टाटा अल्ट्रोज Vs टोयोटा ग्लैंजा : कंपेरिजन रिव्यू

Published On अगस्त 28, 2020 By स्तुति for टाटा अल्ट्रोज़ 2020-2023

अगर आप करीब एक साल पहले फैमिली के हिसाब किसी प्रीमियम हैचबैक को खरीदने का विचार कर रहे थे तो उस दौरान आपके पास जरूर चुनिंदा ऑप्शंस ही मौजूद होंगे। उस वक्त हैचबैक कारों की लिस्ट में मारुति बलेनो, हुंडई एलीट आई20, होंडा जैज़ और टोयोटा ग्लैंजा जैसे विकल्प ही उपलब्ध होंगे। लेकिन, अब इस सेगमेंट में टाटा अल्ट्रोज़ ने भी दस्तक दे दी है। अब देखना ये होगा कि क्या टाटा अल्ट्रोज टोयोटा ग्लैंजा के मुकाबले एक परफेक्ट फैमिली कार साबित हो पाएगी? तो चलिए इसके बारे में हम जानते हैं यहां:-

लुक्स

लुक्स के मामले में टाटा अल्ट्रोज़ बेस्ट कार है। फ्रंट पर इसमें ब्लैक रंग की मैश पैटर्न वाली हनीकॉम्ब ग्रिल और शार्प लुक वाले साइड स्वेप्ट हैलोजन प्रोजेक्टर हेडलैंप्स, एलईडी डेटाइम रनिंग लैंप्स के साथ दिए गए हैं जो इसे स्पोर्टी लुक देते नज़र आते हैं। साइड प्रोफाइल की बात करें तो स्टाइलिश 16-इंच मशीन फिनिश अलॉय व्हील्स दिए गए हैं। इस 5-सीटर कार में रियर डोर हैंडल पहले लुक में नज़र नहीं आता क्योंकि इसे विन्डो के पीछे की तरफ इंटीग्रेट किया हुआ है। रियर साइड पर गौर करें तो इसमें पियानो ब्लैक फिनिश देखने को मिलती है। लेकिन, इसमें हेडलैंप्स की तरह ही टेललैंप्स पर भी एलईडी लाइटों की काफी कमी खलती है। पीछे की तरफ अल्ट्रोज़ में क्रोम और ग्लॉसी ब्लैक एलिमेंट का काफी इस्तेमाल किया गया है जो कार के लुक में चार चांद लगाता नज़र आता है। 

वहीं, ग्लैंजा की डिज़ाइन काफी हद तक मारुति बलेनो जैसी नज़र आती है। इस कार में आगे की तरफ ट्रिपल स्लेट फ्रंट ग्रिल लगी है और ग्रिल के पास में ट्राइएंगुलर शेप के एलईडी हेडलैंप्स को फिट किया गया है जो लाइट गाइड्स के साथ आते हैं। साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां ग्लैंजा में अल्ट्रोज़ की तरह कट्स और कर्व लाइनें नहीं दी गई है, बल्कि इसकी डिज़ाइन एकदम सिंपल रखी गई है। राइडिंग के लिए इसमें 16-इंच के मशीन कट अलॉय व्हील्स लगे हैं जो अल्ट्रोज़ की तरह एकदम आकर्षक नज़र आते हैं। रियर साइड पर गौर करें तो यहां ग्लैंजा में बूट लिड पर लिप स्पॉइलर क्रोम स्ट्रिप के साथ दिया गया है। इसमें बंपर के दोनों साइड्स पर भी क्रोम स्ट्रिप लगी है। इस कार में स्क्वायर शेप के एलईडी टेललैंप्स लगे हैं। साथ ही इसमें बूट लिड पर नेमप्लेट और वेरिएंट बैजिंग भी दी गई है। अल्ट्रोज़ कार के मुकाबले लुक्स के मामले में यह कार थोड़ी पुरानी स्टाइल की लगती है।

