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किया कैरेंस लग्जरी प्लस Vs टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस जीएक्स: स्पेसिफिकेशन कंपेरिजन

संशोधित: जून 01, 2023 04:36 pm | सोनू | टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस

यदि आप 20 लाख रुपये से थोड़ा ज्यादा खर्च कर अपनी फैमिली के लिए एक 7-सीटर कार लेने की सोच रहे हैं तो फिर आपको किया कैरेंस पसंद आ सकती है। हालांकि अगर आप अपना बजट करीब एक लाख रुपये और बढ़ा लेते हैं तो फिर टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस के रूप में एक बड़ी कार घर ला सकते हैं। कैरेंस के टॉप मॉडल लग्जरी प्लस को खरीदने की योजना बना रहे लोग उस बजट में हाईक्रॉस जीएस वेरिएंट ले सकते हैं। यहां हमने स्पेसिफिकेशन के मोर्चे पर दोनों कारों का कंपेरिजन किया है जिसके नतीजे आप जानेंगे आगेः

मॉडर्न Vs बड़ा साइज

टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस साइज में सफारी और एक्सयूवी700 जैसी एसयूवी कारों से बड़ी है और यह किया कैरेंस से भी ज्यादा बड़ी है। इसके बेस मॉडल में छोटे 16-इंच अलॉय व्हील मिलने के बाद भी इसका साइज काफी बड़ा लगता है।

हालांकि इसके बेस वेरिएंट में कोई प्रीमियम टच नहीं दिए गए हैं। बेस मॉडल में सिल्वर कॉन्ट्रास्ट एलिमेंट और क्रोम टच कुछ भी नहीं दिया गया है, इसके फुल एलईडी हेडलैंप्स और टेललैंप्स भी रियल हेडलाइट वाला फील नहीं देते हैं। अगर आप इस वेरिएंट को लेना चाहते हैं तो फिर आपको 40-50000 रुपये खर्च कर इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर (जैसे बड़े टायर) शामिल करवा लेने चाहिए।

वहीं दूसरी ओर कैरेंस कार का साइज भले हाईक्रॉस से छोटा है लेकिन इसमें मॉडर्न/कॉस्मेटिक टच कोई कमी नजर नहीं आएगी। इसके हेडलैंप क्लस्टर और फॉग लैंप्स पर ब्लैक टच दिया गया है और राइडिंग के लिए इसमें स्टाइलिश ड्यूल-टोन अलॉय व्हील दिए गए हैं। किया ने इसमें कई मॉडर्न और वाइब्रेंट कलर का ऑप्शन भी रखा है।

क्वालिटी

इंटीरियर क्वालिटी और फिट व फिनिश के मोर्चे पर किया कैरेंस टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस से ज्यादा बेहतर साबित होती है।

हाईक्रॉस के डैशबोर्ड और डोर पेड्स पर टोयोटा ने डल ब्लैक प्लास्टिक का इस्तेमाल किया है। इसके बेस वेरिएंट में कहीं भी कॉन्ट्रास्ट कलर एलिमेंट्स नहीं दिया गया है, हालांकि डैशबोर्ड पर कुछ जगह डल सिल्वर टच जरूर दिया गया है। कपहोल्डर की खराब क्वालिटी और एसी वेंट्स के चारों ओर खराब फिटिंग वाले पैनल किसी भी तरह से टोयोटा के मानकों पर खरा नहीं उतरते हैं। इसकी ब्लैक फेब्रिक अपहोल्स्ट्री भी केबिन को प्रीमियम टच नहीं दे रही है।

वहीं कैरेंस की बात करें तो इसमें काफी प्रभावशाली ट्रिपल-टोन इंटीरियर - डीप ब्लू, बैज और सिल्वर दिया गया है। इसके डैशबोर्ड पर प्रिंटेड ग्राफिक्स दिए गए हैं जो इसे काफी अच्छा लुक दे रहे हैं, हालांकि डीप ग्लोसी ब्लैक सरफेस पर स्क्रेचेज आने की संभावनाएं बनी रहती है। वहीं लाइट शेड अपहोल्स्ट्री के जल्दी गंदा होने का भी डर बना रहता है।

हालांकि इसका केबिन पहली ही नजर में ध्यान खींचने का दमखम रखता है। इसमें इस्तेमाल हुए प्लासिक की क्वालिटी काफी स्मूद और अच्छी है, और ये कार को काफी प्रीमियम टच दे रही है।

