कंपेरिजन: जानिये सेगमेंट की दूसरी कारों की तुलना में कहां खड़ी होती है फॉक्सवेगन एमियो
संशोधित: मई 26, 2016 06:43 pm | nabeel | फॉक्सवेगन एमियो
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भारतीय ऑटो बाजार में कॉम्पैक्ट सेडान कारें काफी अहमियत रखती हैं और इनकी मांग भी ज्यादा है। इसकी वजह है सेडान कारों जैसा कंफर्ट और सेफ्टी फीचर्स वो भी कम कीमत और थोड़े छोटे साइज़ में। यही कारण है कि सभी कंपनियां इस सेगमेंट में उतर चुकी हैं या फिर उतरने वाली हैं। कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में फिलहाल मारूति की स्विफ्ट डिजायर कब्जा जमाए हुए है। वैसे यहां हुंडई एक्सेंट, होंडा अमेज़, टाटा जे़स्ट और फोर्ड फीगो एस्पायर भी मौजूद हैं। अब यहां नई एंट्री होने जा रही है फॉक्सवेगन एमियो की। यहां हम जानेंगे कि इन खिलाड़ियों के मुकाबले में कैसी है एमियो...
फॉक्सवेगन एमियो को पोलो हैचबैक के प्लेटफार्म पर बनाया गया है। एमियो को काफी सारे फीचर्स से लैस किया गया है। इसमें कई ऐसे फीचर्स भी शामिल हैं जो इस सेगमेंट की किसी भी कार में मौजूद नहीं हैं। इसकी बिल्ड क्वालिटी भी दमदार और तारीफ के काबिल है। तो अब चलते हैं आगे और शुरू करते हैं इसकी तुलना...
इंजन, पावर और टॉर्क
पावर स्पेसिफिकेशन की बात करें तो फॉक्सवेन एमियो में पोलो हैचबेक वाले पेट्रोल और डीज़ल इंजन मिलेंगे। पेट्रोल वेरिएंट में 1.2 लीटर का इंजन मिलेगा, जो 73.7 बीएची की पावर और 110 एनएम का टॉर्क देगा। डीज़ल वेरिएंट में 1.5 लीटर का इंजन आएगा, जो 88.5बीएचपी की पावर और 230 एनएम का टॉर्क देगा। टॉर्क के मामले में इसका डीज़ल इंजन सबसे आगे है। इसकी पावर भी काफी अच्छी है। लेकिन इसका पेट्रोल इंजन पावर और टॉर्क के मामले में अन्य कारों से पिछड़ा हुआ है। पावर के मामले में फोर्ड की फीगो एस्पायर 110.3 बीएचपी (पेट्रोल) और 98.5 बीएचपी (डीज़ल) के साथ सबसे आगे है।
इंजन के मामले में एमियो को कड़ी टक्कर देगी फोर्ड फीगो एस्पायर। यह कार दो पेट्रोल और एक डीज़ल इंजन में उपलब्ध है। वहीं टाटा की ज़ेस्ट में भी डीज़ल में दो पावर ऑप्शन चुनने का विकल्प है। माइलेज़ की बात करें तो एमियो के पेट्रोल और डीज़ल दोनों ही वर्जन बाकी सभी से पिछड़े हुए हैं। मारूति की डिज़ायर 20.9 किलोमीटर प्रति लीटर (पेट्रोल/मैनुअल ट्रांसमिशन) और 26.6 किमी प्रति लीटर (डीज़ल/मैनुअल ट्रांसमिशन) के आंकड़ों के साथ सबसे आगे है।
ध्यान दें कारों के गियरबॉक्स पर तो यहां एमियो का प्लस पॉइंट है इसका डीज़ल वर्जन। यहां आपको ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प मिलेगा। इस सेगमेंट में यही इकलौती कार है, जिसके डीज़ल इंजन में 7-स्पीड डीएसजी ऑटोमैटिक गियरबॉक्स आएगा। मारूति डिजा़यर में सेलेरियो वाला ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (ऑटो गियर शिफ्ट/एएमटी) का विकल्प दिया गया है। बाकी कारों के पेट्रोल वर्जन में ही ऑटोमैटिक गियरबॉक्स मिलेगा। फोर्ड एस्पायर के 1.5 लीटर पेट्रोल इंजन के साथ ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दिया गया है। वहीं अमेज़ के पेट्रोल इंजन में सीवीटी गियरबॉक्स मौजूद है।
कद-काठी
अब बात करते हैं कारों की कद-काठी की। यहां सेगमेंट की सभी कारों से एमियो ज्यादा लम्बी है, लेकिन चौड़ाई और ऊंचाई के मामले में टाटा जे़स्ट बाजी मार जाती है।
एमियो में 330 लीटर का बूट स्पेस दिया गया है। बूट स्पेस के मामले में फॉक्सवेगन एमियो पीछे रह गई है। यहां सबसे ज्यादा बूट स्पेस होंडा अमेज़ में मिलेगा।
प्रमुख फीचर्स
बात हो फीचर्स की तो यहां हर मामले में फॉक्सवेगन एमियो आगे है। यह सेगमेंट की पहली कार है, जो कई एडवांस फीचर्स से लैस है। इसमें ऑटोमैटिक रेन सेंसिंग वाइपर, क्रूज़ कंट्रोल, रियर पार्किंग कैमरा, फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील, टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम के साथ मिररलिंक, रियर एसी वेंट्स और फ्रंट आर्मरेस्ट स्टोरेज जैसे फीचर दिए गए हैं। एमियो में इस्तेमाल किए गए मैटेरियल की क्वालिटी फॉक्सवेगन वेंटो की याद दिलाती है। बेहतर क्वालिटी होना भी एमियो का एक बड़ा प्लस पॉइंट है।
तो ये थी एमियो और बाकी कारों की तुलना और उसके नतीजे। वैसे एमियो को अच्छी कार कहा जा सकता है। लेकिन मुकाबले की बात हो तो यहां कार की कीमत भी अहम भूमिका निभाती है। संभावना है कि एमियो के पेट्रोल वर्जन को 6 लाख रूपए और डीज़ल वर्जन को 7 लाख रूपए के आसपास उतारा जाएगा।
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