2020 तक बंद हो सकती है मारूति की ये डीज़ल कारें
प्रकाशित: दिसंबर 20, 2018 03:29 pm । jagdev । मारुति स्विफ्ट 2014-2021
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भारत में जल्द ही बीएस-6 नियम लागू होने वाले हैं। यही वजह है कि लगभग सभी कार कंपनियों का रूझान अब बीएस-6 इंजन वाली कारें तैयार करने पर है। मारूति सुज़ुकी भी इस दौड़ में शामिल हो चुकी है। मारूति ने संकेत दिए हैं कि बीएस-6 डीज़ल कारें मौजूदा कारों से करीब एक से 1.5 लाख रूपए तक महंगी होंगी। मौजूदा कारों के पेट्रोल वेरिएंट के मुकाबले ये 2.5 लाख रूपए तक महंगी हो जाएंगी। कंपनी का मानना है कि ज्यादा महंगी होने की वजह से ग्राहक डीज़ल कारों से दूरी बना सकते हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी 2020 तक छोटी कारों के डीज़ल वेरिएंट का प्रोडक्शन बंद कर सकती है।
मारूति की अभी सबसे अफॉर्डेबल डीज़ल कार स्विफ्ट है। स्विफ्ट डीज़ल की शुरूआती कीमत 5.99 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। स्विफ्ट पेट्रोल की शुरूआती कीमत 4.99 लाख रूपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। पेट्रोल और डीज़ल वेरिएंट के बीच अभी एक लाख रूपए का अंतर है। बीएस-6 नियम लागू होने के बाद इनके बीच का अंतर 2.5 लाख रूपए के करीब हो जाएगा।
मारूति स्विफ्ट पेट्रोल के माइलेज का दावा 22 किमी प्रति लीटर और डीज़ल वेरिएंट का माइलेज 28.4 किमी प्रति लीटर है। 20 दिसंबर 2018 को पेट्रोल 70.63 रूपए प्रति लीटर और डीज़ल 64.54 रूपए प्रति लीटर है। अगर आप रोजाना 75 किमी कार चलाते हैं तो आप डीज़ल कार से एक साल में 26,000 रूपए बचा सकते हैं। ऐसे में डीज़ल कार की एक्स्ट्रा एक लाख रूपए की लागत को पांच साल में कवर कर सकते हैं। यही अंतर अगर 2.5 लाख रूपए हो जाता है तो इसे कवर करने में करीब 10 साल लगेंगे।
स्विफ्ट की तरह डिजायर और बलेनो के डीज़ल और पेट्रोल वेरिएंट में भी करीब एक-एक लाख रूपए का अंतर है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएस-6 नियम लागू होने के बाद मारूति की कुछ कारों से डीज़ल इंजन को हटाया जा सकता है। चर्चाएं हैं कि स्विफ्ट, बलेनो और डिजायर के डीज़ल वेरिएंट का प्रोडक्शन बंद किया जा सकता है। मारूति इन दिनों बीएस-6 मानकों वाले नए 1.5 लीटर डीज़ल इंजन पर काम कर रही है। यह इंजन अर्टिगा और एस-क्रॉस में दिया जा सकता है।
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