फीचर

यहां भी किया कैरेंस टोयोटा फॉर्च्यूनर हाईक्रॉस को कड़ी टक्कर देती नजर आती है। इनोवा हाईक्रॉस में काफी अच्छे फीचर मिलते हैं जिनमें कीलेस एंट्री, पुश बटन स्टार्ट, ऑटोमेटिक हेडलैंप्स और 7-इंच टचस्क्रीन (एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले कनेक्टिविटी के साथ) और औसत साउंड सिस्टम शामिल है। सुरक्षा के लिए इसमें ड्यूल एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, आईएसओफिक्स चाइल्ड सीट एंकर और रिवर्स कैमरा जैसे फीचर दिए गए हैं। हालांकि इसमें रिवर्स पार्किंग सेंसर का अभाव है। इस प्राइस पॉइंट में टोयोटा को इसमें क्लाइमेट कंट्रोल, क्रूज कंट्रोल और छह एयरबैग देने चाहिए थे।

कैरेंस में वे सभी फीचर मिलते हैं जो इनोवा हाईक्रॉस में दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें कुछ अतिरिक्त फीचर भी मिलते हैं जिनमें लेदरेट अपहोल्स्ट्री, फ्रंट सीट वेंटिलेशन, ऑटोमेटिक क्लाइमेट कंट्रोल, क्रूज कंट्रोल, कॉन्फिग्रेबल एम्बिएंट लाइटिंग, वायरलेस चार्जिंग और सनरूफ शामिल है। इसका इंफोटेनमेंट एक्सपीरियंस भी काफी बेहतर है। इसमें 10.25 इंच टचस्क्रीन सिस्टम और बोस साउंड सिस्टम दिया गया है। पैसेंजर सुरक्षा के लिए किआ मोटर्स ने इसमें छह एयरबैग (स्टैंडर्ड) और फ्रंट पार्किंग सेंसर (टॉप मॉडल) जैसे अतिरिक्त फीचर दिए हैं जो इसे हाईक्रॉस जीएक्स से ज्यादा बेहतर साबित करते हैं। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि किया कैरेंस को ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में 3-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली हुई है।

इन दोनों में हाइट एडजस्टेबल ड्राइव सीट, टिल्ट और टेलिस्कॉपिक एडजस्टेबल स्टीयरिंग व्हील, 60ः40 अनुपात में बंटी थर्ड रो सीट और फोल्डिंग सेकंड रो सीट जैसी खुबियां भी मिलती है।

स्पेस

किया कैरेंस एमपीवी में नीची सीटिंग पोज़िशन मिलती है, इसमें सीटों को व्हीकल फ्लोर के पास में पोज़िशन किया गया है। ऐसे में इस गाड़ी में केबिन की दूसरी और तीसरी रो के अंदर जाना व बाहर निकलना बुजुर्ग लोगों के लिए काफी आसान रहता है। इसमें सीटों पर वन-टच टंबल फंक्शन दिया गया है जिससे इसमें तीसरी रो पर आसानी से पहुंचा जा सकता है।

वहीं, इनोवा की सेकंड रो की सीटें एक बटन दबाकर फोल्ड नहीं होती है, लेकिन इसे रेक्लाइन और आगे की तरफ पुश जरूर किया जा सकता है। हाइक्रॉस का साइज़ काफी बड़ा है, ऐसे में इसमें तीसरी रो पर जाने के लिए अच्छा स्पेस मिलता है। इसमें वयस्क पैसेंजर और बच्चों को तीसरी रो तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं आएगी, हालांकि बुजुर्गों को केबिन के अंदर थोड़ा चढ़ कर जाने की शिकायत हो सकती है।

कैरेंस कार काफी स्पेशियस लगती है। इसमें 6-फुट के व्यक्ति को खुद की सही ड्राइविंग पोज़िशन पर बैठने के लिए पर्याप्त स्पेस मिलता है। हमारा मानना है कि इसमें एयर प्यूरीफायर यूनिट को सीट के पीछे की तरफ पोज़िशन नहीं किया जाना चाहिए था। आगे की दोनों रो की सीटों में 6-फुट के पैसेंजर्स के बैठे होने पर इसमें तीसरे पैसेंजर के लिए तीसरी रो पर बहुत कम जगह बच पाती है। चूंकि इसमें सीटों को थोड़ा नीचे पोज़िशन किया गया है, ऐसे में इसमें इनोवा के मुकाबले हेडरूम स्पेस थोड़ा बेहतर मिलता है। कैरेंस कार की तीसरी रो पर बैठकर बच्चों को कोई शिकायत शायद ही महसूस होगी और ना ही कोई छोटी हाइट वाले एडल्ट पैसेंजर्स 100 किलोमीटर तक के सफर में इस कार से कोई शिकायत करेंगे।

