सिर्फ हाइब्रिड के नाम पर नहीं टेक्नोलॉज़ी के हिसाब से कारों को मिले छूट : होंडा
संशोधित: अक्टूबर 20, 2016 01:28 pm | alshaar
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होंडा जल्द ही भारतीय बाज़ार में अकॉर्ड हाइब्रिड को उतारने वाली है। अकॉर्ड हाइब्रिड के लॉन्च से पहले होंडा ने फेम-इंडिया स्कीम और सब्सिडी पर कुछ सवाल उठाए हैं। कंपनी का कहना है कि सिर्फ हाइब्रिड के नाम पर सब्सिडी देना सही नहीं है।
होंडा कार इंडिया के प्रेसिडेंट और सीईओ योईचिरो यूएनो ने कहा कि ‘फेम इंडिया स्कीम के तहत हाइब्रिड कारों को प्रोत्साहन और सब्सिडी देना अच्छा कदम है लेकिन इस में कुछ बदलाव की जरूरत है। फुली हाइब्रिड कारों को माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाली कारों की तुलना में ज्यादा फायदे मिलने चाहिये क्योंकि दोनों टेक्नोलॉज़ी, इनकी लागत और इन से होने वाले फायदों में काफी अंतर होता है। यही वजह है की फुली हाइब्रिड कारें महंगी होती हैं और कीमतों में बड़ा अंतर होता है।’
दरअसल नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन के तहत फास्टर एडॉप्टेशन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (फेम-इंडिया) स्कीम चल रही है। इस में हाइब्रिड टेक्नोलॉज़ी वाले वाहनों पर सरकार सब्सिडी देती है। इस स्कीम के तहत पूरी तरह से हाइब्रिड और माइल्ड हाइब्रिड कारों को एक जैसी छूट मिलती है। जबकि तकनीक की बात करें तो फुली हाइब्रिड और माइल्ड हाइब्रिड कारों में काफी अंतर होता है। उदाहरण के लिए मारूति सुज़ुकी सियाज़ और महिन्द्रा स्कॉर्पियो में माइल्ड हाइब्रिड टेक्नोलॉज़ी दी गई है, वहीं अकॉर्ड और टोयोटा कैमरी फुल हाइब्रिड कारें हैं, जो टेक्नोलॉज़ी के मामले में बाकी दोनों से कहीं ज्यादा आगे हैं।
मौजूदा नियमों या पॉलिसी के तहत इंपोर्ट की गई हाइब्रिड कारों या वाहनों पर इस स्कीम का लाभ नहीं मिलता है। केवल भारत में बनें या फिर यहां एसेंबल होने वाले वाहन ही इस स्कीम के तहत आते हैं।
होंडा की यह चिंताएं दरअसल अकॉर्ड हाइब्रिड से भी जुड़ी हैं। टोयोटा कैमरी के मुकाबले में आने वाली अकॉर्ड को कंपनी सीधे इंपोर्ट कर बेचेगी, ऐसे में इस कार को फेम-इंडिया के तहत सब्सिडी नहीं मिल पाएगी और इसकी कीमतों में कटौती नहीं हो सकेगी। वहीं दूसरी तरफ कैमरी को यहां एसेंबल कर के बेचा जाता है।