डिजायर के टॉप वेरिएंट से महंगी हो सकती है मारूति की अपकमिंग इलेक्ट्रिक कार
प्रकाशित: अप्रैल 30, 2019 05:09 pm । jagdev । मारुति वैगन-आर इलेक्ट्रिक
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मारुति सुजुकी जल्द ही इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में कदम रखेगी। इसके लिए कंपनी अपनी एक कार के इलेक्ट्रिक वर्जन की टेस्टिंग कर रही है। साल 2020 तक कंपनी इस कार को बाजार में उतार देगी। यह सेगमेंट की सबसे सस्ती और छोटी इलेक्ट्रिक कार होगी। इसका मुकाबला अपकमिंग टाटा टियागो इलेक्ट्रिक और महिंद्रा ईकेयूवी100 से होगा। मारूति ने संकेत दिए हैं कि यह इलेक्ट्रिक गाड़ी 9 लाख रुपए की प्राइस रेंज में उपलब्ध हो सकती है।
कंपनी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने बताया कि 5 लाख रुपए तक की प्राइस रेंज में आने वाली मारूति कार के इलेक्ट्रिक वर्जन की कीमत 9 लाख रुपए तक रखी जा सकती है। दूसरी तरफ, कंपनी के प्रबंध निदेशक केनिची आयुकावा ने कहा है कि भारत में टैक्स नियमों के कारण छोटी इलेक्ट्रिक कार की कीमत 12 लाख रुपए तक भी पहुंच सकती है। यानी इस कार की कीमत डिजायर के टॉप वेरिएंट से भी महंगी हो सकती है। डिजायर के टॉप वेरिएंट की कीमत 9.55 लाख रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली) है। अगर कार की कीमत 15 लाख रुपए से नीचे रहती है तो ग्राहकों को फेम II योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत ग्राहकोें को इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर टैक्स में 1.5 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी।
एक छोटी इलेक्ट्रिक कार की कीमत 9 लाख रुपए होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि यह कारें ईंधन पर होने वाले मोटे खर्चे से ग्राहकों को बचाती है। उदाहरण के रूप में महिंद्रा की वरिटो सेडान के इलेक्ट्रिक वर्जन की कीमत 10 लाख रुपए है। वहीं, इस कार का डीजल वर्जन 7.5 लाख रुपए में उपलब्ध है।
कंपनी के उच्चाधिकारी इलेक्ट्रिक कारों के महंगे होने के प्रति अपनी चिंता जता चुके हैं। उनका मानना है कि इलेक्ट्रिक कारों के पेट्रोल एवं डीजल वर्जन से महंगे होने के कारण ग्राहक इन्हें खरीदने में ज्यादा रूचि नहीं दिखाएंगे।
इलेक्ट्रिक कारों की मेंटेनेंस और रनिंग कॉस्ट काफी कम है। ऐसे में इन कारों का वाणिज्यिक उपयोग लेने के इरादे से कुछ ग्राहक इसमें रूचि दिखा सकते हैं। इन कारों में कुछ कमियां भी होती है। जैसे कि ये ज्यादा दूरी तय नहीं कर सकती हैं और इन्हें चार्ज करने में भी काफी समय लगता है। इलेक्ट्रिक कारों के मुकाबले डीज़ल, सीएनजी और माइल्ड हाइब्रिड पेट्रोल कारें ज्यादा अच्छे विकल्प के तौर पर देखी जाती हैं। इलेक्ट्रिक कारों को उपयुक्त बनाने के लिए कार निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वो इनकी रेंज ज्यादा रखने की कोशिश करें। साथ ही कोई ऐसी तकनीक विकसित करें कि कार को चार्ज करने में ज्यादा समय ना लगे। लेकिन, ये दोनों बातें कार बनाने की लागत पर काफी असर डालेंगी जिससे स्वभाविक रूप से कारों की कीमत महंगी हो जाएगी।
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