फोर्ड भारत में फिर शुरू कर सकती है कारों का प्रोडक्शन
भारत सरकार ने हाल ही में घरेलू मैन्यूफेक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए ऑटोमोटिव सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम की मंजूरी दी है। इसके लिए 25,938 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। चैंपियन ओईएम इंसेंटिव की पीएलआई कैटेगरी के तहत 20 कंपनियों के नाम स्वीकृत हुए हैं जिनमें फोर्ड इंडिया का नाम भी शामिल है। ऐसे में चर्चाएं हैं कि फोर्ड कंपनी भारत में फिर से कारों का प्रोडक्शन शुरू कर सकती है।
फोर्ड ने भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए ऑफिशियल रिस्पॉन्स में कहा है कि "हम ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक्सपोर्ट बेस के रूप में भारत में एक प्लांट का उपयोग करने की संभावना तलाश रहे हैं।"
फोर्ड कंपनी पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों के ग्लोबल पोर्टफोलियो पर काम कर रही है। वर्तमान में कंपनी की स्पोर्टी इलेक्ट्रिक एसयूवी मस्टैंग मैक-ई भी भारतीय बाज़ार में मौजूद है और इलेक्ट्रिक पिकअप एफ-150 लाइटिंग का प्रोडक्शन शुरू होना बाकी है। फोर्ड कमर्शियल सेगमेंट के लिए भी इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाएगी मगर ये भारतीय बाजार के लिए नहीं होंगे। कंपनी यहां इन्हें तैयार करके बाहर एक्सपोर्ट करेगी।
सितंबर 2021 में फोर्ड ने घोषणा की थी कि वह अपना लोकल प्रोडक्शन भारत में बंद कर देगी, लेकिन अपने ऑपरेशंस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट, सर्विस एन्ड सपोर्ट के लिए जारी रखेगी और केवल अपने इम्पोर्टेड मॉडल्स को ही बेचेगी। कंपनी ने यह निर्णय भारी नुकसान के बाद लिया था।
फोर्ड वाली ही कैटेगरी के तहत स्वीकृत दूसरे फोर व्हीलर पैसेंजर कार ओईएम में हुंडई, किया, महिंद्रा, टाटा, पीसीए (सिट्रोएन) और मारुति सुजुकी शामिल है।
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Ford should come back to India with its ev and other models