Login or Register for best CarDekho experience
Login

टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड को फ्लेक्स फ्यूल मॉडल में बदलने के लिए इस कार में किए गए ये 7 अहम बदलाव, डालिए एक नजर

प्रकाशित: अगस्त 30, 2023 02:39 pm । भानुटोयोटा इनोवा हाईक्रॉस

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस के इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल प्रोटोटाइप से पर्दा उठाया है जो कि 85 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रित फ्यूल पर चल सकती है। हाईक्रॉस के इस प्रोटोटाइप में 2 लीटर स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड पेट्रोल पावरट्रेन दिया गया है, जिससे ये कार फ्यूल या इलेक्ट्रिक मोड पर ड्राइव की जा सकती है।

हालांकि, इथेनॉल के इतने ज्यादा प्रतिशत के मिश्रण से इस कार को चलने में मदद करने के लिए इसके भारत में ही तैयार किए गए इंजन और कंपोनेंट्स में कुछ बदलाव किए हैं। इसे ई85 फ्यूल के अनुरूप बनाने के लिए कंपनी ने इसमें क्या कुछ किए हैं बदलाव ये आप जानेंगे आगे:

मोटर ड्रिवन वीवीटी

एक नॉर्मल पेट्रोल पावर्ड इंजन जीरो डिग्री से नीचे के तापमान में भी स्टार्ट हो जाता है। चूंकि इथेनॉल की हीटिंग टेंपरेचर ज्यादा हाई ​होता है, ऐसे में ठंड के मौसम में इस इंजन को स्टार्ट होने में थोड़ा समय लगेगा। ऐसे में ठंड में भी ये इंजन काम करे इसलिए इस इथेनॉल कार के इंजन में कुछ बदलाव किए गए हैं और ये माइनस 15 डिग्री सेल्सियस में भी काम करेगा।

यह भी पढ़ें: मारुति इनविक्टो Vs टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस Vs किया कैरेंस : प्राइस कंपेरिजन

जंगरोधी बनाया गया है ये इंजन

चूंकि इथेनॉल का कैमिकल नेचर पेट्रोल की तुलना में अधिक एसिडिक होता है, इसके हाई वॉटर एब्सॉर्पशन के साथ यह इंजन को जंग लगने के जोखिम से बचाता है। ऐसे में फ्लेक्स फ्यूल प्रोटोटाइप में इथेनॉल को सपोर्ट करने वाले स्पार्क प्लग्स, वॉल्व और वॉल्व सीट्स एवं पिस्टन रिंग्स दी गई है जो जंग लगने से बचाता है और टूट फूट को भी रोकता है। यदि कोई कंपोनेंट हाई एथेनॉल फ्यूल के संपर्क में आ जाता है तो उसको भी यही ट्रीटमेंट मिलेगा।

3 वे कैटालिस्ट

इथेनॉल पावर्ड कारों के लिए ज्यादा एडवांस्ड 3 वे कैटालिस्ट का इस्तेमाल किया गया है जो ज्यादा पॉल्यूशन नहीं फैलने देता है।

हाई प्रेशर फ्यूल इंजेक्टर्स

ये इस पेट्रोल इंजन में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। पेट्रोल के मुकाबले इथेनॉल को सुलगने के लिए ज्यादा टेंपरेचर की जरूरत पड़ती है और जरूरत की परफॉर्मेंस के लिए इंजन को ज्यादा गर्म होना पड़ता है। इथेनॉल पावर्ड हाईक्रॉस में हाई प्रेशर फ्यूल इंजेक्टर्स (डायरेक्ट फ्यूल इंजेक्शन) दिए गए हैं जो ना केवल जरूरी फ्लो रेट देता है, बल्कि ये ज्यादा गर्मी से भी बचा रह सकता है और जंगरोधी भी होता है।

फ्यूल टैंक में भी किया गया है बदलाव

इनोवा हाईक्रॉस के फ्यूल टैंक और फ्यूल पाइप को एंटी ऑक्सिडेंट और कोटिंग देकर मॉडिफाय किया गया है। ये चीज भी इसे जंग लगने से बचाने के लिए किया गया है, ताकि लंबे समय तक फ्यूल का फ्लो बना रहे।

इथेनॉल सेंसर

रेगुलर हाईक्रॉस के मुकाबले इसके फ्लेक्स फ्यूल वर्जन में इथेनॉल सेंसर दिया गया है जो कि फ्यूल में इथेनॉल के मिक्सचर का माप देखेगा। ये फ्लेक्स फ्यूल सेंसर इंजन के अन्य पहलुओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से एडजस्ट करने के लिए इस जानकारी को विशेष ईसीयू तक पहुंचाता है। ये बिल्कुल वैसे ही काम करता है जैसे कि रेगुलर पेट्रोल मॉडल्स में फ्यूल के अंदर ऑक्टेन की मात्रा मापी जाती है। इसके अलावा, यदि आप ई20 जैसे लोअर मिक्सचर पर टॉप-अप करते हैं और ई85 पंप आपके आसपास नहीं तो सिस्टम को इंजन को स्मूद चलते रहने के लिए आपके ईंधन टैंक में मौजूदा मिक्सचर का आकलन करने में सक्षम होना चाहिए।

ईसीयू में भी किया गया है बदलाव

हाईक्रॉस फ्लेक्स फ्यूल के इंजन कंट्रोल यूनिट इथेनॉल सेंसर द्वारा डिटेक्ट की गई इथेनॉल मिश्रण की मात्रा के आधार पर इलेक्ट्रॉनिकली कंट्रोल्ड फंक्शंस को उनके हिसाब से सेट कर देता है। इससे इंजन ई20 से लेकर ई85 इथेनॉल के मिश्रण या केवल पेट्रोल पर स्मूदली काम कर सकता है जो कि फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल की परिभाषा होती है।

इनोवा हाइक्रॉस फ्लेक्स फ्यूल मॉडल 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक पावर और बाकी समय फ्लेक्स फ्यूल पर चलने में सक्षम है। ये ज्यादा इकोनॉमिकल और ईको फ्रेंडली साबित होता है।

हालांकि, इनोवा हाईक्रॉस को अपने प्रोडक्शन फेज में आने में अभी कुछ समय है। 2025 से पहले सभी व्हीकल्स को ई20 (20 परसेंट इथेनॉल ब्लैंड) के अनुरूप होना पड़ेगा, वहीं टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस हाइब्रिड फ्लेक्स फ्यूल प्रोटोटाइप का प्रोडक्शन मॉडल 3 से 4 साल के भीतर तैयार हो जाएगा।

द्वारा प्रकाशित

भानु

  • 534 व्यूज़
  • 0 कमेंट्स

टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस पर अपना कमेंट लिखें

ट्रेंडिंगएमयूवी कारें

  • लेटेस्ट
  • अपकमिंग
  • पॉपुलर
नई दिल्ली में *एक्स-शोरूम कीमत