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रेनो इंडिया ने 8 लाख बिक्री का आंकड़ा किया पार

संशोधित: फरवरी 09, 2022 05:37 pm | स्तुति | रेनॉल्ट काइगर 2021-2023

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Renault Duster

रेनो ने भारत में 8 लाख कारें बेचने का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने ये कारें भारत में 2011 में अपनी पहली कार के डेब्यू से लेकर अब तक बेची है। रेनो को मिली कुल सेल्स में 50 फीसदी डिमांड क्विड हैचबैक की है। हाल ही में रेनो क्विड ने भारत में 4 लाख यूनिट बिक्री के आंकड़े को पार किया था।

रेनो ने पिछले दो वर्षों में देश में अपना नेटवर्क तेजी से बढ़ाया है और इस दौरान 150 से ज्यादा टच पॉइंट खोले गए हैं। वर्तमान में कंपनी के पास पूरे भारत में 530 सेल्स और 530 से ज्यादा सर्विस टचपॉइंट हैं जिसमें 250 से अधिक वर्कशॉप ऑन व्हील्स (रेनॉल्ट-स्पीक फॉर मोबाइल वर्कशॉप) शामिल हैं।

इस फ्रेंच मल्टीनेशनल कंपनी ने सबसे पहले अपनी लोगन सेडान तैयार करने को लेकर महिंद्रा के साथ साझेदारी करके भारत में प्रवेश किया था। इसके बाद कंपनी ने फ्लूएंस सेडान और फिर कोलियोस एसयूवी को तैयार किया था। हालांकि, इनमें से कोई भी कार रेनो को अच्छी शुरुआत नहीं दे सकी। इसके बाद फिर 2012 में पल्स हैचबैक (2018 में बंद) और डस्टर एसयूवी आई थी जिसमें से 5-सीटर कॉम्पेक्ट एसयूवी डस्टर ने कंपनी की बिक्री को बढ़ावा देने में मदद की।

वर्तमान में रेनो इंडिया के लाइनअप में क्विड, ट्राइबर, काइगर और डस्टर कार उपलब्ध है। कंपनी की थ्री-रो ट्राइबर सबसे ज्यादा सुरक्षित एमपीवी कार है जिसे ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 4-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है।

यह भी पढ़ें : रेनो डस्टर का भविष्य संकट में आ रहा नजर,बड़े अपडेट्स की महसूस होने लगी जरूरत

इसके अलावा कंपनी नई जनरेशन की डस्टर पर भी काम कर रही है जिसे आने वाले सालों में उतारा जा सकता है।

यह भी देखें: रेनो क्विड ऑन रोड प्राइस

Renault Duster

रेनो ने भारत में 8 लाख कारें बेचने का आंकड़ा पार कर लिया है। कंपनी ने ये कारें भारत में 2011 में अपनी पहली कार के डेब्यू से लेकर अब तक बेची है। रेनो को मिली कुल सेल्स में 50 फीसदी डिमांड क्विड हैचबैक की है। हाल ही में रेनो क्विड ने भारत में 4 लाख यूनिट बिक्री के आंकड़े को पार किया था।

रेनो ने पिछले दो वर्षों में देश में अपना नेटवर्क तेजी से बढ़ाया है और इस दौरान 150 से ज्यादा टच पॉइंट खोले गए हैं। वर्तमान में कंपनी के पास पूरे भारत में 530 सेल्स और 530 से ज्यादा सर्विस टचपॉइंट हैं जिसमें 250 से अधिक वर्कशॉप ऑन व्हील्स (रेनॉल्ट-स्पीक फॉर मोबाइल वर्कशॉप) शामिल हैं।

इस फ्रेंच मल्टीनेशनल कंपनी ने सबसे पहले अपनी लोगन सेडान तैयार करने को लेकर महिंद्रा के साथ साझेदारी करके भारत में प्रवेश किया था। इसके बाद कंपनी ने फ्लूएंस सेडान और फिर कोलियोस एसयूवी को तैयार किया था। हालांकि, इनमें से कोई भी कार रेनो को अच्छी शुरुआत नहीं दे सकी। इसके बाद फिर 2012 में पल्स हैचबैक (2018 में बंद) और डस्टर एसयूवी आई थी जिसमें से 5-सीटर कॉम्पेक्ट एसयूवी डस्टर ने कंपनी की बिक्री को बढ़ावा देने में मदद की।

वर्तमान में रेनो इंडिया के लाइनअप में क्विड, ट्राइबर, काइगर और डस्टर कार उपलब्ध है। कंपनी की थ्री-रो ट्राइबर सबसे ज्यादा सुरक्षित एमपीवी कार है जिसे ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 4-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है।

यह भी पढ़ें : रेनो डस्टर का भविष्य संकट में आ रहा नजर,बड़े अपडेट्स की महसूस होने लगी जरूरत

इसके अलावा कंपनी नई जनरेशन की डस्टर पर भी काम कर रही है जिसे आने वाले सालों में उतारा जा सकता है।

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