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क्रैश टेस्ट में फेल हुई डैटसन रेडी-गो, मिली 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग

संशोधित: अक्टूबर 31, 2019 07:26 pm | सोनू | डैटसन रेडी-गो 2016-2020

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ग्लोबल न्यू कार असिसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) ने भारत में बनी डैटसन रेडी-गो पर क्रैश टेस्ट किया है। क्रैश टेस्ट में डैटसन रेडी-गो को व्यस्क पैसेंजर सुरक्षा के लिए पांच में से एक स्टार और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए दो स्टार रेटिंग मिली है। 

भारत में एक जुलाई 2019 से लागू हुए नए सेफ्टी नियम के बाद सभी कारों में ड्राइवर एयरबैग देना अनिवार्य हो गया है। क्रैश टेस्ट में इस्तेमाल हुई डैटसन रेडी-गो में भी केवल ड्राइवर एयरबैग दिया गया था, इस में पैसेंजर साइड एयरबैग नहीं लगा था। 

ग्लोबल एनसीएपी के अनुसार क्रैश टेस्ट में कार की बॉडी अस्थिर रही। सिर और गर्दन प्रोटेक्शन में इसे अच्छी रेटिंग मिली, जबकि ड्राइवर चेस्ट प्रोटेक्शन में इसका प्रदर्शन खराब रहा। क्रैश टेस्ट आंकड़ों की मानें तो दुर्घटना की स्थिति में कार ड्राइवर को जानलेवा चोट आने की संभावनाएं हैं। क्रैश टेस्ट में यह कार व्यस्क पैसेंजर की सुरक्षा के मामले में महज एक स्टार रेटिंग हासिल कर पाई। 

चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए इसे दो स्टार रेटिंग मिली है। ग्लोबल एनकैप के अनुसार कार में तीन साल और 18 महीने के बच्चे के सिर पर चोट लगने की संभावनाएं रहती है। कार में आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकर का अभाव था, अगर यह फीचर होता तो इसकी चाइल्ड सेफ्टी रेटिंग बढ़ सकती थी। 

ग्लोबल एनसीएपी का क्रैश टेस्ट 64 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड पर किया जाता है। यह क्रैश टेस्ट एक निश्चित रफ्तार पर होता है, ऐसे में तेज रफ्तार में यह कार पैसेंजर के लिए सुरक्षित रहेगी या नहीं, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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