25 साल का हुआ गूगल: जानिए इसने कैसे कारों को बनाया मॉडर्न और ड्राइविंग एक्सपीरियंस को किया बेहतर
प्रकाशित: सितंबर 28, 2023 03:56 pm । भानु
- 756 Views
- Write a कमेंट
27 सितंबर 1998 के दिन लैरी पेज और सर्जी ब्रिन 'बैकरब' नाम के एक रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए साथ आए। इसके तुरंत बाद इस प्रोजेक्ट को ‘गूगल; नाम दिया गया जो दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है। साल दर साल ये बदलता गया और जानकारी के माध्यम से इसने पूरी दुनिया को जोड़कर रखा हुआ है। गूगल के 25 साल पूरे होने के मौके पर हमनें एक रोचक आर्टिकल तैयार किया है कि आखिर कैसे इसने ट्रैवल और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को प्रभावित किया है।
गूगल मैप्स: पूरी दुनिया का नक्शा आपकी जेब में
गूगल न्यूज और जी-मेल को 2004 में लॉन्च करने के बाद इस टेक कंपनी ने ट्रेवलिंग को आसान बनाने का बीड़ा उठाया। 2005 में कंपनी ने 'गूगल मैप्स' को लॉन्च किया जिसका हर महीने 1 बिलियन से ज्यादा लोग उपयोग करते हैं। मगर इसे 2008 में एक महत्वपूर्ण अपडेट दिया गया, जहां ये मोबाइल एप के रूप में सामने आया और 2009 में इसमें टर्न बाय टर्न नेविगेशन का फीचर भी जोड़ा गया।
बाद में गूगल मैप्स के लिए एक और महत्वपूर्ण अपडेट दिया गया जिसमें अमेरिका के कुछ शहरों के ट्रैफिक की रियल टाइम न्यूज देनी शुरू की गई। आज एंड्रॉयड यूजर्स गूगल मैप्स पर निर्भर रहते हैं। हाल ही के कुछ सालों में गूगल ने फ्यूल बचाने में मदद करने वाले एक और 'इमर्सिव व्यू' ऑप्शन सहित विभिन्न अपडेट पेश करके इसमें लगातार सुधार किया है, जो एक शहर का 3डी पिक्चर देता है और उसमें पार्किंग स्पॉट्स सहित कई चीजें दिखाई देती है।
अब गूगल वोल्वो ईएक्स90 जैसी कारों के साथ हाई डेफिनेशन मैप्स की पेशकश करने जा रहा है जो कि वोल्वो की नई फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक एसयूवी है। इन एचडी मैप्स में ड्राइवर को लेन मार्किंग, रोड साइन और ट्रैफिक बैरियर्स की जानकारी दी जाएगी।
एक और चीज जिसके जरिए गूगल मैप्स ने मोबिलिटी लैंडस्केप को बदल दिया है वो ये है कि दूसरे एप्स भी अपने यहां इन फीचर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण उबर है।
एंड्रॉयड ऑटो
'एंड्रॉयड ऑटो' लोगों को यात्रा करते समय कनेक्ट रखने में मदद करता है। ये एक मोबाइल सॉफ्टवेयर है जिसे गूगल ने डेवलप किया है जहां कार की टचस्क्रीन पर एक एंड्रॉयड डिवाइस दिखाई देता है। आसान भाषा में कहें तो आपके मोबाइल की एप्स, मैसेज, नोटिफिकेशन, म्यूजिक और मैप्स कार के डैशबोर्ड पर देखे जा सकते हैं। इसके इंटरफेस को भी दोबारा से डिजाइन किया गया है जिससे ड्राइविंग के दौरान आसानी से इसका इस्तेमाल किया जा सके और आपके साथ कोई दुर्घटना भी ना हो। हुंडई पहली ऐसी कंपनी थी जिसने एंड्रॉयड ऑटो को अपनी 2015 में लॉन्च हुई सोनाटा में पेश किया।
यह भी पढ़ें: भारत में बिकने वाली इन सात कारों में मिलता है फैक्ट्री फिटेड डैशकैम फीचर, देखिए पूरी लिस्ट
भारत में 2016 में गूगल ने एंड्रॉयड ऑटो सर्विस को लॉन्च किया था और महिंद्रा सबसे पहली कंपनी थी जिसने अपनी अब बंद हो चुकी एक्सयूवी500 कार में ये फीचर पेश किया। गूगल लगातार एंड्रॉयड ऑटो को अपडेट दे रही है जिससे ड्राइवर का एक्सपीरियंस और बेहतर हो रहा है और ये इस्तेमाल करने में भी आसान है। इन अपडेट्स में स्पिल्ट स्क्रीन फंक्शन, डिजिटल ड्राइवर की और एंड्रॉयड ऑटो के जरिए व्हाट्सएप कॉल शामिल है।
गूगल बेस्ड इंफोटेनमेंट सिस्टम
कारों के लिए फोन मिररिंग इंटरफेस को डेवलप करने के बाद ये टेक कंपनी अब 'एंड्रॉयड ऑटोमोटिव' नाम से इन कार इंफोटेनमेंट सेटअप्स के लिए एक एंड्रॉयड बेस्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर रही है। इसके जरिए फोन को बिना कनेक्ट किए ही गूगल मैप्स और गूगल असिस्टेंट जैसी सर्विस को काम में लिया जा सकेगा। इस सिस्टम में गूगल प्ले स्टोर भी दिया जाएगा, जिससे दूसरी एप्स का भी फायदा उठाया जा सकेगा।
वोल्वो, रेनो और होंडा ऐसे कुछ कारमेकर्स हैं जिनके ग्लोबल पोर्टफोलियो में मौजूद कारों में ये फीचर दिया जा रहा है। गूगल जल्द ही फोर्ड और निसान जैसी कंपनियों तक भी इसे पहुंचाएगी।
यह भी पढ़ें: ऑडी ए8एल सिक्योरिटी: वीआईपी लोगों के लिए कैसे परफैक्ट है ये कार, जानिए यहां
लाखों हायपर लिंक्स के साथ गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन बन गया है और अब तो कारों में भी इसकी सर्विसेज मिलने लगी है। हमें यकीन है कि आप सब भी अपने दैनिक जीवन में इन फीचर्स का इस्तेमाल जरूर करते होंगे और आपको जल्द ही इनसे जुड़े कुछ अपडेट्स दिए जाते रहेंगे। आपको गूगल का कौनसा फीचर है ज्यादा पसंद? कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं।