 12:11 pm | सोनू | मारुति स्विफ्ट

मारुति स्विफ्ट का स्कोर नए एनकैप टेस्ट में चार साल पहले हुए क्रैश टेस्ट से कम रहा है।

मारुति स्विफ्ट भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार में से एक है। यह हैचबैक कार अपने स्टाइल, किफायती दाम और इस प्राइस पॉइंट में अच्छे फीचर्स के चलते काफी ज्यादा पॉपुलर है। यह भारत की उन चुनिंदा कार में से भी एक है जिसका ग्लोबल एनकैप के नए और पुराने दोनों प्रोटोकॉल पर क्रैश टेस्ट हुआ है।

हाल ही में 2022 स्विफ्ट कार का ग्लोबल एनकैप के लेटेस्ट नॉर्म्स पर क्रैश टेस्ट किया गया है, जिसमें इसे 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है। वहीं ग्लोबल एनकैप के टेस्टिंग प्रोटोकॉल जब कम सख्त थे, तब 2018 स्विफ्ट को क्रैश टेस्ट में 2-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी।

क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल में क्या बदलाव हुए हैं?

पहले ग्लोबल एनकैप में कार का 64 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से केवल फ्रंटल ऑफसेट क्रैश टेस्ट होता था। कार का स्कोर भी उसी टेस्ट से निर्धारित किया जाता था। अब क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल ज्यादा सख्त हो गए हैं। अब कारों का साइड इंपेक्ट क्रैश टेस्ट भी होने लगा है और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी), सभी सीटों के लिए थ्री-पॉइंट सीटबेल्ट और कुछ एडीएएस फीचर्स जैसे ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग और लैन असिस्ट भी इस टेस्ट के भी अहम भूमिका निभाते हैं।

यह भी पढ़ेंः मारुति एस-प्रेसो, इग्निस और स्विफ्ट को ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में मिली 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग

क्या स्विफ्ट में हुआ है बदलाव?

मौजूदा जनेरशन की मारुति सुजुकी स्विफ्ट को 2018 में लॉन्च किया गया था। इसके बाद इस कार को मामूली से अपडेट मिले हैं और यह करीब-करीब पहले जैसी ही है।

व्यस्क पैसेंजर प्रोटेक्शन

मारुति ने स्विफ्ट कार के स्ट्रक्चर में चार साल से कोई भी बदलाव नहीं किया है। ऐसे में आगे की तरफ से हुए क्रैश टेस्ट में इसका फ्रंट पैसेंजर के लिए स्कोर पहले जैसा ही रहा। इसमें अभी भी ड्राइवर की छाति और पैरों को क्रमशः खराब और बेहद खराब प्रोटेक्शन मिला।

ड्राइवर की टांग को इसमें पर्याप्त से संतोषजनक प्रोटेक्शन मिला। हालांकि दोनों फ्रंट पैसेंजर के सिर और गर्दन को इसमें अच्छा प्रोटेक्शन मिला। आगे वाले पैसेंजर के पैरों को इसमें अच्छी सुरक्षा मिली, लेकिन छाति का प्रोटेक्शन केवल पर्याप्त ही था।

साइड से हुए क्रैश टेस्ट में स्विफ्ट में ड्राइवर की छाति की सुरक्षा का स्कोर खराब रहा, लेकिन अन्य सभी बॉडी पार्ट्स को इसमें अच्छी सुरक्षा मिली। चुंकि इस हैचबैक कार के किसी भी वेरिएंट में साइड एयरबैग नहीं किए गए हैं, ऐसे में इस पर साइड पोल इंपेक्ट क्रैश टेस्ट नहीं किया गया।

चाइल्ड पैसेंजर प्रोटेक्शन

मारुति सुजुकी स्विफ्ट में आईएसओफिक्स एंकर स्टैंडर्ड दिए गए हैं। दोनों क्रैश टेस्ट में इसमें आईएसओफिक्स का इस्तेमाल कर फ्रंट फेसिंग चाइल्ड सीट इंस्टॉल की गई थी। दोनों बार इसमें तीन साल के बच्चे की sडमी का बैठाया गया था और क्रैश टेस्ट में ये बच्चे को आगे की तरफ जाने से रोकने में सक्षम रही। और बच्चे के सिर और छाति को इसमें संतोशजन से अच्छी रेटिंग मिली। हालांकि 18 महीने के बच्चे के डमी को इसमें खराब सुरक्षा मिली। स्फ्टि में पीछे वाली रो में मिडिल सीट पर थ्री-पॉइंट सीटबेल्ट नहीं होने से इसने कुछ पॉइंट खो दिए।

बॉडी स्ट्रक्चर की मजबूती

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं 2018 और 2022 स्विफ्ट के बॉडी स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। ऐसे में दोनों ही क्रैश टेस्ट में इसके फुटवेल एरिया को अनस्टेबल पाया गया। हालांकि स्विफ्ट ने साइड इंपेक्ट क्रैश टेस्ट में जरूर कुछ बेहतर प्रदर्शन किया।

यह भी पढ़ेंः इन टॉप 15 कार को क्रैश टेस्ट में मिली है सबसे ज्यादा सेफ्टी रेटिंग

निष्कर्ष

क्रैश टेस्ट में ये कार फेल हो गई है। मारुति ने इस कार को किफायती जरूर रखा है लेकिन इसमें अच्छे खासे सेफ्टी फीचर्स का अभाव है। मारुति इसके बॉडी स्ट्रक्चर को बदले बिना अगर इसमें छह एयरबैग और ईएससी जैसे फीचर्स स्टैंडर्ड देती तो इसकी सेफ्टी रेटिंग कुछ बेहतर हो सकती थी। इसी प्राइस रेंज में आने वाली टाटा पंच को स्टेबल बॉडी के चलते पुराने ग्लोबल एनकैप टेस्ट में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है।

यह भी देखेंः मारुति स्विफ्ट ऑन रोड प्राइस

द्वारा प्रकाशित

सोनू

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