शेवरले बीट भी क्रैश टेस्ट में फेल, मिली जीरो रेटिंग

प्रकाशित: सितंबर 23, 2016 01:54 pm । alshaarशेवरले स्पार्क

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पैसेंजर सेफ्टी के मामले में लगातार हो रही किरकिरी के बावजूद भारत में कार कंपनियां इस मुद्दे को शायद गंभीरता से नहीं ले रही हैं। ताजा मामला शेवरले की बीट हैचबैक का है। दक्षिण अमेरिका और कैरीबिया में न्यू कार असेस्मेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने बीते मंगलवार को भारत में बनी शेवरले बीट का क्रैश टेस्ट किया था। इस में बीट को व्यस्क और चाइल्ड सेफ्टी के मामले में जीरो स्टार रेटिंग मिली है।

हाल ही में ग्लोबल नेशनल कार असेस्मेंट प्रोग्राम (एनसीएपी) ने भारत में बनी रेनो क्विड और होंडा मोबिलियो का भी क्रैश टेस्ट किया था। इस में क्विड को एक स्टार और मोबिलियो के बेस मॉडल को जीरो रेटिंग हासिल हुई।

शेवरले बीट को जनरल मोटर्स के पुणे स्थित तालेगांव प्लांट में बनाया जाता है। यहां से इसे दक्षिणी अमेरिकी देश मैक्सिको और कोलम्बिया को निर्यात किया जाता है। यहां यह कार ‘स्पार्क’ नाम से बिकती है। पैसेंजर सेफ्टी मामले में भारत में बनी बीट को मिली जीरो रेटिंग ने सभी को हैरान कर दिया है।

खास बात ये है कि भारत में तैयार और भारत जैसे ही उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले देशों में बिकने वाली बीट सुरक्षा के मामले में काफी कमतर है, वहीं इसका यूरोपीय मॉडल इस मामले में काफी बेहतर है। यूरो एनसीएपी क्रैश टेस्ट में बीट को साल 2009 में 4-स्टार रेटिंग हासिल हुई थी। यूरोप में कड़े कानूनों की वजह से बीट के बेस वेरिएंट में भी छह एयरबैग दिए गए हैं।

कीमत की बात करें तो बीट के बेस मॉडल की यूरोप और दक्षिण अमेरिका में कीमत लगभग बराबर है। यूरोप में जहां बेस मॉडल से ही अच्छे सेफ्टी फीचर मिलते हैं वहीं उभरती हुई अर्थव्यस्था वाले देशों में इन कारों को बिना सेफ्टी फीचर के उतारा जाता है।

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