जानिए पर्यावरण के लिए क्यों जरूरी है बैटरी रीसाइकल
प्रकाशित: मार्च 20, 2023 01:30 pm । भानु
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इलेक्ट्रिक कारें किसी तरह का पॉल्यूशन नहीं फैलाती है, ऐसे में अब चर्चा ये है कि ऐसे व्हीकल्स हमारी पृथ्वी के लिए कितने अच्छे हैं। एक तथ्य ये भी है कि अब ऑटो सेक्टर में इनकी संख्या बढ़ने के पूरे आसार है। ऐसे व्हीकल्स के लिए एक चुनौती ये भी है कि इनको हर कदम पर पर्यावरण के लिए फायदेमंद साबित होना ही पड़ेगा। इसके लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के पुराने होने पर इन्हें रीसाइकल करना एक बेहतर उपाय साबित होगा।
जहां किसी गाड़ी को पूरी तरह से नष्ट करने की प्रक्रिया सदियों से चली आ रही है, वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम इनमें दिए जाने वाले बड़े बैटरी पैक है। ऐसे में ग्लोबल रीसाइक्लिंग डे के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं बैट्रियों को रीसाइकल करना पर्यावरण के लिए कितना जरूरी है और ये कैसे किया जा सकता है:
कीमती मेटल का पुन: उपयोग करें जिससे कम हो खनन
लगभग हर इलेक्ट्रिक कार के बैटरी पैक में लिथियम, निकल और कोबाल्ट का उपयोग किया जाता है। ये फॉसिल फ्यूल की तरह काफी कीमती धातूएं हैं जिन्हें धरती से निकाला जाता है और इनकी मात्रा भी काफी सीमित है। पुराने हो चुके इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बैट्री पैक्स को रीसाइकल करने से ऐसी धातुओं को दोबारा से इस्तेमाल में लिया जा सकता है और इनसे कुछ दूसरे पार्ट्स भी तैयार किए जा सकते हैं। इससे खनन तो कम होगा ही, साथ ही इन धातुओं की पूर्ति भी हो जाएगी।
चूंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बैटरी पैक्स के सर्किट्स में प्लास्टिक, आयरन, एल्यूमिनियम और यहां तक कि गोल्ड और सिल्वर का भी इस्तेमाल होता है, ऐसे में इन बैटरी पैक्स को रीसाइकल करने से ऐसे मैटेरियल्स का भी दोबारा से इस्तेमाल किया जा सकता है।
बैट्रियों की कीमत होगी कम
बैट्रियों के रीसाइकलिंग से खनन कम होगा और इससे बैट्रियां बनाने की लागत भी कम होगी। चूंकि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में दी जाने वाली बैटरी ही सबसे ज्यादा महंगी होती है, ऐसे में रीसाइकलिंग से इनकी कीमत कम होगी जिससे इलेक्ट्रिक कारों की कीमत भी अपने आप कम हो जाएंगी।
पर्यावरण को कम पहुंचेगा नुकसान
यदि आप अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ी का इस्तेमाल लंबे समय तक करते हैं तो एक ना एक दिन इसे कबाड़ में तब्दील तो करना ही होगा। यदि बैटरी पैक को ठीक ढंग से निष्क्रिय या रीसाइकल नहीं किया जाए तो ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। बैटरी पैक में इस्तेमाल किए जाने वाले कई मैटेरियल्स जहरीले होते हैं और ये संपर्क में आने पर जमीन और पानी दोनों को ही जहरीला बना सकते हैं। इन्हें जलाने का भी कोई फायदा नहीं है, क्योंकि फिर इससे जहरीली गैसें हवा में ही घुलेगी। ऐसे में बैटरी पैक को रीसाइकल करने की प्रक्रिया व्यवस्थित होनी चाहिए, जिससे पर्यावरण को कम नुकसान पहुंच सके।
बैटरी पैक्स को रीसाइकल करने के ये तीन प्रमुख कारण थे जिससे पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सकता है। भारत की बात करें तो फिलहाल यहां इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अपने शुरूआती दौर में है और और व्हीकल स्क्रेपिंग की तरह यहां भी बैटरी रीसाइकलिंग काफी जरूरी हो जाएगी।
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