टेस्ला भारतीय बाजार में एंट्री लेने का फिर से कर रही है विचार, भारत सरकार से वार्ता करने आएंगे कंपनी के अधिकारी
संशोधित: मई 18, 2023 07:16 pm | भानु
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पिछले साल इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक कारों पर से टैक्स को कम करने के टेस्ला के सुझाव को भारत सरकार द्वारा ठुकराए जाने के बाद अब ये यूएस कारमेकर भारतीय बाजार में एंट्री लेने के लिए एकबार फिर से बातचीत के दौर को आगे बढ़ाना चाहती है। एक रिपोर्ट की मानें तो टेस्ला के ऑफिशियल्स भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए एक प्रस्ताव के साथ भारत का दौरा कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि टेस्ला के एग्जिक्यूटिव्स अगले सप्ताह सरकारी अधिकारियों के साथ बैठक कर सकते हैं जिसमें मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए लोकेशन और व्हीकल्स तैयार करने के जरूरी कंपोनेंट्स की भारत में ही सोर्सिंग को लेकर चर्चा कर सकते हैं।
इससे पहले क्या हुआ था?
टेस्ला भारत में एंट्री लेने की काफी वर्षों से कोशिश कर रही है मगर कंपनी यहां लगने वाले ज्यादा इंपोर्ट टैक्स से घबरा गई थी जिससे उन्हें यहां अपनी कारें महंगे दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ता। 2021 में कंपनी ने भारतीय बाजार में निवेश करने से पहले यहां का रिस्पॉन्स चैक करने के लिए इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर लगने वाले टैक्स को कम करने की अपील की थी। उस दौरान भारत और चीन के बीच भी तनाव चल रहा था जो टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग हब भी है। आखिर में भारत सरकार ने टेस्ला के इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की अपील को खारिज कर दिया जिसके बाद कंपनी की अभी तक तो यहां कोई मौजूदगी नहीं है।
तब से टेस्ला के सीईओ इलन मस्क इस अपील के ठुकराए जाने से खुश नहीं है और टेस्ला ने भारत में एंट्री लेने का विचार टाल दिया है। उन्होंने कहा था कि उन्हें उन बाजारों में निवेश करने में कोई दिलचस्पी नहीं है जहां कंपनी के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स ज्यादा ही ना बिक पाएं। लेकिन अब, टेस्ला भारत को अपने ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब में से एक के रूप में देख रही है और यहां खुद को स्थापित करने के बारे में सोच रही है।
कंपनी इंपोर्ट कर अपनी कारें बेचने के बारे में क्यों नहीं सोचती?
टोयोटा और हुंडई की तरह टेस्ला एक मास मार्केट ब्रांड नहीं है। हालांकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए कंपनी अपने व्हीकल्स को अफोर्डेबल बनाने की पूरी कोशिश कर रही है। भारत में इंपोर्ट ड्यूटी को देखते हुए तो टेस्ला के लिए यहां कम कीमत में अपनी कारें बेच पाना मुश्किल हो जाएगा और कंपनी की कारों की यहां कीमत मर्सिडीज बेंज और बीएमडब्ल्यू की कारों के बराबर ही पहुंच जाएगी।
हालांकि भारत में ही मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगने से इनपुट कॉस्ट अपने आप कम हो जाएगी जिससे टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों के दाम भी कम हो जाएंगे। मगर दूसरी तरफ देखें तो लोकल लेवल पर मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए टेस्ला को यहां भारी भरकम निवेश भी करना होगा जिसके मॉडल्स का कोई रियल वर्ल्ड फीडबैक नहीं है कि वो यहां पॉपुलर हैं भी कि नहीं।
भारत में टेस्ला ये मॉडल्स कर सकती है लॉन्च
भारत में टेस्ला मॉडल 3 को लॉन्च कर सकती है जिसे 2021 में भारतीय सड़कों पर टेस्टिंग के दौरान देखा जा चुका है। उसी साल टेस्ला मॉडल वाय को भी देश में टेस्टिंग के दौरान देखा गया था। हाल ही में टेस्ला ने मॉडल एस और टेस्ला मॉडल वाय के राइट हैंड ड्राइव वर्जन ना बनाने का फैसला किया है जिसे देखकर ये कहा जा सकता है इन्हे तो भारत में लॉन्च नहीं किया जाएगा। टेस्ला ने हाल ही में एक छोटी सी क्रॉसओवर कार का टीजर भी जारी किया है जो मॉडल 3 से ज्यादा अफोर्डेबल साबित होगी। इस बारे में जानने के लिए यहां क्लिक कर देखें।
क्या भारत आएगी टेस्ला?
सवाल अब भी वहीं आकर खड़ा हो जाता है कि क्या टेस्ला भारत आएगी? यदि हां तो कब तक? इसके लिए टेस्ला और भारत के अधिकारियों के बीच बैठक के नतीजों का इंतजार करना होगा। कंपनी ने बेंगलुरू में एक ऑफिस भी खोला है और ये इस बैठक के बाद फिर से शुरू हो सकता है।
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