किया कैरेंस में केबिन के अंदर अच्छा खासा स्पेस मिलता है। इस गाड़ी की सीट बैक की हाइट कम है, ऐसे में अगर आप लंबे है तो आपके शोल्डर्स को इसमें कम सपोर्ट मिल सकेगा।

हमनें हाइक्रॉस कार के 8-सीटर वर्जन का टेस्ट किया था। केबिन के अंदर इसमें आठ नॉर्मल साइज़ के वयस्क पैसेंजर कम्फर्टेबल होकर बैठ सकते हैं। इनोवा की दूसरी रो पर तीन डबल-एक्सएल साइज़ के पैसेंजर्स भी आसानी से फिट हो सकते हैं। इस कार की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसकी चौड़ाई काफी अच्छी है और सेकंड और थर्ड रो पर इसमें अच्छा खासा नीरूम स्पेस भी मिलता है।

सेकंड रो की सीट को पीछे करने पर हाइक्रॉस कार में 6-फुट के पैसेंजर के लिए नीरूम स्पेस कैरेंस से दोगुना मिलता है। इस गाड़ी की सेकंड रो की सीटें पीछे की तरफ उस पॉइंट तक रेक्लाइन हो जाती है, जहां थर्ड रो एसी वेंट्स दिए गए हैं जिससे ठंडी हवा महसूस होती रहती है। ऐसे में पैसेंजर्स रोड ट्रिप के दौरान अच्छी नींद भी ले सकते हैं।

किआ कैरेंस में को-ड्राइवर सीट के पीछे की तरफ फोल्ड-आउट ट्रे दी गई है, साथ ही इसमें सनब्लाइंड भी मिलते हैं। इन दोनों ही फीचर्स से इनोवा हाइक्रॉस को भी काफी फायदा मिल सकता था। चार्जिंग ऑप्शंस के मामले में भी किया कैरेंस कार हाइक्रॉस से ज्यादा बेहतर साबित होती है।

टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस

किया कैरेंस

पहली रो

1x 12 वी 1x यूएसबी टाइप-ए

1x यूएसबी टाइप-सी

1x 12वी

1x यूएसबी टाइप-सी

1x यूएसबी टाइप-ए

1x वायरलैस चार्जर

दूसरी रो

2x यूएसबी टाइप-सी

2x यूएसबी टाइप-सी

तीसरी रो

1x 12वी

2x यूएसबी टाइप-सी

बूट स्पेस

तीनों रो अपनी जगह पर रहने के साथ कैरेंस कार के बूट में मीडियम साइज़ बैग और ओवरनाइट ट्रॉली बैग आसानी से रखा जा सकता है। जबकि, हाइक्रॉस कार में मीडियम-साइज़ बैग को खड़ा करके और फुल-साइज़ बैग को लेटाकर आसानी से फिट किया जा सकता है।

इन दोनों ही कारों में तीसरी रो को फोल्ड करने पर अच्छा खासा स्पेस मिलता है। हमारा टेस्ट लगेज इन दोनों ही कारों में आसानी से फिट हो गया। हाइक्रॉस कार में लगेज रखने के बाद भी थोड़ा बहुत स्पेस बच गया था।

यह भी पढ़ें: किया कैरेंस का नया लग्जरी (ऑप्शनल) ​वेरिएंट हुआ लॉन्च, कीमत 17 लाख रुपये से शुरू

