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क्या भारत में आसान होगी हुंडई की सस्ती इलेक्ट्रिक कारें मिलने की राह ?

प्रकाशित: जून 13, 2019 03:41 pm । भानु

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कुछ महीनों पहले किया मोटर्स और हुंडई ने मिलकर ओला कैब्स में 2000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी। इस निवेश के तहत दोनों कंपनियों के बीच इलेक्ट्रिक कारें और चार्जिंग स्टेशन विकसित करने को लेकर समझौता हुआ था। इसके साथ ही जानकारी मिली थी कि हुंडई भारत में जुलाई 2019 तक अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार कोना लॉन्च करेगी। ऐसे में माना जा रहा था कि भविष्य में हुंडई मोटर्स भारत में कुछ और भी इलेक्ट्रिक कारें उतार सकती हैं।

अब हमें जानकारी मिली है कि भारत में हुंडई बैट्री प्लांट में निवेश नहीं करने के बारे में सोच रही है। यदि हुंडई हर साल अपनी इलेक्ट्रिक कार की करीब 50,000 यूनिट बेचने में कामयाब होती है, तो ही बैट्री प्लांट में निवेश करने की राह खुलेगी। लेकिन, इसका मतलब ये नहीं है कि हुंडई भारत में इलेक्ट्रिक कारें पेश नहीं करेगी। इस बात से सिर्फ ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत में हुंडई की सस्ती इलेक्ट्रिक कारें मिलने की राह आसान नहीं है।

इलेक्ट्रिक कारों में सबसे महंगा पार्ट उसकी बैट्री होती है। कार की रेंज भी बैट्री ही तय करती है। बैट्री जितनी बड़ी और ठोस होगी उतनी ही उसकी चार्जिंग और लंबी दूरी तय करने की क्षमता होगी। यदि भारत में ही इलेक्ट्रिक कार बैट्री की मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर दी जाए तो इन कारों को तैयार करने की लागत में कमी आएगी और कारें भी सस्ती दर पर मिलेंगी।

भारतीय बाजार में हुंडई के मुख्य प्रतिद्वंदी कंपनियों में मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा का नाम शुमार है। ये सभी कंपनियां देश में बैट्री मैन्यूफैक्चर करने की घोषणा कर चुकी हैं। टाटा और महिंद्रा भारत में काफी समय से इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण कर रही है। वहीं, इस सेगमेंट में मारुति सुजुकी 2020 तक प्रवेश करेगी। महिंद्रा, इलेक्ट्रिक कारें बेचने के लिहाज से देश की सबसे पुरानी कंपनी भी है। मगर, ये कंपनी इन कारों की प्रतिवर्ष 50,000 यूनिट बेचने में कामयाब नहीं हो पाई है। वर्तमान में महिंद्रा की ई-वरिटो सबसे किफायती दामों पर उपलब्ध इलेक्ट्रिक कार है। महिंद्रा ई वरिटो की प्राइस 10.11 लाख रुपये (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है।

वर्तमान में निजी ग्राहकों में इलेक्ट्रिक कारों की मांग काफी कम है। इलेक्ट्रिक कारें अपनी ज्यादा कीमत, कम रेंज व चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण ग्राहकों को लुभाने में असफल रही है। बावजूद इसके सरकारी विभागों के लिए कारों की खरीद फरोकख्त करने वाली एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड ईईएसएल इलेक्ट्रिक कारों को काफी बढ़ावा दे रही है।

भारत में सस्ती कारें मुहैया कराने के लिए या तो हुंडई को इलेक्ट्रिक कार तैयार करने वाली कंपनी के साथ करार करना होगा, या फिर कंपनी स्थानीय बैट्री मैन्यूफैक्चरर से करार कर सकती है। इलेक्ट्रिक कारों की बैट्री के प्रोडक्शन को लेकर कंपनी की रणनीति चाहे जो भी हो, लेकिन एक बात तय है कि जुलाई 2019 तक हुंडई के पोर्टफोलियो में लंबी रेंज की इलेक्ट्रिक कार जुड़ने जा रही है।

यह भी पढ़ें: 16 जून से थर्ड पार्टी कार इंश्योरेंस कराना पड़ेगा महंगा

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