देश-दुनिया में टॉप-3 पोजिशन पाना चाहती है टाटा मोटर्स
संशोधित: जुलाई 19, 2016 01:47 pm | khan mohd.
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देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स काफी आक्रामकता और तेज़ी से बदली हुई रणनीति पर काम कर रही है। कंपनी ने देश-दुनिया की तीसरी बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है।
टाटा समूह के साथ-साथ टाटा मोटर्स के चेयरमैन सायरस मिस्त्री ने शेयरधारकों की 71वीं सालाना बैठक में यह लक्ष्य निर्धारित किया। मिस्त्री के मुताबिक इस मकसद को पाने के लिए कंपनी लगातार नए और अपडेट प्रोडक्ट बाजार में उतारेगी।
जून महीने की बिक्री के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि बिक्री के मामले में टाटा मोटर्स पांचवें स्थान पर है। बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिएं कंपनी जल्द आने वाली टाटा काइट-5 सेडान (कोडनेम), नेक्सन क्रॉसओवर और हैक्सा एमपीवी पर काफी ज़ोर दे रही है। साल 2011-12 में टाटा मोटर्स का मार्केट शेयर में 13 प्रतिशत हिस्सा था। अब कंपनी का मार्केट शेयर 4.6 प्रतिशत तक सिकुड़ गया है। हालांकि कंपनी का मानना है कि साल 2020 तक हर साल दो नए मॉडल उतार कर मार्केट शेयर में बढ़ोतरी हासिल कर लेगी।
जहां घरेलू बाज़ार में मारूति, हुंडई और महिन्द्रा ने लगातार नए मॉडल लॉन्च करके बिक्री के अच्छे आंकड़े हासिल किए हैं। वहीं इस मामले में टाटा पिछड़ गई है। इसकी वजह बाजार में मौजूद कारों का काफी पुराना पड़ना भी है।
हालांकि कंपनी ने पिछले कुछ वक्त में नए डिजायन, इंजन और टेक्नोलॉज़ी को अपनाकर कॉम्पैक्ट सेडान ज़ेस्ट और बोल्ट हैचबैक को उतारा, इन दोनों कारों ने कंपनी की इमेज़ बदलने में अच्छी भूमिका निभाई है।
यह वही लक्ष्य है जिसे आगे रखकर टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली ब्रिटिश कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) आगे बढ़ी है। पिछले साल 13 फीसदी वृद्धि के साथ कंपनी ने 5.22 लाख के करीब कारें बेचीं। जगुआर लैंड रोवर के इतिहास में यह अब तक की बिक्री के सबसे बड़े आंकड़े हैं।