मारुति एस-प्रेसो Vs रेनो क्विड : जानिए किस कार का एएमटी वेरिएंट है ज्यादा बेहतर
Published On जून 10, 2020 By स्तुति for रेनॉल्ट क्विड
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अक्टूबर 2019 के शुरुआत में हैचबैक सेगमेंट की दो किफायती कारों मारुति सुजुकी एस-प्रेसो और फेसलिफ्ट रेनो क्विड को लॉन्च किया गया था। रेनो और मारुति के इन दोनों ही मॉडल्स में एक जैसे फीचर्स और ट्रांसमिशन ऑप्शंस दिए गए हैं। इन कारों की प्राइस भी लगभग बराबर है। यह दोनों ही एंट्री लेवल सेगमेंट की कारें हैं और सिटी में रोज़ाना चलाने के हिसाब से काफी अच्छी है। यहां हमने दोनों ही कारों की तुलना की है, तो चलिए जानते हैं कौनसी कार ड्राइविंग के लिहाज से बेहतर साबित होती है:-
कार टेस्टेड
मारुति सुजुकी एस-प्रेसो
- वेरिएंट: वीएक्सआई+ एजीएस
- कीमत: 4.91 लाख रुपये
रेनो क्विड
- वेरिएंट: क्लाइंबर (ओ) ईज़ी-आर
- कीमत: 4.92 लाख रुपये
साइज
|
रेनो क्विड |
मारुति एस-प्रेसो |
लंबाई |
3731 |
3565 |
चौड़ाई |
1579 |
1520 |
ऊंचाई |
1490 |
1564 |
व्हीलबेस |
2422 |
2380 |
बूट स्पेस |
279 |
270 |
ग्राउंड क्लीयरेंस |
184 |
180 |
डिजाइन
लुक्स के मोर्चे पर फेसलिफ्ट रेनो क्विड काफी आकर्षक लगती है। इसमें अच्छी क्वॉलिटी की प्लास्टिक क्लैडिंग, हैडलैंप्स यूनिट के आसपास ऑरेंज एक्सेंट्स का इस्तेमाल किया गया है। यह स्प्लिट हेडलैंप सेटअप के साथ आती है। बाहर से देखने पर क्विड अपनी मस्क्युलर (दमदार) डिज़ाइन के चलते काफी बड़ी लगती है। इसमें 14-इंच की डिज़ाइन व्हील कैप मिलती है जो अलॉय व्हील के जैसी लगती है। एस-प्रेसो के मुकाबले इसका ग्राउंड क्लीयरेंस 4 मिलीमीटर ज्यादा है जो टूटी-फूटी सड़कों के हिसाब से फायदेमंद साबित होता है।
वहीं, मारुति सुजुकी एस-प्रेसो अपने अजीबो गरीब बॉक्सी लुक के चलते इतनी ज्यादा आकर्षित करने वाली नहीं लगती। इसकी फ्रंट साइड की डिज़ाइन विटारा ब्रेज़ा से काफी हद तक मिलती-जुलती नज़र आती है। हालांकि, इसमें रग्ड क्लैडिंग स्टैंडर्ड दी जा सकती थी जो फिलहाल ऑप्शनल मिलती है। इसमें 14-इंच के व्हील कैप लगे हैं जिनकी डिज़ाइन रेनो की क्विड के मुकाबले इतनी ज्यादा लुभाने वाली नहीं है। हालांकि, इसमें फिट की गई डेटाइम रनिंग लाइटें गाड़ी की अनोखी डिज़ाइन में चार चांद लगाती नज़र आती हैं। लेकिन, यदि आप इसे ऑप्शनल एक्सेसरी के तौर पर लगवाते हैं तो इसके लिए आपको अतिरिक्त 10,000 रुपए खर्च करने होंगे। वहीं, क्विड में यह फीचर स्टैंडर्ड रखा गया है।
फीचर्स :
इंटीरियर की बात करें तो दोनों ही कारों में एंड्रॉइड ऑटो और एप्पल कारप्ले के साथ टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, मैनुअल एसी, फ्रंट पावर विंडो, रिमोट सेंट्रल लॉकिंग, यूएसबी, 12 वोल्ट चार्जर, 2 स्पीकर्स जैसे फीचर्स मिलते हैं।
