टेस्टिंग के दौरान दिखी मारुति एक्सएल6, आज होगी लॉन्च
मारुति की प्रीमियम एमपीवी एक्सएल6 को टेस्टिंग के दौरान देखा गया है, इस बार कार के केबिन की झलक सामने आई है। इसे अर्टिगा एमपीवी पर तैयार किया गया है। भारत में इसे आज लॉन्च किया जाएगा।
मारुति एक्सएल6 का डिजाइन अर्टिगा से मिलता-जुलता है। हालांकि इस में कुछ बदलाव भी देखे जा सकते हैं। इस में एलईडी हैडलाइटें, डे-टाइम रनिंग लाइटें, एलईडी टेललाइटें और नई फ्रंट ग्रिल दी गई है, जो इसे अर्टिगा से अलग और ज्यादा प्रीमियम बनाती है। इस में चारों ओर रग्ड बॉडी क्लेडिंग, डार्क व्हील और रूफ रेल्स जैसे फीचर भी दिए गए हैं।
इसके केबिन का लेआउट काफी हद तक अर्टिगा से मिलता-जुलता होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसका केबिन ब्लैक कलर में आएगा। केबिन में सबसे बड़ा बदलाव इनकी सीटों में देखने को मिलेगा। एक्सएल6 की सेकेंड रो में दो कैप्टेन सीटें दी गई हैं। यह 6-सीटर एमपीवी है, जबकि अर्टिगा 7-सीटर एमपीवी है। इस में ब्लैक लैदर अपहोल्स्ट्री और क्रूज़ कंट्रोल जैसे अतिरिक्त फीचर मिलेंगे, जो इसे अर्टिगा से अलग बनाते हैं। बाकी की फीचर लिस्ट मारुति अर्टिगा से मिलती-जुलती हो सकती है।
मारुति एक्सएल6 दो वेरिएंट ज़ेटा और अल्फा में उपलब्ध होगी। यह कार केवल पेट्रोल इंजन के साथ आएगी। इसमें बीएस-6 मानकों पर आधारित 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन, माइल्ड-हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के साथ मिलेगा। यही इंजन मारुति अर्टिगा में भी दिया गया है। यह इंजन 105 पीएस की पावर और 138 एनएम का टॉर्क जनरेट करेगा। इंजन के साथ मैनुअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प मिलेगा। हाइवे व सिटी पर यह कार मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 19.01 किमी/लीटर और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ 17.99 किमी/लीटर का माइलेज देगी। इसमें डीजल इंजन का विकल्प नहीं मिलेगा।
प्रीमियम कार होने के कारण इसकी कीमत अर्टिगा से ज्यादा होगी। इसकी प्राइस 9.5 लाख से 11.2 लाख रुपए के बीच रहने की उम्मीद है। इसका मुकाबला मारुति सुजुकी अर्टिगा, रेनो लॉजी और महिंद्रा मराज़ो से होगा।
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सोनू
- 822 व्यूज़
मारुति एक्सएल6 2019-2022 पर अपना कमेंट लिखें
Its nothing but an Ertiga with minor Cosmetic changes....just an eye wash from Maruti
Any car that moves to be a taxi means it has the best engine comfort n low maintenance. Tata Suzuki N Toyota have seen their cars from base models to top models being moved as taxis and are still successful