मारुति बलेनो और टोयोटा ग्लैंजा बैक टू बैक ड्राइव रिव्यू: दोनों कारों को चलाने के बाद ये 5 चीजें सीखी हमनें,आप भी डालिए एक नजर
मारुति बलेनो भारत की बेस्ट सेलिंग कारों में से एक है जिसका टोयोटा का अपना वर्जन टोयोटा ग्लैंजा भी मार्केट में उपलब्ध है। हाल ही में हमनें इन दोनों हैचबैक कारों को बैक टू बैक ड्राइव करके टेस्ट किया है। वैसे तो ये दोनों कारें एक जैसी ही है मगर दोनों के बीच थोड़ा बहुत अंतर भी है तो इन्हें ड्राइव करते हुए हमने ये जानने की कोशिश की है कि आखिर कुछ असमानताओं के बाद क्या दोनों का ओवरऑल एक्सपीरियंस भी मिलता है अलग? ये आप जानेंगे इन 5 पॉइन्ट्स के जरिए
दोनों में मिलता है एक जैसा स्पेस
एक ही प्लेटफॉर्म पर बनी दोनों कारों का साइज एक जैसा है मगर इनमें अलग अलग कलर्स की चॉइस दी गई है। स्पेस के मोर्चे पर दोनों कारों के बीच कोई अंतर नहीं है। दोनों कारों में आगे की तरफ आपको अच्छा खासा हेडरूम,नीरूम और अंडर थाई सपोर्ट मिल जाएगा और यही बात रियर सीट के लिए भी कही जा सकती है। यहां तक कि इसकी रियर सीट पर तीन लोग आराम से बैठ सकते हैं और उन्हें शोल्डर रूम को लेकर भी कोई शिकायत नहीं रहेगी। कुल मिलाकर दोनों कारों में समान स्पेस दिया गया है जिसमें आपकी फैमिली आराम से बैठ सकती है।
कंफर्टेबल राइड
बंप्स और गड्ढों के उपर से इन दोनों कारों के सस्पेंशंस केबिन तक झटकों को पहुंचने नहीं देते हैं। यहां तक कि हाई स्पीड के दौरान शार्प टर्न लेते हुए आप इनमें एसयूवी में होने जैसा महसूस कर सकते हैं। हालांकि सस्पेंशन का ट्रैवल कम होने से आपको बड़े गड्ढे आने पर उछाल जरूर महसूस होगा ऐसे में इस दौरान आप कार की स्पीड को कम कर लें।
फीचर लिस्ट
दोनों कारों का केबिन तो एक जैसा है ही और दोनों में समान स्पेस और कंफर्ट मिलता है तो अब सवाल उठता है कि क्या इनमें फीचर्स भी एक जैसे दिए गए हैं? बता दें कि दोनों कारों की फीचर लिस्ट एकदूसरे से थोड़ी बहुत अलग है। दोनों कारों में 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, एक हेड-अप डिस्प्ले, रियर एसी वेंट के साथ ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, क्रूज़ कंट्रोल, छह एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) और एक 360-डिग्री कैमरा जैसे फीचर्स दिए गए हैं मगर ग्लैंजा में आपको वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और ऐप्पल कारप्ले, रियर सेंटर हेडरेस्ट और रियर सीट पर बीच में बैठने वाले पैसेंजर्स के लिए 3-पॉइंट सीटबेल्ट जैसे फीचर्स नहीं मिलेंगे। इन फीचर्स के ना होने से आपका इन कार केबिन एक्सपीरियंस थोड़ा प्रभावित जरूर होगा।
इंजन अच्छा मगर ट्रांसमिशन है काफी डल
बलेनो और ग्लैंजा में 90 पीएस की पावर और 113 एनएम का टॉर्क जनरेट करने वाला 1.2 लीटर नैचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन दिया गया है जिनके साथ 5 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और 5 स्पीड एएमटी गियरबॉक्स की चॉइस दी गई है। ये के12एन इंजन काफी रिफाइंड है जो ज्यादा शोर नहीं करता है और केबिन में इसका वाइब्रेशन नहीं आता है और ये काफी रिस्पॉन्सिव भी है। चाहे आप सिटी में ड्राइव कर रहे हों या हाईवे पर आपको ये इंजन निराशन नहीं करेगा। ये इंजन स्मूद और आरामदायक ड्राइव एक्सपीरियंस देता है और ओवरटेकिंग के लिए आपको ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है।
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मगर ट्रांसमिशन को लेकर एक शिकायत है। हमनें जो बलेनो ड्राइव की उसमें एएमटी गियरबॉक्स दिया गया था और हमनें ग्लैंजा के 5 स्पीड मैनुअल मॉडल को ड्राइव किया था। मैनुअल मॉडल को ड्राइव करते हुए तो काफी अच्छा लगा मगर एएमटी मॉडल में कुछ दिक्कत सामने आई। ये ऑटोमैटिक गियरबॉक्स स्विफ्ट या वैगन आर जैसी कॉम्पैक्ट हैचबैक कारों के लिए तो ठीक है मगर प्रीमियम हैचबैक में ये फिट नहीं बैठता है। आपको गियर शिफ्ट के दौरान जर्क महसूस होगा। ये प्रॉपर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स जितना फुर्तिला भी नहीं है।
कुल मिलाकर बलेनो और ग्लैंजा के मैनुअल मॉडल चलाकर आपको ज्यादा मजा आएगा मगर ये बात एएमटी मॉडल के लिए नहीं कही जा सकती है।
दोनों कारों के बीच मौजूद सभी अंतर
दोनों कारों में कोई बहुत ज्यादा अंतर तो नहीं है मगर जो भी अंतर है वो आपका ओनरशिप एक्सपीरियंस प्रभावित कर सकते हैं। दोनों में पहला अंतर तो कलर स्कीम्स का है जहां बलेनो में ब्लैक और ब्लू केबिन थीम दी गई है तो वहीं ग्लैंजा में ब्लैक और बैज कलर की थीम दी गई है। ग्लैंजा के केबिन में लाइट कलर होने से कार में खुलेपन का अहसास होता है जबकि बलेनो का केबिन थोड़ा डल नजर आता है।
जैसा कि हमनें पहले भी बताया दोनों कारों के बीच फीचर्स का भी अंतर है। ग्लैंजा में रियर सेंटर हेडरेस्ट नहीं दिया गया है जिससे आपको ज्यादा कंफर्ट नहीं मिलता है और इसमें वायरलेस कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी भी नहीं दी गई है। फीचर्स के मामले में बलेनो,ग्लैंजा से ज्यादा अच्छी है।
आफ्टर सेल्स बेनिफिट्स की बात करें तो टोयोटा अपनी प्रीमियम हैचबैक के साथ 3 साल या 1 लाख किलोमीटर की स्टैंडर्ड वॉरन्टी दे रही है वहीं बलेनो के साथ 2 साल या 40,000 किलोमीटर की वॉरन्टी मिल रही है। टोयोटा की सर्विस क्वालिटी मार्केट में सबसे बेस्ट मानी जाती है। वहीं बलेनो के साथ मारुति का देश में सबसे बड़े नेटवर्क का फायदा मिलता है जिसके पूरे देश में 2021 तक 4,000 टचपॉइन्ट्स खुल चुके थे।
कुल मिलाकर फीचर्स के मोर्चे पर मारुति बलेनो अपने मुकाबले में मौजूद टोयोटा ग्लैंजा से आगे है मगर ग्लैंजा में एक खुला खुला केबिन और बेहतर आफ्टर सेल्स पैकेज का फायदा मिलता है।