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भारत में हाइब्रिड कारों की कीमत इन 3 तरीकों से हो सकती है कम

प्रकाशित: अप्रैल 02, 2024 03:28 pm । सोनू

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Strong hybrid could get cheaper

भारत में इस समय बैटरी से चलने वाली इलेक्ट्रिक कारों को बढ़ावा देने पर ज्यादा फोकस है, जबकि हाइब्रिड व्हीकल को नजरअंदाज किया जा रहा है। हालांकि होंडा, टोयोटा और मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों ने पिछले कुछ सालों में भारत में हाइब्रिड मॉडल्स उतारे हैं।

हालांकि पेट्रोल और इलेक्ट्रिक दोनों पर चलने वाली ये कारें अपने आईसीई पावर्ड वर्जन से थोड़ी महंगी है। उदाहरण के तौर पर मारुति ग्रैंड विटारा के पेट्रोल और हाइब्रिड वेरिएंट्स की प्राइस में करीब 3 लाख रुपये का अंतर है, लेकिन बढ़ी हुई कीमत में आपको इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर भी मिलते हैं। होंडा सिटी सेडान के मामले में हाइब्रिड वेरिएंट की कीमत करीब 4 लाख रुपये ज्यादा है। टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस के हाइब्रिड वर्जन के लिए 2 लाख रुपये ज्यादा लगते हैं।

Honda City Hybrid powertrain

भारत में सरकार की तरफ हाइब्रिड व्हीकल्स पर कोई फायदे नहीं मिलने की वजह से दूसरी कार कंपनियां इस सेगमेंट से दूरी बनाए हुई है। हालांकि कम रनिंग कॉस्ट और प्योर इलेक्ट्रिक कारों से कम प्राइस के चलते हम भविष्य में इस पावरट्रेन टेक्नोलॉजी को और ज्यादा किफायती होते हुए देख सकते हैं। यहां तीन तरीके बताए गए हैं जिससे हाइब्रिड कारें सस्ती हो सकती हैः

टैक्स में कटौती

Maruti hybrid

जैसा कि हमनें ऊपर बताया, भारत सरकार स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड व्हीकल्स पर कोई फायदे नहीं दे रही है, और सरकार का पूरा फोकस प्योर ईवी टेक्नोलॉजी पर है। हालांकि हाल ही में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हाइब्रिड व्हीकल्स पर जीएसटी को 48 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत किया जाना चाहिए। वहीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी 5 प्रतिशत लगाया जाता है।

इस तरह के बदलावों के लिए अन्य मंत्रालयों से भी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी, लेकिन अगर इसे लागू किया जाता है तो पेट्रोल मॉडल के मुकाबले हाइब्रिड व्हीकल्स की अतिरिक्त कीमत को काफी कम किया जा सकता है।

कम मैटेरियल कॉस्ट

जैसा कि ईवी गाड़ियों को अफोर्डेबल बनाने के लिए कहा गया है कि यदि इनकी डिमांड बढ़ती है और ज्यादा से ज्यादा लोग इन्हें अपनाते हैं और इनसे संबन्धित टेक्नोलॉजी अफोर्डेबल होती है, तो मैटेरियल की इनपुट कॉस्ट भी कम हो जाएगी। हाइब्रिड व्हीकल में भी बैटरी पैक सबसे महंगा कंपोनेंट है, बैटरी की कीमत कम होने से हाइब्रिड मॉडल्स की प्राइस भी कम हो सकती है। हाइब्रिड गाड़ियों की बढ़ती मांग बटरी पैक में इस्तेमाल होने वाले मैटल और खनिजों की कीमत को कम करने में भी भूमिका निभा सकती है।

डिस्काउंट स्कीम

Toyota SUV hybrid

टैक्स कम करने का असर निश्चित रूप से हाइब्रिड कारों की कीमत कम करने में मदद करेगा, लेकिन इसके बाद भी डिस्काउंट देने की जरूरत पड़ेगी। ये डिस्काउंट सरकार की तरफ से दिए जा सकते हैं या फिर कंपनी नए ग्राहकों को अपनी तरफ से डिस्काउंट ऑफर दे सकती है। इसमें हाइब्रिड विकल्प के बदले पुराने पेट्रोल और डीजल मॉडल्स को एक्सचेंज करने पर अतिरिक्त छूट शामिल हो सकती है।

ये कुछ ऐसे तरीके हैं जिनसे आने वाले सालों में ज्यादा माइलेज देने वाली हाइब्रिड कारों की कीमत कम की जा सकती है। वर्तमान में भारत में केवल मास मार्केट स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड व्हीकल्स के तौर पर टोयोटा हाइराइडर, मारुति ग्रैंड विटारा, होंडा सिटी ईएचईवी, टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस और मारुति इनविक्टो मौजूद है।

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