साइज़ 

टोयोटा ग्लैंजा

टाटा अल्ट्रोज़

लंबाई

3995 मिलीमीटर

3990 मिलीमीटर

चौड़ाई

1745 मिलीमीटर

1755 मिलीमीटर

ऊंचाई

1510 मिलीमीटर 

1523 मिलीमीटर 

व्हीलबेस

2520 मिलीमीटर

2501 मिलीमीटर 

इंटीरियर

इंटीरियर की बात करें तो भी टाटा अल्ट्रोज़ का केबिन ज्यादा प्रीमियम लगता है। इसके डैशबोर्ड को ड्यूल टोन कलर में पेश किया गया है, साथ ही केबिन पर इसमें अच्छे खासे मटीरियल का भी इस्तेमाल किया गया है। सेंट्रल पैनल्स पर इसमें सेटिन सिल्वर और ग्रे फिनिश मिलती है। वहीं, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल और इंफोटेनमेंट सिस्टम नॉब्स पर अच्छी क्वालिटी के प्लास्टिक के साथ क्रोम टच मिलता है। अल्ट्रोज़ में फ्लैट बॉटम स्टीयरिंग व्हील दिया गया है, जिस पर ऑडियो और क्रूज़ कंट्रोल बटन्स माउंटेड हैं।

वहीं, ग्लैंजा के डैशबोर्ड पर हार्ड ब्लैक प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है। सेंट्रल कंसोल पर इसमें सिल्वर एक्सेंट्स मिलते हैं जिसे खासकर क्लाइमेट कंट्रोल्स के आसपास दिया गया है। इसमें एसी वेंट्स और मल्टी फ़ंक्शनल स्टीयरिंग व्हील के आसपास क्रोम का इस्तेमाल हुआ है, जिसके चलते इसका केबिन थोड़ा प्रीमियम लगता है। ग्लैंजा को ऑल-ब्लैक कलर थीम के साथ पेश किया गया है। ऐसे में यह कार थोड़ी कॉम्पैक्ट नज़र आती है, लेकिन असल में ऐसा नहीं है।  

टाटा की हैचबैक कार में 7-इंच का सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया गया है जो नेविगेशन और मिडिया से जुड़ी जानकारी देने में सक्षम है। इसमें 7-इंच की फ्लोटिंग टचस्क्रीन यूनिट दी गई है, जिसे मूविंग कार के दौरान इस्तेमाल करना काफी आसान है। अल्ट्रोज़ की टचस्क्रीन यूनिट का रिस्पांस काफी अच्छा है, लेकिन इसके ग्राफ़िक्स इतने दमदार नहीं हैं। जबकि, ग्लैंजा में बलेनो कार से मिलता-जुलता ही टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम दिया गया है। इसका साइज़ भी बलेनो के एकदम बराबर है। अल्ट्रोज़ की तरह ही यह भी एप्पल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो कनेक्टिविटी को स्पोर्ट करता है।  

स्पेस 

अल्ट्रोज़ में दरवाजों को 90 डिग्री एंगल तक ओपन किया जा सकता है। ऐसे में इसमें अंदर जाना व बाहर निकलना पैसेंजर्स के लिए एकदम आसान हो जाता है। फ्रंट सीट स्पेस की बात करें तो अल्ट्रोज़ की तुलना में ग्लैंजा में ज्यादा बेहतर हेडरूम, लेगरूम और नीरूम स्पेस मिलता है। वहीं, अल्ट्रोज़ का केबिन काफी चौड़ा है और इसकी सीटबैक की ऊंचाई भी ग्लैंजा से कहीं ज्यादा है। हालांकि, दोनों ही कारों में छह फुट के पैसेंजर्स के लिए बैठना काफी आसान है। अल्ट्रोज़ की सीटें थोड़ी हार्ड हैं, लेकिन यह अच्छी बोलस्टरिंग के साथ आती हैं। ऐसे में लंबी दूरी के सफर में सॉफ्ट कुशन वाली ग्लैंजा के मुकाबले अल्ट्रोज़ में बैठना ज्यादा कम्फर्टेबल है।

टाटा की इस 5-सीटर हैचबैक में स्टीयरिंग व्हील में टिल्ट एडजस्ट फीचर मिलता है। इसका ए-पिलर काफी चौड़ा है जो बाहर की विज़िबिलिटी को प्रभावित करता है। खासकर अल्ट्रोज़ के अंदर बैठे छोटी हाइट के पैसेंजर्स के लिए बाहर का व्यू देखना मुश्किल हो जाता है। वहीं, ग्लैंजा में बैठे पैसेंजर्स को एकदम क्लियर व्यू दिखता है। इसमें टेलीस्कोपिक स्टीयरिंग एडजस्ट फीचर दिया गया है, ऐसे में सही ड्राइविंग पोज़िशन मिलना इसमें ज्यादा आसान है। सॉफ्ट सीट्स और साइड बोलस्टरिंग की वजह से हाइवे का सफर इसमें पैसेंजर्स के लिए थोड़ा थकान भरा हो सकता है। दोनों ही कारों में आर्मरेस्ट के साथ स्टोरेज फंक्शन दिया गया है। लेकिन, अल्ट्रोज़ में आर्मरेस्ट के लिए स्लाइडिंग फंक्शन का ऑप्शन रखा गया है। ऐसे में इसमें पैसेंजर्स को राइड्स के दौरान अच्छा-ख़ासा कम्फर्ट मिलता है।

