भारत में एक और जगह मिला लिथियम का बड़ा भंडार, अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी तैयार करने के लिए ज्यादा आत्मनिर्भर बन सकेंगे हम
प्रकाशित: मई 09, 2023 07:03 pm । भानु
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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रोडक्शन में लिथियम का काफी अहम किरदार रहता है। इस साल की शुरूआत में जम्मू कश्मीर में इसके भंडार मिले थे जिसकी बदौलत भारत का नाम लिथियम के बड़े भंडार वाले देश के तौर पर ऊंचा हुआ। अब कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण को राजस्थान के नागौर जिले में लिथियम के भंडार मिले हैं।
रिपोर्ट के अनुसार जम्मू कश्मीर में मिले करीब 5.9 मिलियन टन लिथियम भंडार के मुकाबले राजस्थान में लिथियम की ज्यादा भारी मात्रा पाई गई है। फिलहाल इस मामले में चिली और ऑस्ट्रेलिया के पास सबसे ज्यादा भंडार है जो क्रमशः 9.3 मिलियन टन और 6.2 मिलियन टन के करीब है। जम्मू कश्मीर से ज्यादा मात्रा में लिथियम के भंडार मिलने की प्रबल संभावनाओं को देखें तो पूरी दुनिया में भारत सबसे ज्यादा लिथियम के भंडार वाला देश बन जाएगा।
मगर भारत के लिए इसके हैं क्या मायने? तो इसकी पूरी जानकारी हमनें भारत के लिए लिथियम के मायनों नाम के शीर्षक से लिखे गए एक लेख के जरिए दी थी। चूंकि अब यहां बड़े भंडार मिलने लगे हैं तो इसके फायदे भी बड़े ही होंगे।
फिलहाल भारत दूसरे देशों से लिथियम इंपोर्ट कर रहा है जिससे इस मैटेरियल की कीमत ज्यादा हो जाती है और इसका सीधा असर इलेक्ट्रिक गाड़ियों और बैटरी से काम करने वाले दूसरे उपकरणों के प्रोडक्शन पर होने वाले खर्च पर भी पड़ता है। यदि भारत में लिथियम के बड़े भंडार होंगे और वो बैटरी तैयार करने के लिए अनुकूल पाए गए तो हमें इसे इंपोर्ट कराने पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और इन लिथियम रिजर्व के जरिए हम हमारे देश में ही लिथियम बेस्ड बैटरियां तैयार कर सकेंगे। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कॉस्ट में कमी आएगी और कारमेकर्स इनको ज्यादा से ज्यादा संख्या में तैयार कर सकेंगे।
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इसके अलावा यदि हम लिथियम का आयात बंद करते हुए हमारे ही भंडारों का इस्तेमाल करते हैं तो हम इसे दूसरे देशों में एक्सपोर्ट भी कर सकते हैं जिससे देश की अर्थव्यव्सथा को भी फायदा पहुंचेगा। आपको कैसी लगी ये खबर कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं।