भारत में फिर दस्तक दे सकती है हुंडई सैंट्रो !
भारतीय बाजार में हुंडई की सबसे पहली, लोकप्रिय और सफल कार सैंट्रो एक बार फिर चर्चा में है। अटकलें हैं कि कंपनी इसे एक बार फिर से लॉन्च कर सकती है। नई सैंट्रो के साल 2018 तक आने की चर्चा है। सैंट्रो के साथ हुंडई ने 23 सितंबर1998 को भारतीय बाजार में पहला कदम रखा था। यह कार हुंडई के लिए वैसी ही सफलता लेकर आई जैसी सफलता मारूति 800 ने मारूति सुज़ुकी को दिलाई थी। दिसंबर 2014 में सैंट्रो को बंद कर दिया गया था।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सैंट्रो के नए मॉडल पर साउथ कोरिया में काम चल रहा है। अगले दो साल के भीतर यह कार भारत में अपनी वापसी कर सकती है। कहा जा रहा है कि ग्राहकों में सैंट्रो को लेकर दिलचस्पी अभी भी बरकरार है और आज भी इसके लिए काफी पूछताछ होती है। हालांकि हुंडई ने सेंट्रो की भारत में वापसी को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
भारत में हुंडई सेंट्रो का सफर
सैंट्रो, हुंडई की पहली एंट्री लेवल हैचबैक थी। इसने हुंडई को भारत की दूसरी बड़ी कार कंपनी बनाने में अहम भूमिका निभाई। मई 1998 में सैंट्रो का प्रोडक्शन शुरू हुआ और सितंबर में यह कार दुनिया के सामने आई। साल 2000 में हुंडई ने सैंट्रो जिप ड्राइव को पेश किया। इस मॉडल ने जल्द ही एक लाख कारों की बिक्री के आंकड़े को छू लिया। साल 2002 में सेंट्रो का ऑटोमैटिक जिप प्लस मॉडल आया, इसमें 1.1 लीटर का एप्सिलॉन इंजन दिया गया था। साल 2003 में सैंट्रो जिंग आई और नवंबर 2004 में इसने मारूति सुज़ुकी ऑल्टो से भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार का खिताब छीन लिया।
साल 2009 में इसका टैक्सी वेरिएंट भी उतारा गया। कमर्शियल सेगमेंट में भी इसका प्रदर्शन अच्छा रहा। इसके बाद 2014 में इसे बंद कर दिया गया। इस तरह सैंट्रो ने भारत में 16 सालों तक अपना सफर जारी रखा। इस दौरान यहां सैंट्रो की करीब 13.6 लाख यूनिट बिकी, जबकि 5.35 लाख कारों को बाहर निर्यात किया गया।
सोर्स : ईटी आॅटो