फ्रंट रो साइज़

टोयोटा ग्लैंजा

टाटा अल्ट्रोज़

केबिन चौड़ाई 

1360 मिलीमीटर

1380 मिलीमीटर

हेडरूम

920-1010 मिलीमीटर

875-975 मिलीमीटर

लेगरूम

940-1195 मिलीमीटर

870-1050 मिलीमीटर

नीरूम

630-855 मिलीमीटर

540-760 मिलीमीटर

सीट बेस लंबाई

515 मिलीमीटर

485 मिलीमीटर

सीटबैक चौड़ाई

510 मिलीमीटर

470 मिलीमीटर

सीटबैक ऊंचाई 

625 मिलीमीटर

630 मिलीमीटर

रियर साइड की बात करें तो यहां भी आप पाएंगे कि अल्ट्रोज़ में पैसेंजर्स ज्यादा सही से बैठ पाता है। इसकी सीटों की कुशनिंग ग्लैंजा के मुकाबले अच्छी है। साथ ही इसका बैकरेस्ट एंगल भी थोड़ा ज्यादा स्ट्रेट है, लेकिन इस कार में कई घंटे बिताने पर आपको यह बेहतर लगने लगेगा। साइज़ के मामले में ग्लैंजा ज्यादा अच्छी कार है। ऐसे में क्या इसका रियर सीट एक्सपीरियंस ज्यादा बेहतर होगा? 

अल्ट्रोज़ में रियर साइड पर एसी वेंट्स, फोल्डेबल आर्मरेस्ट और 12 वोल्ट का सॉकेट दिया गया है। इसमें हेडरूम स्पेस भी अच्छा-खसा मिलता है। यह टाटा की पहली कार है जिसे अल्फ़ा आर्किटेक्चर प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है। ऐसे में इसका फ्लोर हंप एकदम फ्लैट रखा गया है। इसमें पीछे वाली सीट पर तीन पैसेंजर्स कम्फर्टेबल पोज़िशन में बैठ पाते हैं। हालांकि, ग्लैंजा का अंडर थाई स्पोर्ट इससे ज्यादा बेहतर है। कन्वेंशनल विंडो लाइन की वजह से इस कार के अंदर बैठे पैसेंजर्स को बाहर का क्लियर व्यू भी मिल पाता है। वहीं, अल्ट्रोज़ में रियर डोर हैंडल को विंडो के पीछे की तरफ इंटीग्रेट किया गया है। दोनों ही कारों में चार छह फुट के पैसेंजर्स आगे पीछे होकर आसानी से बैठ सकते हैं। लेकिन, डिज़ाइनिंग की वजह से ग्लैंजा में पैसेंजर्स का सिर रूफ से टकराता हुआ महसूस हो सकता है। ग्लैंजा और अल्ट्रोज़ दोनों कारों में रियर एडजस्टेबल हेडरेस्ट दिए गए हैं। लेकिन, इनमें मिडल पैसेंजर के लिए हेडरेस्ट की कोई सुविधा नहीं रखी गई है। यदि आप बेहतरीन रियर साइड अनुभव चाहते हैं तो ऐसे में हमारे अनुसार अल्ट्रोज़ कार आपकी सभी उम्मीदों पर खरा उतरती है।

रियर रो 

टोयोटा ग्लैंजा

टाटा अल्ट्रोज़ 

हेडरूम

935 मिलीमीटर

910 मिलीमीटर

नीरूम (न्यूनतम-अधिकतम)

