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क्या सिट्रॉएन के साथ फिर वापसी करेगी एंबेसडर? जानिए यहां

प्रकाशित: अप्रैल 09, 2019 05:25 pm । भानु

ग्रुप पीएसए की सिट्रॉएन कंपनी भारतीय बाजार में कदम रखने को तैयार है। कंपनी सबसे पहले यहां मिड-साइज़ एसयूवी सी5 एयरक्रॉस को लॉन्च करेगी। ग्रुप पीएसए फ्रांसीसी मल्टीनेशनल कंपनियों का एक समूह है जिसने 90 के दशक के मध्य में भारत में प्रीमियर ऑटोमोबाइल लिमिटेड (पीएएल) के साथ मिलकर प्यूज़ों कार बेची थी।

पीएसए ने साल 2017 में भारतीय बाज़ार में दोबारा कदम रखने की घोषणा की थी। इस बार पीएसए ने सीके बिड़ला ग्रुप के साथ मिलकर एंबेसडर ब्रांड को 80 करोड़ रुपए में खरीदने की पेशकश की है। इस डील से भारत की पुरानी और ऐतिहासिक कारों में से एक एंबेसडर के दोबारा बाज़ार में लौट आने की उम्मीदें जाग गई हैं। खासतौर पर इस कार से भारतीय लोगों की काफी सारी यादें जुड़ी हुई हैं, अगर सबकुछ ठीक रहा तो सिट्रॉएन देश के नागरिकों को फिर से यह बेशकीमती तोहफा दे सकती है।

कंपनी का कहना है कि भारतीयों की एंबेसडर कार से साथ जुड़ी भावनाओं से वह काफी प्रभावित है। सिट्रॉएन भारत में अपनी पारी की शुरूआत करने की तैयारी कर रही है। ऐसे में कंपनी अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई है कि वो एंबेसडर कार को अपने साथ किस तरह से जोड़ेगी, जिससे यह ब्रांड भारत और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में फिर से खड़ा हो सके।


एंबेसडर भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली फैमिली कारों में से एक रह चुकी है। भारतीय राजनीति में इस कार की अहमियत भी एक खास मुकाम पर थी जहां देश के बड़े-बड़े राजनेता इस कार को पसंद किया करते थे। एंबेसडर एक काफी मज़बूत कार थी, मगर भारतीय कार बाज़ार में आधुनिक और ज्यादा स्टाइलिश कारें आने के बाद इसकी लोकप्रियता घटती चली गई। कंपनी ने कार में कोई बड़े बदलाव भी नहीं किए थे।

तो क्या सिट्रॉएन एंबेसडर एक हकीकत बनेगी ?

एंबेसडर ब्रांड के लिए सिट्रॉएन की यूएसपी यानी यूनिक सेलिंग पॉइन्ट एक बड़ी ताकत बनेगी। मगर क्या एंबेसडर को मुमकिन बनाने के लिए इतना ही काफी है? इस बारे में सिट्रॉएन का क्या कहना है, जानेेंगे यहां:

ग्रुप पीएसए के चेयरमैन और बोर्ड प्रबंधक कार्लोस तावारेस ने कहा कि 'हमारे लिए एंबेसडर एक बेशकीमती संपत्ति है। हम जानते हैं कि इस कार ने भारत के लिए स्टेटस, कंफर्ट और विश्वसनीयता का प्रतिनिधित्व किया है। हम भारतीय बाज़ार में नए ही हैं तो ऐसे में अभी हम इस कार की छवि का इस्तेमाल कैसे करेंगे ये बताने में थोड़ा समय लग सकता है। हम भारतीय बाज़ार की स्थिति को पहले समझने की कोशिश करेंगे और साथ ही साथ सिट्रॉएन ब्रांड को एंबेसडर के साथ मजबूती से मिलाने की कोशिश करेंगे। यह भविष्य और अतीत के बीच के पुल को बेहतर ढंग से पेश करेगा।'

ग्रुप पीएसए की पहली प्राथमिकता भारत में सिट्रॉएन कंपनी को अच्छी तरह स्थापित करना है। ग्रुप पीएसए के पास एंबेसडर को तुरंत प्रभाव से दोबारा तैयार करने की कोई योजना नहीं है। दूसरी तरफ इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कंपनी एंबेसडर को लेकर कोई विचार नहीं कर रही है। यह तो अब समय ही बताएगा की भारत की इस ऐतिहासिक कार को नए ज़माने के हिसाब से कैसे तैयार किया जाता है। सिट्रॉएन से उम्मीद की जा सकती है कि वो बीएमडब्ल्यू से कुछ सीख लेगी। बीएमडब्ल्यू ने अपनी बहुत पुरानी कार मिनी को फिर से तैयार कर नई मिसाल पेश की थी। कंपनी ने कार के रेट्रो लुक को बरकरार रखते हुए उसे नए ज़माने के अनुसार फिर से तैयार किया था।

यह भी पढें : भारत में सी5 एयरक्रॉस होगी सिट्रॉएन की पहली कार, 2020 में होगी लॉन्च

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भानु

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