2021 से पहले शुरू होगा टोयोटा-मारुति सुजुकी का स्क्रैप प्लांट
मारुति सुजुकी और टोयोटा के बीच हुई साझेदारी केवल नए वाहनों के निर्माण और तकनीक साझा करने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि दोनों कंपनियों ने पुराने और असुरक्षित वाहनों का पृथक्करण करने अथवा निपटाने के लिए स्क्रैप प्लांट बनाने की भी घोषणा की थी। इस हेतु 'टोयोटा सुशो/टोयोट्सु' (टोयोटा की सहायक कंपनी) और सुजुकी ने 50:50 का जॉइंट वेंचर बनाया है जिसे ''मारुति सुजुकी टोयोट्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड'' के नाम से जाना जाएगा।मारुति और टोयोटा के इस स्क्रैपेज प्लांट को नोएडा में स्थापित किया जाएगा। यह प्लांट 2020 के अंत तक क्रियान्वित हो जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें कि स्क्रेपिंग रोड से पुरानी और असुरक्षित कारों के पृथक्करण की प्रक्रिया है। जिसमे कारों के उपयोगी कॉम्पोनेन्ट/पार्ट्स को अलग कर लिया जाता है, ताकि उन्हें दुबारा काम में लाया जा सकें। इनमें मुख्य घटक स्टील होता है। वहीं, अनुपयोगी और ऐसे प्रदार्थ जिनका दुबारा उपयोग नहीं किया जा सकता है जैसे बैटरी, धातु, आयल और कूलैंट आदि को ग्लोबल एनवायरमेंट स्टैंडर्ड्स के अनुसार नष्ट कर दिया जाता है।
जो ग्राहक इस सर्विस का विकल्प चुनते हैं, उन्हें अपने वाहन का उचित मूल्य भी मिलता है। इसके अलावा, कार को स्क्रैप करने के बाद ग्राहक को एक डिस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता है, जिसका उपयोग क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में अपनी वाहन के डिरजिस्ट्रेशन हेतु किया जा सकता है।
इससे पहले महिंद्रा, एमएसटीसी लिमिटेड (पब्लिक सेक्टर कंपनी) के साथ मिलकर ग्रेटर नोएडा में अपना स्क्रैपेज प्लांट खोल चुकी है। वर्तमान में भारत सरकार भी पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग के संबंध में एक योजना पर काम कर रही है। प्राप्त सुचना के अनुसार सरकार इस नीति को अंतिम रूप देने में जुटी है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।
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