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मारुति सुजुकी ने बनाया नया रिकॉर्ड, भारत में 3 करोड़ कारें तैयार करने का आंकड़ा किया पार

प्रकाशित: अप्रैल 04, 2024 11:23 am । स्तुति

मारुति सुजुकी ने भारत में 3 करोड़ गाड़ियां तैयार करने का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने भारत में अपनी कारों का प्रोडक्शन दिसंबर 1983 में शुरू किया था और इस रिकॉर्ड को बनाने में उसे 40 से ज्यादा साल लगे हैं। इनमें हरियाणा के मानेसर और गुजरात के हंसलपुर स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का संयुक्त प्रोडक्शन शामिल है।

इन 3 करोड़ व्हीकल्स में से 2.68 करोड़ व्हीकल की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के हरियाणा स्थित प्लांट में की गई, जबकि बाकी 32 लाख कारों का प्रोडक्शन मारुति के गुजरात प्लांट में किया गया। मारुति सुजुकी ने भारत में किस साल में कितनी कारें की तैयार इसके बारे में जानिए आगे:

साल

प्रोडक्शन (यूनिट्स में)

दिसंबर 1983

प्रोडक्शन शुरू हुआ

मार्च 1994

10 लाख

अप्रैल 2005

50 लाख

मार्च 2011

1 करोड़

जुलाई 2018

2 करोड़

मार्च 2024

3 करोड़

मारुति को पहली 1 करोड़ यूनिट्स का प्रोडक्शन करने में 27 साल से ज्यादा का समय लगा। हालांकि, अगली 1 करोड़ यूनिट्स को तैयार करने में कंपनी को 7 साल से ज्यादा लगे, जबकि बची हुई एक करोड़ यूनिट्स 6 साल से भी कम समय में तैयार की गई।

यह भी पढ़ें: टोयोटा टाइजर vs मारुति फ्रॉन्क्सः प्राइस कंपेरिजन

ऑल्टो की सबसे ज्यादा यूनिट्स की गई तैयार

मारुति ने उन टॉप 10 मॉडल्स के आंकड़े भी साझा किए हैं जिन्हें उसने सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चर किया।

मॉडल

प्रोडक्शन (यूनिट्स में)

मारुति ऑल्टो

50.59 लाख

मारुति स्विफ्ट

31.93 लाख

मारुति वैगन आर

31.84 लाख

मारुति 800

29.17 लाख

मारुति डिजायर

28.61 लाख

मारुति ओमनी

20.22 लाख

मारुति बलेनो

19.53 लाख

मारुति ईको

11.95 लाख

मारुति ब्रेजा

11.66 लाख

मारुति अर्टिगा

11.04 लाख

साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, अब तक मैन्युफैक्चर की गई 3 करोड़ यूनिट्स में से मारुति ऑल्टो (50.59 लाख यूनिट्स) की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। ऑल्टो से पहले कंपनी ने अपनी मारुति 800 कार की 29 लाख से ज्यादा यूनिट्स को मैन्युफैक्चर किया था। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ऊपर लिखे प्रोडक्शन आंकड़ों में ऑल्टो 800 और ऑल्टो के10 दोनों मॉडल के आंकड़े शामिल हैं।

मारुति की अगली सबसे ज्यादा तैयार की जाने वाली कार स्विफ्ट और वैगन आर रही। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि स्विफ्ट हैचबैक की प्रोडक्शन यूनिट्स की संख्या ज्यादा इम्प्रेस करने वाली है क्योंकि यह वैगन आर के मुकाबले एक प्राइवेट कार के रूप में बेची जाती है। जबकि, वैगन कार की ज्यादातर यूनिट्स को फ्लीट और कमर्शियल पर्पज के लिए मैन्युफैक्चर किया जाता है।

मारुति ने अपनी कारों को एक्सपोर्ट करना 1987 में शुरू किया था और आज कंपनी भारत से करीब 40 प्रतिशत व्हीकल्स को एक्सपोर्ट करती है।

यह भी पढ़ें: 2024 मारुति स्विफ्ट के स्पेसिफिकेशन से ब्रिटेन में उठा पर्दा, जल्द भारत में भी होगी लॉन्च

फ्यूचर प्लान

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के मेनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ हिसाशी टेकुची ने बताया कि मारुति ने वित्तीय वर्ष 2030-31 तक अपनी एनुअल प्रोडक्शन केपेसिटी को 40 लाख यूनिट तक बढ़ाने के लिए निवेश करने की योजना बनाई है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कंपनी हरियाणा और गुजरात में 10 लाख यूनिट्स की प्रोडक्शन केपेसिटी वाले नए ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को स्थापित करेगी।

वर्तमान में मारुति की भारत में 18 कारें बिक्री के लिए उपलब्ध है जिनमें से 9 कारों को एरीना डीलरशिप और 8 कारों को नेक्सा डीलरशिप के जरिए बेचा जाता है। 2031 तक कंपनी अपने भारतीय पोर्टफोलियो को 18 से 28 मॉडल्स तक एक्सपेंड करेगी।

यह भी देखेंः मारुति ब्रेजा ऑन रोड प्राइस

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स्तुति

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