नितिन गडकरी ने टोयोटा की फ्लैक्स-फ्यूल स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड कार के पायलट प्रोजेक्ट को किया लॉन्च
प्रकाशित: अक्टूबर 11, 2022 06:43 pm । सोनू
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पायलट प्रोजेक्ट में लेफ्ट-हैंड ड्राइव कोरोला एल्टिस हाइब्रिड का इस्तेमाल किया गया है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने टोयोटा के फ्लैक्स-फ्यूल स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल के पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च किया है। इस इवेंट में लेफ्ट-हैंड ड्राइव कोरोल एल्टिस को झंडा दिखाकर रवाना किया गया है।
फ्लैक्स-फ्यूल स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड कार 100 प्रतिशत पेट्रोल और 20 से 100 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल पर चल सकती है, और इसमें हाइब्रिड सिस्टम भी दिया जाता है। 2025 तक टोयोटा की 20 प्रतिशत इथेनॉल-ब्लेंडेड पेट्रोल कारें उतारने की योजना है।
फ्लैक्स-फ्यूल व्हीकल लाने की वजह
भारत में बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की सबसे अहम भूमिका है। ऐसे में कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन करने पर सबसे ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। कंपनियां फ्लैक्स-फ्यूल पावर्ड कारों को उतार कर इस पर काफी हद तक कामयाबी पा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्लैक्स-फ्यूल कारें स्टैंडर्ड व्हीकल्स की तुलना में कम कार्बन उत्सर्जन करती है, और फ्लैक्स फ्यूल रेगुलर पेट्रोल की तुलना में काफी सस्ता भी होता है।
इस पायलट प्रोजेक्ट को लॉन्च करते हुए गडकरी ने कहा कि भारत में कंपनियां फ्लैक्स-फ्यूल व्हीकल्स तैयार कर सकती है और इससे फुडग्रेन व सुगर को इथेनॉल में कंवर्ट कर देश की अर्थव्यस्था को बूस्ट दे सकती है।
फ्लैक्स-फ्यूल क्या है?
फ्लैक्स-फ्यूल में पेट्रोल और इथेनॉल (या मेथेनॉल) को मिक्स किया हुआ है और इसकी प्राइस पेट्रोल से कम होती है। इथेनॉल को आमतौर पर बायोफ्यूल नाम से भी जाता है। यह एल्कोहॉल का प्योर फोर्म है जो सुगरकेन, बंबु और कई अन्य फुडग्रेन से बनता है। फ्लैक्स-फ्यूल इंजन पेट्रोल और ब्लेंडेड फ्यूल दोनों पर चल सकता है।
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टोयोटा के अन्य पायलट प्रोजेक्ट
सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय और टोयोटा ने 2022 की शुरूआत में भारत में हाइड्रोजन पावर्ड कार की संभावनाओं का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था। इसके बाद नितिन गडकरी को हाइड्रोजन पावर्ड टोयोटा मिराई के साथ देखा गया था। यह कार फुल टैंक हाइड्रोजन में करीब 650 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है।
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