770-1015 मिलीमीटर

625-850 मिलीमीटर

सीट बेस चौड़ाई

1300 मिलीमीटर

1265 मिलीमीटर

सीट बेस लंबाई

495 मिलीमीटर

450 मिलीमीटर

सीटबैक ऊंचाई 

570 मिलीमीटर

625 मिलीमीटर

शोल्डर रूम 

1330

1325

स्टोरेज की बात करें तो दोनों ही कारों में लगभग बराबर की जगह मिलती है। दोनों हैचबैक्स में चारों दरवाजों पर बॉटल होल्डर्स, कबी होल्स और कप होल्डर्स की सुविधा दी गई हैं। हालांकि, अल्ट्रोज़ में ज्यादा वॉल्यूम वाला 15-लीटर का कूल्ड ग्लवबॉक्स, डोर पर अंब्रेला होल्डर और फ्रंट पैसेंजर फूटवेल पर छोटा हुक भी दिया गया है।

अल्ट्रोज़ में 345 लीटर का बूट स्पेस मिलता है, वहीं ग्लैंजा में 339 लीटर का लगेज स्पेस है। यदि आप ट्रिप पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो दोनों ही गाड़ियों में लगेज को आसानी से कैर्री कर सकते हैं। लेकिन, अल्ट्रोज़ में लगेज को फिट करना ज्यादा आसान है। इसका बूट काफी चौड़ा है, साथ ही इसमें लोडिंग लिप भी काफी नीचे की तरफ दिया गया है। जबकि, ग्लैंजा की रियर पार्सल ट्रे थोड़ी अजीब है। ऐसे में इस गाड़ी में सामान को लोड करना भी थोड़ा मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इसमें सीटों को 60:40 रेश्यो में दिया गया है, ऐसे में जरूरत पड़ने पर बड़े लगेज को आसानी से फिट भी किया जा सकता है।    

सेफ्टी व फीचर्स :

फीचर्स के मामले में दोनों ही हैचबैक्स में काफी कुछ चीज़ें कॉमन हैं। 7-इंच के टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम को छोड़कर दोनों ही कारों में ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, ऑटोमैटिक हेडलैंप्स, रेन सेंसिंग वाइपर्स, ऑटो फोल्डिंग आउटसाइड रियरव्यू मिरर, पुश बटन स्टार्ट/स्टॉप, फ्रंट 12 वोल्ट सॉकेट और एसयूवी पोर्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं।

पैसेंजर की सुरक्षा के लिए इन कारों में ड्यूल फ्रंट एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, आइएसोफिक्स माउंट, रियर डिफॉगर वाइपर और वॉशर के साथ, रियर पार्किंग कैमरा (अल्ट्रोज़ में डायनामिक) और रियर सेंसर्स जैसे फीचर्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं। इसके अलावा अल्ट्रोज़ में क्रूज़ कंट्रोल, ड्राइव मोड (ईको, सिटी), आइडल स्टार्ट/स्टॉप सिस्टम जैसे फीचर्स भी मिलते हैं। वहीं, ग्लैंजा में ऑटो डिमिंग इंटरनल रियरव्यू मिरर और ड्राइवर साइड विंडो के लिए वन-टच अप फंक्शन भी दिया गया है।

राइड व कम्फर्ट

अगर आप ज्यादा समय सिटी राइड्स में बिताते हैं तो ऐसे में ग्लैंजा के साथ आपको कोई परेशानी नहीं आएगी। राइड्स के दौरान इसमें रोड की छोटी-मोटी खराबी या फिर स्पीड ब्रेकर्स का झटका बिलकुल भी महसूस नहीं होता। वहीं, बड़े गड्ढों से गुज़रने पर पैसेंजर्स को झटका जरूर महसूस होता है, लेकिन इसके बावजूद भी यह गाड़ी बिलकुल भी असुविधाजनक नहीं लगती है। मगर, इसके सस्पेंशन की आवाज़ कम भीड़भाड़ वाली रोड पर लंबे समय तक ड्राइव करते समय काफी तेज़ सुनने को मिलती है। वहीं, अल्ट्रोज़ के सस्पेंशन थोड़े कड़े हैं। केबिन के अंदर बैठे पैसेंजर्स को इसमें हल्का-फुल्का झटका जरूर महसूस होता है, लेकिन इससे उन्हें कभी भी ज्यादा परेशानी नहीं होती। यह बड़े स्पीड ब्रेकर्स को आसानी से पार कर लेती है। इस दौरान कार में पीछे की तरफ बैठे पैसेंजर्स भी एकदम स्टेबल रहते हैं। अल्ट्रोज़ के मुकाबले ग्लैंजा (170 मिलीमीटर) में 5 मिलीमीटर का ज्यादा ग्राउंड क्लियरेंस मिलता है। लेकिन, ख़राब व टूटी फूटी सड़कों पर यह अंतर ज्यादा मायने नहीं रखता। 

