स्कोडा सुपर्ब डीजल: क्या स्कोडा वापस डीजल इंजन लाने पर कर रही है विचार? पढ़िये ये रिपोर्ट
प्रकाशित: अप्रैल 23, 2025 08:06 pm । भानु
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डीजल कार पसंद काने वालो के लिए एक खुशखबरी है क्योंकि रिपोर्ट्स के अनुसार स्कोडा फिर से डीजल इंजन को लाने की तैयारी कर रही है जिसकी शुरूआत स्कोडा सुपर्ब से होगी। कंपनी पहले से ही यहां पेट्रोल कारें बना रही है और हमारे एक सूत्र के अनुसार कंपनी यही संभावना डीजल इंजन के लिए भी ढूंढ रही है मगर बदलती कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकोनॉमी नॉर्म्स के कारण वो अभी विचारधीन स्थिती में है। इस रिपोर्ट में हमनें स्कोडा के डीजल पावरट्रेन से जुड़ी जानकारियों को आगे साझा किया है।
फोक्सवैगन ग्रुप ने क्यों बंद कर दिया था डीजल इंजन?
स्कोडा,ऑडी,पोर्श और फोक्सवैगन जैसी कंपनियां चलाने वाले फोक्सवैगन ग्रुप ने साल 2019 में डीजल इंजन बंद कर दिया था। बीएस6 नॉर्म्स की वजह से कंपनी को ये फैसला लेना पड़ा था क्योंकि सभी तरह के इंजन के लिए ये नॉर्म्स काफी सख्त थे। इसके बाद से फोक्सवैगन ग्रुप के अंतर्गत आने वाले ब्रांड केवल पेट्रोल इंजन वाली कारें ही पेश कर रहे हैं।
लेकिन ये चीज जल्द बदल सकती है क्योंकि सूत्र का कहना है कि स्कोडा भारत में डीजल इंजन दोबारा लाने की तैयारी कर रही है जिसकी शुरूआत स्कोडा सुपर्ब से होगी।
कौनसी बाधाएं आ सकती है इसमें?
स्कोडा के लिए इस चीज में सबसे बड़ी बाधा बदलते कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल इकोनॉमी नॉर्म्स है। कैफे मानदंड किसी ऑटोमोटिव यूनिट्स के एक एक मॉडल्स के बजाय पूरे प्रोडक्ट लाइनअप के सीओ2 एमिशन को रेगुलेट करने के लिए निर्धारित किए गए हैं।
एक कारमेकर के लिए कैफे स्कोर को कैलकुलेट करने के लिए वैसे तो कई तरीके है मगर कुल स्कोर बेची गई यूनिट्स की संख्या,सीओ2 एमिशन और हर मॉडल के कर्ब वेट से तय होता है। कारमेकर्स या तो ज्यादा से ज्यादा यूनिट्स बेच सकते हैं या संबंधित प्राधिकारियों द्वारा निर्धारित कैफे टारगेट स्कोर के अंतर्गत रहने के लिए सीओ2 एमिशन को कम कर सकते हैं।
इसके अलावा कारमेकर्स इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड व्हीकल्स भी बेच सकते हैं जिससे उन्हें 'सुपर क्रेडिट' मिलता है। इन 'सुपर क्रेडिट' का उपयोग ज्यादा पॉल्यूशन फैलाने वाले मॉडल्स से बैलेंस करने के लिए किया जा सकता है। स्कोडा इस ऑफर का लाभ एन्याक से उठा सकती है जो कि भारत में 2025 में लॉन्च की जा सकती है मगर अमेरिकी सरकार द्वारा टैरिफ लगाए जाने से इसके यहां आने में विलंब हो रहा है।
स्कोडा की ओर से सीबीयू रूट के माध्यम से सीमित संख्या में यूनिट्स की पेशकश के कारण, कुल बिक्री के आंकड़े उस बिंदु तक नहीं पहुंचेंगे, जो कैफे नॉर्म्स की आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
क्यों डीजल इंजन की वापसी की कराना चाहती है कंपनी?
जब फोक्सवैगन ग्रुप की भारत में डीजल कारें बिका करती थी तो कई कस्टमर्स इन्हें ही प्राथमिकता देते थे क्योंकि इसके टीडीआई इंजन काफी फ्यूल एफिशिएंट थे। भारत जैसे बाजारों में जहां आज भी फ्यूल एफिशिएंसी लोगों के लिए काफी मायने रखती है वहीं स्कोडा के इस कदम से सुपर्ब और कंपनी की अपकमिंग कारें ज्यादा आकर्षक हो सकती है।
अब आगे क्या
रिपोर्ट के अनुसार स्कोडा डीजल इंजन फिर से लाने की प्लानिंग कर रही है और ये इंजन खासतौर पर कंपनी की इंपोटेड कारों में दिया जा सकता है। कंपनी लोकल मैन्यूफैक्चरिग के बारे में भी विचार कर रही है मगर उपर बताए गए कारण इसमें बाधा डाल सकते हैं। फोक्सवैगन ग्रुप के अधीन आने वाले ऑडी क्यू5,क्यू4,ए4 और ए6,फोक्सवैगन टिग्वान आर लाइन और पोर्श केयेन जैसे मॉडल्स के लिए भी यही कदम उठाए जा सकते है।
फोक्सवैगन ग्रुप के कौनसे भारतीय मॉडल में आप देखना चाहेंगे डीजल इंजन? कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं।