होंडा ड्राइव टू डिस्कवर 10 : पढ़िए कंपनी की अलग अलग कारों के साथ कर्नाटक से गोवा तक के शानदार सफर की पूरी कहानी
संशोधित: अप्रैल 07, 2021 04:59 pm | स्तुति | होंडा सिटी 2020-2023
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हम सब जानते हैं कि 2020 में कोरोनावायरस महामारी के चलते काफी कुछ चीज़ें बदल गई हैं। सभी लोगों की दिनचर्या पर इसका काफी असर पड़ा है और लॉकडाउन ने लोगों को इस बात पर सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि खाली समय में क्या किया जाए। मैं उस दौरान घर से ही काम कर रहा था और ट्रिप्स पर जाने को काफी मिस भी कर रहा था। मैं चाहता था कि मुझे एक बार होंडा के ड्राइव टू डिस्कवर 10 इवेंट में शरीक होने का मौका मिले और फिर मुझे इसका इनविटेशन मिला।
पहले दिन : बेंगलुरु पहुंचा और चिकमगलूर के लिए निकल गया
मेरा सफर पहले दिन 9 बजे पुणे से बेंगलुरु की फ्लाइट से शुरू हुआ। बेंगलुरु पहुंचने के बाद हमें एयरपोर्ट के सामने ताज होटल में रहने के लिए कहा गया, जहां हमने लंच किया और फिर तीन दिन के इवेंट में हिस्सा लिया। होंडा की प्रेज़ेंटेशन के बाद हमें कार की चाबी सौंप दी गई।
इवेंट खत्म होने वाला था और हम सब ऑटो जर्नलिस्ट होंडा लाइनअप की अलग-अलग कारों जैज़, अमेज़, डब्ल्यूआर-वी और नई सिटी में बैठ रहे थे। जिगव्हील्स के मेरे सहयोगी गौरव दवारे और मुझे जैज़ सीवीटी कार चलाने के लिए दी गई। हम चिकमगलूर के रास्ते पर थे (जो कर्नाटक के कॉफी लैंड नाम से मशहूर है) जहां हमने हस्सान के एक कैफ़े में इवनिंग ब्रेक लिया। यह जगह ताज बेंगलुरु से लगभग 180 किलोमीटर दूर थी। ऑटोमेटिक गियरबॉक्स से लैस होंडा की प्रीमियम हैचबैक ने हाइवे पर सभी चीज़ों को बेहद आसान बना दिया। इस गाड़ी के साथ सबसे बड़ी समस्या ये थे कि एक्सलरेट करने पर इस कार का इंजन तेज़ रिस्पॉन्स दे रहा था, ऐसे में ओवरटेकिंग के दौरान पहले से ही प्लानिंग करनी पड़ रही थी।
कैफ़े से हम यागची डैम की तरफ निकल पड़े, लेकिन दुर्भाग्य से हमें डैम के अंदर जाने की इज़ाज़त नहीं मिल सकी। ऐसे में हम ड्राइव करके डैम के बैकसाइड पर पहुंच गए। इस जगह का नज़ारा बेहद आकर्षित करने वाला था जिसके चलते हमने वहां पर रुक कर कई सारी तस्वीरें भी ली।
फिर शाम में हम इस लोकेशन से चिकमगलूर स्थित होटल के लिए निकल गए। होटल पहुंचने का रास्ता थोड़ा ऊंचा था, ऐसे में हम दोनों ने ऑटोमेटिक मॉडल होने के लिए खुद को भाग्यशाली समझा। इस मॉडल के चलते हम कम चौड़ी सड़कों पर भी आसानी से ड्राइव कर सके। इसके बाद हमने डिनर किया और इस तरह हमारी 302 किलोमीटर की लंबी ड्राइव समाप्त हुई।
दूसरा दिन : चिकमगलूर से कुंडापुरा
दूसरे दिन हम फोटोशूट करने के लिए सुबह मूलयानगरी पीक के लिए निकले। ट्रेवल करने के लिए मैंने और गौरव ने होंडा सिटी को चुना। यह इस गाड़ी का पेट्रोल सीवीटी मॉडल था। हालांकि, इस पीक तक पहुंचने के लिए सड़क काफी उबड़ खाबड़ थी, लेकिन इस सेडान ने शार्प कॉर्नर और खराब सड़कों पर कभी भी हमारी टेंशन नहीं बढ़ने दी।