ड्राइविंग

किया कैरेंस कार में दो इंजन ऑप्शंस 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल (6-स्पीड आईएमटी और 7-स्पीड डीसीटी के साथ) और 1.5-लीटर डीजल (6-स्पीड आईएमटी और 6-स्पीड एटी) दिए गए हैं। हमनें कैरेंस के नए टर्बो पेट्रोल इंजन का अब तक टेस्ट नहीं किया है। हमारे टेस्ट के दौरान हमें इस गाड़ी का डीजल इंजन बिलकुल भी रोमांचित करने वाला नहीं लगा। लेकिन, हल्का इंजन लगा होने के कारण कैरेंस एमपीवी सिटी और हाइवे दोनों जगह पर इज़ी टू ड्राइव कार साबित हुई। फुल पैसेंजर केपेसिटी के बावजूद भी हमें इस गाड़ी के साथ ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ी।

टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस में 2-लीटर पेट्रोल इंजन के साथ सीवीटी गियरबॉक्स दिया गया है। इस वेरिएंट में मैनुअल और हाइब्रिड का ऑप्शन नहीं मिलता है। यह इंजन आपको ज्यादा आवाज़ करने वाला लग सकता है। इस इंजन के साथ यह गाड़ी ड्राइव करने पर बड़ी होंडा सिटी कार की तरह लगती है। इसका सीवीटी गियरबॉक्स काफी रेस्पॉन्सिव है और यह मोटर हाइवे पर 100 से ज्यादा की स्पीड पकड़ने पर काफी कम्फर्टेबल लगती है। हालांकि, इस स्पीड पर ओवरटेकिंग के दौरान इस गाड़ी के साथ थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत पड़ती है। चढ़ाई पर ड्राइव करते समय इसका सीवीटी गियरबॉक्स काफी आवाज़ करने लगता है जो केबिन के अंदर बैठे पैसेंजर्स को परेशान कर सकता है।

यह दोनों ही कारें सिटी में स्मूद सरफेस पर चलाने के हिसाब से काफी अच्छी हैं। लेकिन, जहां बेलेंसिंग की बात है हम टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस को पिक करेंगे। इसके सस्पेंशन काफी अच्छे हैं, यह गाड़ी शॉक को सरफेस से कंट्रोल कर लेती है और ऐसा करने में यह बिलकुल भी आवाज़ करने वाली नहीं लगती है। जबकि, किया कैरेंस में कम स्पीड और ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर साइड मूवमेंट ज्यादा महसूस होता है। वहीं, हाइवे पर ड्राइव करते समय आपको इस गाड़ी से कोई शिकायत महसूस नहीं होगी। यह दोनों ही कारें 100 से ज्यादा की स्पीड पर काफी बैलेंस्ड लगती है।

इन दोनों ही कारों में से किया कैरेंस अपने रेस्पॉन्सिव स्टीयरिंग व्हील और कॉम्पेक्ट डायमेंशन के चलते ज्यादा फन-टू-ड्राइव कार लगती है। वहीं, इनोवा की बात करें तो यह गाड़ी भी रेस्पॉन्सिव है, लेकिन यह ड्राइव करते समय आपके चेहरे पर मुस्कान शायद ही लाएगी।

इन दोनों कारों को क्यों चुनें:

किया कैरेंस

  • कैरेंस एमपीवी में कई दमदार फीचर्स मिलते हैं जिनमें सनरूफ, एम्बिएंट लाइटिंग, अच्छी टचस्क्रीन और बोस साउंड सिस्टम शामिल हैं।
  • यदि आपको अपनी फैमिली के लिए एक कम्फर्टेबल 5-सीटर कार चाहिए जिसमें दो और पैसेंजर्स के बैठने के लिए एडिशनल जगह मिल सके तो ऐसे में आप इसे चुन सकते हैं।

टोयोटा इनोवा हाइक्रॉस

  • यदि आपको एक बड़ी कार चाहिए और आप अपने व्हीकल को बेहतर बनाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च के लिए भी तैयार हैं तो ऐसे में इसे चुन सकते हैं।
  • एक गाड़ी में 7 से 8 व्यस्क पैसेंजर्स के बैठने के लिए सीटिंग स्पेस और बड़े बूट का होना बेहद महत्वपूर्ण होता है, अगर आप इन चीज़ों को कार में एडिशनल फीचर्स के मुकाबले ज्यादा महत्व देते हैं तो ऐसे में इनोवा हाइक्रॉस को चुन सकते हैं।
  • अगर आप परफॉर्मेंस के मुकाबले गाड़ी की कम्फर्टेबल राइड क्वालिटी को ज्यादा महत्व देते हैं तो इसे पिक कर सकते हैं।

यह भी देखेंः टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस ऑन रोड प्राइस

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