रेनो क्विड का केबिन लेआउट एकदम पारंपरिक है। ड्राइवर साइड पर इसमें इन्फॉर्मेशन डिस्प्ले स्क्रीन दी गई है। यह टचस्क्रीन एस-प्रेसो के मुकाबले काफी बड़ी है और ऑपरेट करने में भी बेहद स्मूद है। लेकिन, रेनो ने इस बड़ी टचस्क्रीन का अच्छे से उपयोग नहीं किया है। कार में रियर पावर विन्डोज़ और रियर कैमरा भी दिया गया है। लेकिन, इसमें इंटरनल एडजस्टेबल ओआरवीएम और स्टीयरिंग माउंटेड कंट्रोल्स जैसे फीचर्स की कमी रखी गई है। गाड़ी का इंफोटेनमेंट सिस्टम ज्यादा जानकारियां दिखाने में सक्षम नहीं है। इसमें फीचर्स को एक्सेस करने के लिए मेन्यू को गहराई से देखना पड़ता है।
वहीं, मारुति एस-प्रेसो के केबिन की डिज़ाइन एकदम यूनीक है। इसमें सेंट्रर पर सर्कुलर स्पीडो लेआउट मिलता है, जिसके चलते रोड का फ्रंट व्यू क्लियर नहीं दिख पाता। लेकिन, कुछ समय बाद आप गाड़ी के इस फीचर से जरूर परिचित होने लगेंगे। इसमें टैकोमीटर की कमी खलती है, जिसे इस लेआउट में जरूर दिया जा सकता था। इसके अलावा इसके केबिन की खासियतों में सेंटर लेआउट और एसी वेंट्स के आसपास ऑरेंज एक्सेंट्स, स्टीयरिंग माउंटेड ऑडियो कन्ट्रोल्स, स्टोरेज स्पेस, इंटरनल एडजस्टेबल ओआरवीएम जैसे फीचर्स शामिल हैं। क्विड की तुलना में एस-प्रेसो का इंफोटेनमेंट सिस्टम काफी छोटा है, लेकिन इसके जरिये कई अतिरिक्त चीज़ों जैसे माइलेज स्टेटस आदि की जानकारी जरूर प्राप्त की जा सकती है। गाड़ी का एसी काफी अच्छे से काम करता है, इसकी कूलिंग कैपेसिटी भी काफी अच्छी है। हालांकि, इंफोटेनमेंट सिस्टम ऑपरेट करने में थोड़ा स्लो लगता है। इसमें रियर पावर विन्डोज़, रियर सेंट्रल आर्मरेस्ट और रियर कैमरे की कमी काफी खलती है।
स्पेस के मामले में क्विड की फ्रंट सीटें एस-प्रेसो के मुकाबले काफी नीची है। लेकिन, इसकी सीटिंग पोज़िशन इतनी ज्यादा कम्फर्टेबल नहीं है। गियर नॉब के आसपास इसमें अच्छी-खासी सेंट्रल स्पेस दी गई है। रियर सीट्स पर इसमें ठीक-ठाक नीरूम स्पेस मिलता है। ऐसे में लंबी दूरी के सफर में बैठना पैसेंजर्स के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। लो एंगल के चलते इसमें सही सीटिंग पोज़िशन नहीं मिलती। वहीं, क्विड में नीचे खींचने वाले आर्मरेस्ट दिए गए हैं, ऐसे में इस गाड़ी में ज्यादा कम्फर्ट मिलता है।
एस-प्रेसो बाहर से देखने पर थोड़ी छोटी लगती है, लेकिन मारुति ने इसके केबिन का अच्छा-ख़ासा उपयोग किया है। इसमें स्पेशियस फ्रंट सीटें दी गई हैं जिनकी सीटिंग पोज़िशन एकदम कम्फर्टेबल है। इसकी रियर साइड की सीटें भी काफी स्पेशियस हैं। इसमें अच्छा-खासा लेगरूम व नीरूम स्पेस मिलता है। क्विड के मुकाबले इसके हैडरेस्ट भी काफी चौड़े हैं।