इसके बाद हमने होटल वापस आकर सुबह का नाश्ता किया और फिर दूसरी कार की चाबी ली। हम दोनों को इस बार डब्ल्यूआर-वी डीजल मैनुअल मॉडल मिला, हालांकि हम इसके ऑटोमेटिक मॉडल की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन होंडा की इस सब-4 मीटर क्रॉसओवर कार ने हमें एकदम गलत ठहराया। इसका 6-स्पीड गियरबॉक्स सीधी सड़कों पर बेहद अच्छा साबित हुआ और मेंगलुरु जाते समय घुमावदार सड़कों पर भी हमें इस कार से अच्छी राइड मिल सकीं।
इस सफर के दौरान हमने रेस्टोरेंट पर रुकने के लिए सिर्फ एक ब्रेक लिया जो खासकर सीफ़ूड सर्व करता था। शाकाहारी होने के नाते मैंने पनीर का ऑर्डर दिया। लंच करने के बाद हम दोनों ने दूसरे मॉडल को ट्राय करने के बारे में सोचा। हमें अमेज़ पेट्रोल-मैनुअल मॉडल ले जाने के लिए कहा गया और फिर मैं इसकी ड्राइवर सीट पर जाकर बैठ गया। इस सेडान को सही स्पीड पर चलाकर हम रेस्टोरेंट से कोड़ी बीच की ओर निकल गए। इसके बाद हमारे काफिले ने कुंडापुरा स्थित होटल की ओर रुख किया। दूसरे दिन हमने कुल 243 किलोमीटर का सफर तय किया जो पहले दिन की तुलना में 59 किलोमीटर कम था।
तीसरे दिन : कुंडापुरा से हमारा फाइनल डेस्टिनेशन-गोवा
होंडा के कार्यक्रम में हम तीसरे दिन मारवांथे समुद्र तट की ओर गए। इस दौरान हमें अलग-अलग कार को चलाने का मौका भी मिला और इस बार मेरे पास होंडा की सब-4 मीटर सेडान का पेट्रोल-मैनुअल वेरिएंट था जिसमें पिछले दिन वाले मॉडल के मुकाबले केवल एक्सटीरियर शेड का ही अंतर था। यह सबसे खूबसूरत हाईवे था जिस पर मैं कार को ड्राइव कर रहा था, मुझे दोनों साइड का बेहतरीन व्यू मिल रहा था।
होटल पहुंचने और ब्रेकफास्ट करने के बाद हम अपने फाइनल डेस्टिनेशन गोवा के लिए निकल पड़े। हम दोनों अमेज़ कार (डीजल-मैनुअल मॉडल) में सवार थे और मैंने दिन के पहले हाफ में कार को ड्राइव किया था। हाइवे पर पहुंचने के बाद मैंने महसूस किया कि इस सेडान का 1.5-लीटर डीजल इंजन (100 पीएस/200 एनएम) हाइवे पर तेज़ स्पीड पर चलाने के हिसाब से बेहद अच्छा है। ड्राइव के दौरान मैंने इसका क्रूज़ कंट्रोल फीचर (ज़िंदगी में पहली बार) ट्राई किया। इस फीचर ने मुझे काफी लुभाया। जिस तरह से मैंने सोचा था इस फीचर ने वैसे ही काम करा और कम ब्रेक लगाने पर यह इतना एंगेजिंग साबित नहीं हुआ।
आखिरी दिन पर 345 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद शाम 5 बजे हम गोवा पहुंचे। हमारे साथी पत्रकारों से पहले पहुंचकर, हम दोनों ने खूबसूरत बेनॉलिम बीच को एक्सप्लोर करने के बारे में विचार किया। फिर इसके बाद हमनें बीच शाक पर डिनर किया जो बेहद शांत व खूबसूरत थी।
अब आखिरकार इस रोड ट्रिप का आखिरी दिन था। हमने दो बेहद खूबसूरत राज्यों की यात्रा की और मुझे वेस्टर्न घाट की सुंदरता को एक्सप्लोर करने का भी मौक़ा मिला। इस ट्रिप ने मुझे दूसरे रोड ट्रिप्स के लिए तैयार किया जो मैं भविष्य में प्लान करना चाहता हूं।
यह भी देखें: होंडा सिटी ऑन रोड प्राइस