तो ड्रैगन के देश में दौड़ेंगी भारतीय कंपनी की इलेक्ट्रिक कारें
प्रकाशित: अक्टूबर 14, 2016 04:18 pm । alshaar
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फिलहाल महिन्द्रा भारतीय बाज़ार के अलावा ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है। घरेलू बाज़ार में महिन्द्रा की ई2ओ हैचबैक और ई-वेरिटो सेडान मौजूद है। ई2ओ ब्रिटेन में भी बिक रही है। कंपनी की योजना इस साल के अंत तक दो नए इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में उतारने की है।
ब्लूमबर्ग से महिन्द्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ अरविंद मैथ्यू की बातचीत के दौरान इसके संकेत मिले, मैथ्यू ने कहा कि 'चीन एक आकर्षक बाज़ार है और यहां हर रेंज की इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और बसें मौजूद हैं। हम यहां लंबे वक्त से नज़रे बनाए हुए हैं।'
चीन और यहां महिन्द्रा के उतरने की संभावनाओं को टटोला जाए तो कई बातें नज़र आती हैं। पहली बात तो यह कि महिन्द्रा को टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी बचाने के लिए चीन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। चीन में इंपोर्टेड वाहनों पर 25 फीसदी कस्टम टैक्स लगता है। चीन में स्थानीय साझेदार मिलने के बाद कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली करीब 200 चीनी कंपनियों से प्रतियोगिता करनी होगी।
चीनी सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा के लिए साल 2020 तक 50 लाख इलेक्ट्रिक, प्लग-इन हाइब्रिड और फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।
फिलहाल महिन्द्रा भारतीय बाज़ार के अलावा ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है। घरेलू बाज़ार में महिन्द्रा की ई2ओ हैचबैक और ई-वेरिटो सेडान मौजूद है। ई2ओ ब्रिटेन में भी बिक रही है। कंपनी की योजना इस साल के अंत तक दो नए इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में उतारने की है।
ब्लूमबर्ग से महिन्द्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ अरविंद मैथ्यू की बातचीत के दौरान इसके संकेत मिले, मैथ्यू ने कहा कि 'चीन एक आकर्षक बाज़ार है और यहां हर रेंज की इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और बसें मौजूद हैं। हम यहां लंबे वक्त से नज़रे बनाए हुए हैं।'
चीन और यहां महिन्द्रा के उतरने की संभावनाओं को टटोला जाए तो कई बातें नज़र आती हैं। पहली बात तो यह कि महिन्द्रा को टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी बचाने के लिए चीन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। चीन में इंपोर्टेड वाहनों पर 25 फीसदी कस्टम टैक्स लगता है। चीन में स्थानीय साझेदार मिलने के बाद कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली करीब 200 चीनी कंपनियों से प्रतियोगिता करनी होगी।
चीनी सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा के लिए साल 2020 तक 50 लाख इलेक्ट्रिक, प्लग-इन हाइब्रिड और फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।
फिलहाल महिन्द्रा भारतीय बाज़ार के अलावा ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है। घरेलू बाज़ार में महिन्द्रा की ई2ओ हैचबैक और ई-वेरिटो सेडान मौजूद है। ई2ओ ब्रिटेन में भी बिक रही है। कंपनी की योजना इस साल के अंत तक दो नए इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में उतारने की है।
ब्लूमबर्ग से महिन्द्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ अरविंद मैथ्यू की बातचीत के दौरान इसके संकेत मिले, मैथ्यू ने कहा कि 'चीन एक आकर्षक बाज़ार है और यहां हर रेंज की इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और बसें मौजूद हैं। हम यहां लंबे वक्त से नज़रे बनाए हुए हैं।'
चीन और यहां महिन्द्रा के उतरने की संभावनाओं को टटोला जाए तो कई बातें नज़र आती हैं। पहली बात तो यह कि महिन्द्रा को टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी बचाने के लिए चीन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। चीन में इंपोर्टेड वाहनों पर 25 फीसदी कस्टम टैक्स लगता है। चीन में स्थानीय साझेदार मिलने के बाद कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली करीब 200 चीनी कंपनियों से प्रतियोगिता करनी होगी।
चीनी सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा के लिए साल 2020 तक 50 लाख इलेक्ट्रिक, प्लग-इन हाइब्रिड और फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।
फिलहाल महिन्द्रा भारतीय बाज़ार के अलावा ब्रिटेन में इलेक्ट्रिक कारें बेच रही है। घरेलू बाज़ार में महिन्द्रा की ई2ओ हैचबैक और ई-वेरिटो सेडान मौजूद है। ई2ओ ब्रिटेन में भी बिक रही है। कंपनी की योजना इस साल के अंत तक दो नए इलेक्ट्रिक वाहन बाज़ार में उतारने की है।
ब्लूमबर्ग से महिन्द्रा इलेक्ट्रिक के सीईओ अरविंद मैथ्यू की बातचीत के दौरान इसके संकेत मिले, मैथ्यू ने कहा कि 'चीन एक आकर्षक बाज़ार है और यहां हर रेंज की इलेक्ट्रिक कारें, टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और बसें मौजूद हैं। हम यहां लंबे वक्त से नज़रे बनाए हुए हैं।'
चीन और यहां महिन्द्रा के उतरने की संभावनाओं को टटोला जाए तो कई बातें नज़र आती हैं। पहली बात तो यह कि महिन्द्रा को टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी बचाने के लिए चीन में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगानी होगी। चीन में इंपोर्टेड वाहनों पर 25 फीसदी कस्टम टैक्स लगता है। चीन में स्थानीय साझेदार मिलने के बाद कंपनी को इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली करीब 200 चीनी कंपनियों से प्रतियोगिता करनी होगी।
चीनी सरकार और प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा के लिए साल 2020 तक 50 लाख इलेक्ट्रिक, प्लग-इन हाइब्रिड और फ्यूल सेल से चलने वाले वाहनों को सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा है।