दोनों ही कारों में चार पैसेंजर्स के बैठने ही सुविधा रखी गई है। लेकिन, अगर आप कम्फर्टेबल सफर चाहते हैं तो रियर सीटों पर इसमें 3 पैसेंजर्स आसानी से फिट होकर नहीं बैठ पाते हैं। ऐसे में गाड़ी की रियर सीटें केवल दो पैसेंजर्स के बैठने के लिए ही उचित है।
बूट स्पेस :
क्विड और एस-प्रेसो दोनों ही कारों के बूट स्पेस में ज्यादा फर्क नहीं है। लेकिन, क्विड में लगेज स्पेस थोड़ा ज्यादा मिलता है। क्विड की बूट ओपनिंग थोड़ी नीची है, ऐसे में इसमें लगेज आसानी से रखा जा सकता है। वहीं, एस-प्रेसो की बूट ओपनिंग ऊंची है, ऐसे में भारी समान को रखना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
सेफ्टी
पैसेंजर सेफ्टी के लिहाज से दोनों ही कारों में एबीएस के साथ ईबीडी, रियर पार्किंग सेंसर्स, ड्राइवर और को-ड्राइवर सीटबेल्ट वॉर्निंग और हाई स्पीड अलर्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं। वहीं, एस-प्रेसो की बात करें तो इस गाड़ी के वेरिएंट में ड्यूल एयरबैग स्टैंडर्ड मिलता है। वहीं क्विड में ड्राइवर स्टैंडर्ड रखा गया है जबकि को-पैसेंजर एयरबैग को ऑप्शनल रखा गया है। इसमें रियर कैमरा भी मिलता है।
इंजन व परफॉर्मेंस
स्पेसिफिकेशन |
||
मॉडल्स |
मारुति एस-प्रेसो |
रेनो क्विड |
इंजन |
998 सीसी |
999 सीसी |
पावर |
67 पीएस @ 5500 RPM |
68 पीएस @ 5500 आरपीएम |
टॉर्क |
90 एनएम @ 3500 RPM |
91 एनएम @ 4250 आरपीएम |
ट्रांसमिशन |
5-स्पीड एएमटी |
5-स्पीड एएमटी |
दोनों ही मॉडल्स में 1.0-लीटर पेट्रोल इंजन 5-स्पीड एएमटी ट्रांसमिशन के साथ दिए गए हैं। इन गाड़ियों के इंजन का आउटपुट फिगर भी करीब-करीब एक जैसा ही है।
मारुति एस-प्रेसो |
रेनो क्विड |
|
0-100 किलोमीटर/घंटे |
15.10 सेकंड |
19.05 सेकंड |
20-80 किलोमीटर/घंटे |
9.55 सेकंड |
10.29 सेकंड |
100-0 किलोमीटर/घंटे |
46.85 मीटर |
42.75 मीटर |
सिटी माइलेज |
19.96 किलोमीटर/लीटर |
17.09 किलोमीटर/लीटर |
हाइवे माइलेज |
21.73 किलोमीटर/लीटर |
21.15 किलोमीटर/लीटर |
एस-प्रेसो की बात करें तो इसमें लगा इंजन काफी पावरफुल है। गाड़ी का एएमटी गियरबॉक्स भी राइड्स के दौरान गियर बदलने पर जल्दी से शिफ्ट हो जाता है। ऐसे में सिटी राइड्स के दौरान यह गाड़ी काफी हल्की व स्मूद लगती है। इसमें मैनुअल मोड भी दिया गया है जो विशेष रूप से ओवरटेकिंग के दौरान सही समय पर सही गियर लगाने में मदद करता है। वहीं, इसमें थ्रॉटल लगाते समय थोड़ा सावधान रहने की जरूरत पड़ती है, क्योंकि इसमें लगा इंजन गाडी को काफी तेज़ी से आगे बढ़ा देता है। ऐसे में थ्रॉटल लगाना केवल हाइवे पर ही सही रहता है और वो भी तब जब गाड़ी को तेज़ स्पीड पकड़नी हो या फिर किसी दूसरी गाड़ी को ओवरटेक करना हो।
