2030 तक आईसीई मॉडल्स सबसे ज्यादा बिकेंगे और इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड रहेगी सबसे कम: मारुति
प्रकाशित: जनवरी 31, 2023 03:43 pm । स्तुति
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मारुति सुजुकी की योजना 2030 तक छह इलेक्ट्रिक कार उतारने की है।
मारुति 2025 से पहले कोई इलेक्ट्रिक कार नहीं उतारने वाली है। वहीं दूसरी ओर मारुति की प्रतिद्वंदी कंपनी टाटा मोटर्स नेक्सन ईवी, टिगॉर ईवी और अब टियागो ईवी के जरिए लोगों को इलेक्ट्रिक व्हीकल के नए-नए ऑप्शन दे रही है।
हाल ही में मारुति ने अपना ईवी प्लान साझा किया है। मारुति की योजना भारत में 2030 तक 6 इलेक्ट्रिक कारें उतारने की है। इसी के साथ कंपनी ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों की सेल्स का एक अनुमान भी लगाया है। कंपनी द्वारा साझा किए आंकड़े काफी हद तक असली लगते हैं।
2030 तक मारुति भारत में छह इलेक्ट्रिक कारें उतारेगी जिनमें कई हैचबैक और कॉम्पेक्ट एसयूवी कारें शामिल होंगी। मारुति का अनुमान है कि 2030 तक भारत में 60 प्रतिशत तक डिमांड उनके आईसीई मॉडल्स की ही रहेगी।
इसमें एंट्री लेवल माइल्ड हाइब्रिड के अलावा वो मॉडल्स भी शामिल होंगे जो रेगुलर पेट्रोल इंजन के अलावा दूसरे फ्यूल जैसे सीएनजी, बायोगैस, एथेनॉल मिक्सड फ्यूल (जैसे ई2ओ) पर चलेंगे। मारुति ने हाल ही में 2.5 करोड़ कार बेचने का आंकड़ा पार किया था जिनमें से लगभग 21 लाख यूनिट्स माइल्ड-हाइब्रिड और सीएनजी मॉडल की थी।
मारुति का मानना है कि उसकी इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड केवल 15 प्रतिशत रहेगी। जबकि, टाटा का अनुमान है कि 2030 तक ईवी की डिमांड लगभग 50 प्रतिशत पहुंच जाएगी।
मारुति का अनुमान है कि 2030 तक नए स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड पावरट्रेन वाले मॉडल्स की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत पहुंच सकती है। हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाले मॉडल्स अच्छा माइलेज देते हैं और कम पॉल्यूशन जनरेट करते हैं, साथ ही यह इसी साइज़ में आने वाली इलेक्ट्रिक कारों से ज्यादा सस्ते भी होते हैं।
इलेक्ट्रिक कारों के पावरट्रेन से जुड़े कॉम्पोनेन्ट (जैसे बैटरी) को भारत में तैयार करने को लेकर मारुति निवेश यहां पहले ही कर चुकी है। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल के पार्ट्स तैयार होने से कंपनी को कार की कीमत कम रखने में काफी मदद मिलेगी।
भारत में टाटा को 50,000 ईवी बेचने में लगभग तीन साल लगे हैं, जबकि मारुति का लक्ष्य एक महीने में 10,000 ईवी को बेचने का है जो तब तक संभव नहीं होगा जब तक कि ईवी लोगों के लिए अफोर्डेबल नहीं हो जाती है।