फॉक्सवैगन पोलो फेसलिफ्ट यूरोप में हुई लॉन्च, क्या भारत आएगी ये कार ?
- छठी जनरेशन की पोलो एमक्यूबी ए0 प्लेटफार्म पर बेस्ड है।
- इसमें नए डिज़ाइन के हेडलैंप्स, बंपर, अलॉय व्हील्स और टेललैंप्स दिए गए हैं।
- इसके इंटीरियर पर डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, फैदर टच क्लाइमेट कंट्रोल बटन और नया टचस्क्रीन जैसे अपडेट्स दिए गए हैं।
- इस कार में 1.0-लीटर इंजन मिलना जारी रहेगा।
- ट्रांसमिशन के तौर पर इसमें 5 और 6 स्पीड मैनुअल और 7-स्पीड डीएसजी गियरबॉक्स मिलेंगे।
- फॉक्सवैगन इसे भारत लाना चाहती है।
- भारत में इसे 2023 के शुरुआत तक लॉन्च किया जा सकता है।
फॉक्सवैगन ने पोलो को यूरोपियन मार्केट में नया फेसलिफ्ट अपडेट दिया है। यूरोप में वर्तमान में बिक्री के लिए उपलब्ध छठी जनरेशन की पोलो भारत में उपलब्ध पांचवी जनरेशन की पोलो से अलग है। बता दें कि छठी जनरेशन की पोलो कार को कंपनी के एमक्यूबी-ए0 प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है। इसकी लंबाई भारतीय वर्जन से ज्यादा है।
यदि आपने छठी जनरेशन की पोलो को देखा है तो आप इसके फेसलिफ्ट वर्जन में हुए बदलावों से जरूर वाकिफ हो जाएंगे। इसमें नए डिज़ाइन के हेडलैंप्स दिए गए हैं जिनके अंदर एलईडी डीआरएल्स को फिट किया हुआ है। यह मैट्रिक्स एलईडी लाइट्स हैं जो सामने वाले ट्रैफिक को देखकर ऑटोमेटिकली डिप हो जाती हैं। इसमें फ्रंट ग्रिल के नीचे की तरफ लाइट बार दिया गया है जो दोनों हेडलैंप्स को कनेक्ट करता है। इसकी अलॉय व्हील डिज़ाइन भी पहले से अलग है, लेकिन सबसे बड़ा बदलाव इसमें हेडलाइट्स का हुआ है। पोलो कार के स्क्वॉयर शेप टेललैंप्स को अब हॉरिजोंटल स्ट्रेच की हुई यूनिट्स से बदल दिया गया है। यह टेललैंप यूनिट्स अब कंपनी की दूसरी कारों से मिलती-जुलती लगती हैं। बूट पर दी गई पोलो बैजिंग को अब फॉक्सवैगन लोगो के नीचे की तरफ शिफ्ट कर दिया गया है। पोलो कार के आर-लाइन वेरिएंट में भी नए डिज़ाइन का बंपर दिया गया है।
इसके इंटीरियर में ज्यादा कोई बदलाव नहीं हुआ है। कंपनी ने इस हैचबैक कार के आर-लाइन वेरिएंट में ऑप्शनल डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया है। , इसमें दी गई टचस्क्रीन अब थोड़ी ड्राइवर-सेंट्रिक लगती है क्योंकि इसे ड्राइवर साइड पर टर्न कर दिया गया है। इसके अलावा इसमें ब्लू एम्बिएंट लाइटिंग और ऑल ब्लैक इंटीरियर भी दिया गया है। इस गाड़ी में क्लाइमेट कंट्रोल के लिए बटन की बजाए अब टच पैनल दिए गए हैं।
नई पोलो फेसलिफ्ट कार में पहले वाले ही इंजन ऑप्शंस 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन (65 पीएस, 75 पीएस, 95 पीएस टर्बो, 115 पीएस टर्बो), 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन (150 पीएस) और जीटीआई वेरिएंट में 2.0-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन ऑप्शन मिलने जारी रहेंगे। पावर ट्रांसमिशन के लिहाज से इसमें इंजन के साथ 5-स्पीड मैनुअल, 6-स्पीड मैनुअल और 7-स्पीड डीएसजी (ड्यूल क्लच ट्रांसमिशन) दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें डीजल और सीएनजी का ऑप्शन भी दिया गया है। हालांकि, यह इंजन ऑप्शंस भारत में उपलब्ध नहीं होंगे।
भारत में लॉन्च होने की बात करें तो ग्राहकों के लिए इस कार से जुड़ी अच्छी खबर भी है और बुरी खबर भी।
इस कार से जुड़ी अच्छी खबर ये है कि कंपनी अपनी अपडेटेड पोलो को भारत लाने के लिए इच्छुक है। बता दें कि कंपनी ने अपने एमक्यूबी ए0 प्लेटफार्म को सिर्फ भारतीय बाजार के लिए ही तैयार किया है। स्कोडा कुशाक और फॉक्सवैगन टाइगन जैसी कारें इसी प्लेटफार्म पर बेस्ड है। वहीं, बुरी खबर यह है कि यूरोप में उपलब्ध इस कार की लंबाई चार मीटर से ज्यादा है, ऐसे में कंपनी को भारतीय ऑटोमोबाइल मार्केट के सब-4 मीटर सेगमेंट के नियमों का पालन करने के लिए कार का साइज़ थोड़ा कम करना होगा।
यदि नई पोलो कार भारत आती है तो यहां इसकी प्राइस कहीं ज्यादा होगी। इसकी कीमत हुंडई आई20 से भी ज्यादा होगी जो इसी साइज़ में आने वाली एसयूवीज से भी महंगी है। फॉक्सवैगन के लिए अपनी नई पोलो कार को भारत लाने के लिए अपने निवेश को सही साबित करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है।
इन सभी मुश्किलों के बाद भी अगर यह कार भारत आती है तो इसे 2022 के अंत तक या फिर 2023 के शुरुआत से पहले यहां नहीं लाया जाएगा।
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