वहीं, क्विड हैचबैक में लगा एएमटी गियरबॉक्स राइड्स के दौरान थोड़ा स्लो लगता है। इसमें 1.0-लीटर मोटर दी गई है जो एस-प्रेसो की तरह ही फास्ट व पावरफुल है। भीड़-भाड़ वाले इलाके में क्विड के एएमटी गियरबॉक्स के साथ थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इंजन की पावर डिलवरी भी कभी-कभी ज्यादा मिलती है। ऐसे में क्विड को स्मूथली ड्राइव करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इस हैचबैक के साथ हाइवे पर भी कभी-कभी ऐसा ही महसूस होता है, ऐसे में ओवरटेकिंग की पहले से ही प्लानिंग करना ठीक है। एस-प्रेसो के मुकाबले यह गाड़ी 100 किमी/घंटे की स्पीड को पकड़ने में 4 सेकंड स्लो पड़ती है।
कुल मिलाकर, एस-प्रेसो का इंजन ज्यादा स्मूद व पावरफुल है। यह ज्यादा माइलेज जनरेट करने में भी सक्षम है। हमारे टेस्ट में सिटी में इस गाड़ी ने 19.96 किलोमीटर/लीटर और हाइवे पर 21.73 किलोमीटर/लीटर का माइलेज दिया। वहीं, क्विड ने एस-प्रेसो के मुकाबले सिटी में 3 किलोमीटर/लीटर का कम माइलेज दिया। दोनों ही गाड़ियों का हाइवे पर माइलेज फिगर लगभग एक जैसा रहा।
राइड व हैंडलिंग
कम्फर्ट के लिहाज से एस-प्रेसो के मुकाबले क्विड ज्यादा बेहतर साबित होती है। सिटी स्पीड पर रेनो क्विड रोड की सभी परिस्थितियों को आसानी से झेल लेती है। इसके केबिन का इन्स्युलेशन लेवल भी काफी अच्छा व शांत है। हाइवे पर इसके सॉफ्ट सस्पेंशन केबिन के अंदर थोड़ा बाउंसी इफेक्ट जरूर देते हैं, लेकिन यह राइड्स के दौरान बिलकुल भी असुविधाजनक नहीं लगती।
वहीं, एस-प्रेसो की राइड क्वॉलिटी कुछ ख़ास नहीं है। गड्ढों से गुज़रने पर केबिन के अंदर झटके महसूस होते हैं। इस गाड़ी का केबिन इन्स्युलेशन लेवल क्विड के मुकाबले इतना ज्यादा अच्छा नहीं है। लेकिन, तेज़ स्पीड पकड़ने पर गाड़ी की राइड क्वॉलिटी और ज्यादा कम्फर्टेबल हो जाती है। ऐसे में सिटी व हाइवे पर क्रूज़ करना ड्राइवर के लिए काफी आसान होता है। यह गाड़ी ट्रैफिक में चलाने के हिसाब से बेहद अच्छी है, हालांकि इसके सस्पेंशन थोड़े कड़े हैं। वहीं, क्विड की बात करें तो यह गाड़ी ड्राइविंग के लिहाज से इतनी ज्यादा बेकार भी नहीं है। यह अपनी स्लो पॉवरट्रेन के चलते थोड़ी धीमी पड़ती है। टर्न के दौरान इसमें पैसेंजर्स का बॉडी रोल एस-प्रेसो के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है।
निष्कर्ष :
रेनो क्विड एक फंकी व आकर्षक दिखने वाली कार है। इसमें कई अच्छे-खासे फीचर्स दिए गए हैं। बाहर से बड़ी दिखने के बावजूद भी इसमें केबिन स्पेस थोड़ी कम मिलता है। गाड़ी के इंटीरियर की फिट व फिनिश ज्यादा अच्छी नहीं है। वहीं, एस-प्रेसो में एलईडी डीआरएल, साइड क्लैडिंग, रिवर्स कैमरा जैसे फीचर्स की कमी खलती है। इस गाड़ी का लुक इतना ज्यादा लुभाने वाला नहीं है। लेकिन, परफॉर्मेंस, केबिन स्पेस और माइलेज की बात करें तो यह गाड़ी क्विड के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर साबित होती है।
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