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डिजायन के मामले में कितनी अलग है टाटा टिगॉर

संशोधित: अप्रैल 06, 2017 12:45 pm | raunak | टाटा टियागो 2015-2019

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टाटा मोटर्स की नई कॉम्पैक्ट सेडान टिगॉर 29 मार्च को लॉन्च होगी। टिगॉर सिर्फ एक नई कार न होकर टाटा मोटर्स के लिए वो बड़ा दांव है, जिसके जरिये टाटा मोटर्स कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में अपनी खोई हुई चमक को वापस पाने की उम्मीद लगाए बैठी है।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि भारत में कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट की शुरुआत टाटा मोटर्स ने इंडिगो सीएस (कॉम्पैक्ट सेडान) से की थी, लेकिन स्विफ्ट डिजायर और होंडा अमेज़ के आने के बाद से इंडिगो सीएस बिक्री में पिछड़ गई।

इंडिगो सीएस की बिक्री घटने का प्रमुख कारण सिर्फ कम आकर्षक डिजायन ही नहीं था बल्कि नए बदलाव नहीं होना और लेटेस्ट फीचर्स की कमी की वजह से भी ये पिछ़डी, आज भी देखा जाए तो कॉम्पैक्ट सेडान में सबसे बड़ी चुनौती बूट या डिक्की के डिजायन को लेकर ही है। मौजूदा डिजायर भले ही सेगमेंट में सबसे आगे हो लेकिन बूट डिजायन के मामले में यह सबसे पिछड़ी हुई है।    

टाटा मोटर्स ने साल 2014 में ज़ेस्ट के साथ सब 4-मीटर सेडान सेगमेंट में दूसरी कोशिश की, डिजायन के मामले में ये डिजायर से कहीं बेहतर है लेकिन फिर भी इसे परफेक्ट डिजायन वाली कॉम्पैक्ट सेडान नहीं कहा जा सकता। अब कंपनी टिगॉर के साथ एक और नई कोशिश करने जा रही है, यह डिजायन और फीचर के मामले में सेगमेंट की सबसे अच्छी पेशकश लग रही है, यहां हम बात करेंगे इसके डिजायन से जुड़े कुछ अहम पहलुओं की ...

कूपे जैसी रूफलाइन

आमतौर पर कॉम्पैक्ट सेडान बी-पिलर तक थोड़े-बहुत बदलाव के साथ हैचबैक मॉडल जैसी ही होती, कुछ नया करने की कहानी बी-पिलर के बाद शुरू होती है और कार की डिक्की पर सबसे ज्यादा मेहनत करनी होती है। कॉम्पैक्ट सेडान की लम्बाई 4-मीटर के दायरे में रहती है, इस वजह से केबिन स्पेस, रियर विंडस्क्रीन और बूट के साथ-साथ कंपनी को इस सीमित दायरे में एक आकर्षक कार तैयार करनी होती है।

टिगॉर के मामले में कंपनी ने काफी मेहनत की है, बाकी कॉम्पैक्ट सेडान से अलग दिखाने के लिए कंपनी ने इस की छत को कूपे मॉडल जैसा रखा है, जो पीछे की तरफ बूट में जाकर अच्छे से मिल जाती है। टिगॉर के बूट लीड को राउंड शेप दिया गया है, जो इसे फास्टबैक जैसा डिजायन देता है।

कद-काठी में यह टियागो हैचबैक से बड़ी है, इस में पीछे की तरफ बड़ा डोर दिया गया है, इस वजह से इस में प्रवेश करना और बाहर निकलना आसान है।

टिगॉर का अगला हिस्सा

टिगॉर का अगला हिस्सा टियागो से मिलता-जुलता है, हालांकि टियागो से अलग दिखाने के लिए यहां भी कुछ नए बदलाव किए गए हैं। टिगॉर में स्मोक्ड ड्यूल-बैरल प्रोजेक्टर हैडलैंप्स दिए गए हैं, यह फीचर टिगॉर और टाटा की ही ज़ेस्ट के अलावा किसी भी कार में मौजूद नहीं है। पीछे की तरफ एलईडी ग्राफिक्स वाले टेललैंप्स मिलेंगे यहां भी टिगॉर और ज़ेस्ट ही वे कारें हैं जिनमें यह फीचर मौजूद है। इसकी ग्रिल पर ह्यूमैनिटी क्रोम लाइन दी गई है, यह टाटा की इंपेक्ट डिजायन थीम का सबसे प्रमुख फीचर है। टिगॉर को गौर से देखें तो हमें यहां हैक्सागोनल पैटर्न दिखाई देगा जो इसे टियागो से अलग और ज्यादा शार्प बनाता है।

टिगॉर के वे फीचर जो बनाते हैं इसे टियागो से अलग

  • स्मोक्ड ड्यूल-बैरल प्रोजेक्टर हैडलैंप्स के साथ एंबर टर्न लैंप्स.
  • 15 इंच के 5-स्पोक डायमंड-कट डार्क अलॉय व्हील (केवल पेट्रोल टॉप वेरिएंट में).

  • स्प्लिट रेपराउंड टेललैंप्स के साथ हैक्सागोनल पैटर्न और एलईडी ग्राफिक्स.
  • चौड़ी और ऊंची पोजिशन वाला एलईडी स्टॉप लैंप.
  • विंडो सिल और नंबर प्लेट पर क्रोम फिनिशिंग.

यह भी पढें : स्टाइल और फीचर के मामले में टियागो से कितनी आगे है टाटा टिगॉर ?

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