दोनों कारों में सबसे ज्यादा फर्क हाइवे राइड्स के दौरान देखने को मिलता है। हाइवे पर राइडिंग के दौरान अल्ट्रोज़ एकदम बैलेंस्ड रहती है। इस हैचबैक के अंदर बैठे पैसेंजर्स का बॉडी रोल एकदम कंट्रोल में रहता है। इसका एनवीएच लेवल भी काफी अच्छा है। ऐसे में लंबी दूरी के सफर के लिए हम अल्ट्रोज़ को ही चुनेंगे। वहीं, अगर आप सिटी में ज्यादा समय बिताते हैं तो ऐसे में ग्लैंजा भी आपको बिलकुल निराश नहीं करेगी। 

ड्राइव

आप इमेज में जो पेट्रोल (ग्लैंजा) और डीजल (अल्ट्रोज) को देख रहे हैं उनका हमने सीधा कंपेरिजन नहीं किया है। यदि आप ड्राइवर सीट पर ज्यादा समय बिताना पसंद करते हैं तो टाटा अल्ट्रोज़ के ड्राइविंग अनुभव की जानकारी यहां प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, टोयोटा ग्लैंजा का रिव्यू यहां पढ़ सकते हैं

टोयोटा ग्लैंजा में इंजन के साथ सीवीटी गियरबॉक्स का ऑप्शन दिया गया है, जिसकी कमी अल्ट्रोज़ में रखी गई है। अब कंपनी अल्ट्रोज़ के ऑटोमैटिक वर्जन पर भी काम कर रही है।

प्राइस (सभी कीमतें एक्स शोरूम दिल्ली)

टोयोटा ग्लैंजा (केवल पेट्रोल)

टाटा अल्ट्रोज़ पेट्रोल

अल्ट्रोज़ डीजल

जी एमटी : 7.01 लाख रुपए

एक्सई :  5.29 लाख रुपए

एक्सई : 6.29 लाख रुपए

जी एमटी माइल्ड हाइब्रिड : 7.48 लाख रुपए

एक्सएम : 6.15 लाख रुपए

एक्सएम : 7.75 लाख रुपए

वी एमटी : 7.64 लाख रुपए

एक्सटी :  6.84 लाख रुपए

एक्सटी : 8.44 लाख रुपए

जी सीवीटी : 8.33 लाख रुपए

एक्सज़ेड: 7.44 लाख रुपए

एक्सज़ेड : 9.04 लाख रुपए

वी सीवीटी :  8.96 लाख रुपए

एक्सज़ेड (ओ): 7.69 लाख रुपए

एक्सज़ेड (ओ): 9.29 लाख रुपए 

निष्कर्ष : 

स्पेस, कम्फर्ट और फीचर्स के मामले में अल्ट्रोज़ काफी अच्छी कार है। पैसेंजर्स के लिए इस कार में अंदर जाना व बाहर निकलना बेहद आसान है। इसमें चार से पांच पैसेंजर्स के बैठने के लिए अच्छी-खासी सीटिंग स्पेस दी गई है। वहीं, ग्लैंजा की बात करें तो यह भी काफी स्पेशियस कार है। हालांकि, अल्ट्रोज़ के केबिन में स्पेस का इससे ज्यादा अच्छा है। ग्लोबल एनकैप क्रैश टेस्ट में अल्ट्रोज़ को पैसेंजर सेफ्टी के लिए 5-स्टार रेटिंग भी मिल चुकी है। ग्लैंजा की शुरूआती प्राइस के मुकाबले अल्ट्रोज़ की कीमत (5.44 लाख रुपए) कम है। जहां ग्लैंजा की प्राइस 7.01 लाख रुपए से शुरू होती है, वहीं अल्ट्रोज़ की शुरूआती कीमत 5.44 लाख रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली) है। हमारे अनुसार इस एंट्री लेवल प्राइस पॉइंट पर अल्ट्रोज़ काफी अच्छी कार है। वहीं, ग्लैंजा के जी वेरिएंट की बात करें तो इसमें अल्ट्रोज़ के मुकाबले कई दमदार फीचर्स स्टैंडर्ड दिए गए हैं।  

दोनों कारों को कम्पेयर करें तो ग्लैंजा के मुकाबले टाटा अल्ट्रोज़ को चुनना ज्यादा बेहतर ऑप्शन है। ऐसे में हम आपको इसे खरीदने की सलाह देंगे।

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