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मारुति सुजुकी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का बड़ा बयान:फ्यूल इकोनॉमी नहीं रहा अब कार खरीदने का प्रमुख क्राइटिरिया

प्रकाशित: जुलाई 11, 2022 05:57 pm । भानु

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बड़े पैमाने पर बाजार में प्राथमिक कार खरीदने के मानदंडों में से एक उनकी फ्यूल एफिशिएंसी मानी जाती है। हालांकि, देश की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर, मारुति सुजुकी का मानना है कि अब नई कार खरीदते वक्त उसकी फ्यूल एफिशिएंसी एक प्रमुख मानदंड नहीं रह गई है। 

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सेल्स और मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शशांक श्रीवास्तव के अनुसार, सर्वे ग्ररूप के बीच फ्यूल इकोनॉमी का प्रतिशत महत्व जो पांच साल पहले लगभग 17 प्रतिशत था अब गिरकर वर्तमान में लगभग 13 प्रतिशत हो गया है। श्रीवास्तव ने इसपर प्रकाश डालते हुए कहा कि , "अब ज्यादातर व्हीकल सीएएफई (कॉर्पोरेट एवरेज फ्यूल एफिशिएंसी) नॉर्म्स के कारण अच्छा माइलेज देने वाले व्हीकल्स की संख्या बढ़ी है।" उन्होंने बताया किया कि 20 साल पहले, लोगों ने बड़े पैमाने पर मारुति 800 एंट्री-लेवल हैचबैक को इसके माइलेज के लिए खरीदा था, तब भी जब यह केवल 10-12 किलोमीटर प्रति लीटर का माइलेज दिया करती थी। जबकि उस समय ये फिगर्स बहुत अच्छे माने जाते थे मगर, आज माइल्ड-हाइब्रिड टेक्नोलॉजी वाले 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन से लैस नई मारुति सुजुकी ब्रेज़ा सब-कॉम्पैक्ट एसयूवी जैसी कार 20.15 किलोमीटर प्रति लीटर का एआरएआई सर्टिफाइड माइलेज दे रही है। 

हर ब्रांड को क्यों देना पड़ रहा है अच्छी फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार पर ध्यान ?

शशांक श्रीवास्तव ने जिन कैफे नॉर्म्स का उल्लेख किया उसके अनुसार अब से कारमेकर्स को कम कार्बन एमिशन वाले फ्यूल एफिशिएंट व्हीकल्स तैयार करने होंगे। इसके लिए कई कारमेकर्स ने अपने लाइनअप से डीजल इंजन वाले मॉडल्स को हटा दिया है। यदि कंपनियां इन नए नॉर्म्स के अनुसार इन इंजन को अपग्रेड करती तो उनके लिए ये काफी महंगा प्रोसेस साबित होता जिसका सबसे ज्यादा मास मार्केट ब्रांड्स पर पड़ता। ऐसे में इनकी जगह हाइब्रिड इंजन या सीएनजी मॉडल्स तैयार किए जा रहे हैं और यहां तक कि अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को भी अच्छा विकल्प माना जा रहा है। 

यह भी पढ़ें: मारुति अपनी सभी कारों को स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से करेगी लैस

कार खरीदने से पहले और क्या चीजें देखते हैं ग्राहक?

मारुति ने दावा किया है कि उन्होनें मार्केट रिसर्च में पाया है कि लोग एक कार खरीदने से पहले ग्राहह उसके डिजाइन,ब्रांड और नई टेक्नोलॉजी को एक बड़ा काइटिरिया मानते हैं। इस सर्वे में केवल 13 प्रतिशत लोगों ने सेफ्टी को महत्व दिया। इसलिए कारमेकर्स भी ज्यादा स्ट्रॉन्ग बॉडीशेल वाली कारें तैयार करने के बजाए अपने मॉडल्स में बड़ी स्क्रीन देना ज्यादा पसंद करती हैं। 

मगर,अब भी फ्यूल एफिशिएंसी है काफी महत्वपूर्ण

श्रीवास्त ने आगे कहा कि "ऐसा नहीं है कि माइलेज की महत्वता अब कम हो गई है। मुझे लगता है कि लोग इसे अब हाइजीन फैक्टर के तौर पर देखने लगे हैं। इसलिए माइलेज कार खरीदने का निर्णय अब माइलेज को तोलकर नहीं लिया जा रहा है। उन्होनें आगे कहा कि, हालांकि, माइलेज अभी भी एक बहुत ही महत्वपूर्ण मानदंड बना हुआ है, ”

यह भी पढ़ें: मारुति ने एक मिलियन सीएनजी कारें बेचने का आंकड़ा किया पार

हालांकि, मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ने स्पष्ट किया कि बड़े पैमाने पर बाजार के लिए प्रोडक्ट डेवलप करते समय मारुति के लिए माइलेज अभी भी शीर्ष चार मानदंडों में से एक है।

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1 कमेंट
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L
leslie joshua
Jul 11, 2022, 11:20:50 AM

At last Maruti has understood the pulse of the people, who began switching to safety as their prime focus. But the new Brezza without Vitara is priced so high, that it is totally not affordable.

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