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फ्रांस में उत्सर्जन मामले में फंसी रेनो, वापस बुलाएगी 15 हजार से ज्यादा डीज़ल कारें

प्रकाशित: जनवरी 20, 2016 05:27 pm । sumit

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फॉक्सवेगन के बाद अब फ्रेंच कार कंपनी रेनो उत्सर्जन नियमों का उल्लंघन करने के मामले में फंसती नज़र आ रही है। मामला फ्रांस का है। यहां कंपनी ने 15 हजार से ज्यादा डीज़ल कारों को इंजन में सुधार के लिए वापस बुलाने की घोषणा की है। फ्रांस में जांच के दौरान सामने आया है कि रेनो की डीज़ल कारों से निकलने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन का स्तर मानकों से ज्यादा है। इसके बाद कंपनी ने रिकॉल का कदम उठाया है।

फ्रांस की ऊर्जा मंत्री सेज़ोलेन रॉयल के मुताबिक 'फ्रांस में रेनो अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने उत्सर्जन नियमों को तोड़ा है। और भी कई कंपनियां ऐसे मामले में शामिल हैं। हालांकि रॉयल ने कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया। रॉयल ने आगे बताया कि रेनो ने इंजनों में सुधार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ‘हम 15 हजार से ज्यादा प्रभावित कारों की जांच करेंगे। उनमें मिली कमियों को सही किया जाएगा। कारों के फिल्टर सिस्टम को ऐसे एडजेस्ट किया जाएगा, जिससे सिस्टम ज्यादा गर्म तापमान और 17 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर भी सही से काम करे। कंपनी का मौजूदा सिस्टम अभी ज्यादा गर्मी या ठंड होने पर काम नहीं करता है।'रॉयल ने यह भी जोड़ा कि ‘आगे होने वाले सभी टेस्ट विशेष टेस्टिंग सेंटर्स के बजाए वास्तिवक ड्राइविंग कंडीशन पर किए जाएंगे। क्योंकि लैब में होने वाली टेस्टिंग में उत्सर्जन की रीडिंग काफी कम मिलती है।’

रेनो की ओर से सेल्स डायरेक्टर थैरी कोस्कास ने कहा है कि ‘हम इसके लिए टेक्नीकल प्लान तैयार कर रहे हैं। जो कारों द्वारा मानक स्तर से ज्यादा होने वाले उत्सर्जन को कम करेगा।’ कोस्कास ने इस बात से साफ इंकार किया कि कंपनी अपनी कारों में उत्सर्जन नियमों को चकमा देने वाले सॉफ्टवेयर या डिवाइस का इस्तेमाल कर रही है।

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फ्रांस की ऊर्जा मंत्री सेज़ोलेन रॉयल के मुताबिक 'फ्रांस में रेनो अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने उत्सर्जन नियमों को तोड़ा है। और भी कई कंपनियां ऐसे मामले में शामिल हैं। हालांकि रॉयल ने कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया। रॉयल ने आगे बताया कि रेनो ने इंजनों में सुधार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ‘हम 15 हजार से ज्यादा प्रभावित कारों की जांच करेंगे। उनमें मिली कमियों को सही किया जाएगा। कारों के फिल्टर सिस्टम को ऐसे एडजेस्ट किया जाएगा, जिससे सिस्टम ज्यादा गर्म तापमान और 17 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर भी सही से काम करे। कंपनी का मौजूदा सिस्टम अभी ज्यादा गर्मी या ठंड होने पर काम नहीं करता है।'रॉयल ने यह भी जोड़ा कि ‘आगे होने वाले सभी टेस्ट विशेष टेस्टिंग सेंटर्स के बजाए वास्तिवक ड्राइविंग कंडीशन पर किए जाएंगे। क्योंकि लैब में होने वाली टेस्टिंग में उत्सर्जन की रीडिंग काफी कम मिलती है।’

रेनो की ओर से सेल्स डायरेक्टर थैरी कोस्कास ने कहा है कि ‘हम इसके लिए टेक्नीकल प्लान तैयार कर रहे हैं। जो कारों द्वारा मानक स्तर से ज्यादा होने वाले उत्सर्जन को कम करेगा।’ कोस्कास ने इस बात से साफ इंकार किया कि कंपनी अपनी कारों में उत्सर्जन नियमों को चकमा देने वाले सॉफ्टवेयर या डिवाइस का इस्तेमाल कर रही है।

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फ्रांस की ऊर्जा मंत्री सेज़ोलेन रॉयल के मुताबिक 'फ्रांस में रेनो अकेली ऐसी कंपनी नहीं है जिसने उत्सर्जन नियमों को तोड़ा है। और भी कई कंपनियां ऐसे मामले में शामिल हैं। हालांकि रॉयल ने कंपनियों के नामों का खुलासा नहीं किया। रॉयल ने आगे बताया कि रेनो ने इंजनों में सुधार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि ‘हम 15 हजार से ज्यादा प्रभावित कारों की जांच करेंगे। उनमें मिली कमियों को सही किया जाएगा। कारों के फिल्टर सिस्टम को ऐसे एडजेस्ट किया जाएगा, जिससे सिस्टम ज्यादा गर्म तापमान और 17 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर भी सही से काम करे। कंपनी का मौजूदा सिस्टम अभी ज्यादा गर्मी या ठंड होने पर काम नहीं करता है।'रॉयल ने यह भी जोड़ा कि ‘आगे होने वाले सभी टेस्ट विशेष टेस्टिंग सेंटर्स के बजाए वास्तिवक ड्राइविंग कंडीशन पर किए जाएंगे। क्योंकि लैब में होने वाली टेस्टिंग में उत्सर्जन की रीडिंग काफी कम मिलती है।’

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