ऑटो सेक्टर को सरकार की नई सौगात, 26,000 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को मिली मंजूरी
प्रकाशित: सितंबर 15, 2021 08:19 pm । स्तुति
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भारत सरकार ने आज ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की पीएलआई (प्रोडक्शन-लिंक्ड-इन्सेंटिव) योजना को मंजूरी दी है। इससे ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिलेगा और कंपनियों को प्रोडक्शन बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
भारत सरकार इस राशि को आने वाले पांच वर्षों में खर्च करेगी और इससे कंपनियों को एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी तैयार करने में कॉस्ट पर काबू पाने में मदद मिलेगी। इस पीएलआई योजना का लाभ नए और मौजूदा सभी कॉम्पोनेन्ट व ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर उठा सकेंगे।
सरकार के अनुमानों के अनुसार आने वाले पांच वर्षों के दौरान पीएलआई योजना में 42,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नया निवेश होगा, साथ ही 2.3 लाख करोड़ रुपये के इंक्रीमेंटल प्रोडक्शन में भी वृद्धि होगी। इससे इंडस्ट्री में 7.5 लाख नौकरियां पैदा होने का अनुमान लगाया गया है।
पीएलआई स्कीम को दो भागों में बांटा गया है जिनमें से एक बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल के प्रोडक्शन और हाइड्रोजन फ्यूल सेल को सपोर्ट करेगा, वहीं दूसरा कॉम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट करेगा।
यह लेटेस्ट पीएलआई भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को क्लीनर व्हीकल टेक्नोलॉजी में परिवर्तन लाने और वैश्विक ऑटोमोटिव व्यापार का एक बड़ा हिस्सा तैयार करने में मदद करेगा।
टाटा मोटर्स का यह है कहना: टाटा मोटर्स के पैसेंजर व्हीकल बिज़नेस यूनिट के प्रेजिडेंट शैलेश चंद्रा ने बताया कि "हम नई प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की घोषणा से काफी खुश हैं। सरकार ने खासकर टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भारत को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया है जो भविष्य में बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा। यह योजना मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक वाहनों और हाइड्रोजन फ्यूल सेल के एक्सपोर्ट और उनके सहायक सपोर्टिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ नए टेक्नोलॉजी ऑटो पार्ट को भी बढ़ावा देगा।”
महिंद्रा एंड महिंद्रा का यह है कहना : महिंद्रा एंड महिंद्रा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजेश जेजूरिकार ने बताया कि “ऑटो पीएलआई स्कीम एक परिवर्तनकारी कदम है जिसमें क्लीन मोबिलिटी और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए मल्टीप्लायर प्रभाव पैदा करने की क्षमता है। यह भारतीय कंपनियों को ईवी और टेक्नोलॉजी में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिए काफी प्रोत्साहन देता है।"